RE: kamukta Sex kahaaniya किरण की कहानी
किरण की कहानी पार्ट--17
लेखक-- दा ग्रेट वोरिअर
हिंदी फॉण्ट बाय राज शर्मा
गतांक से आगे........................
अब मैं उसके सामने बिल्कुल ही नंगी खड़ी थी मेरी आज ही की शेव की हुई चिकनी चमकदार चूत देख के उस ने कहा आप बोहोत ही खूबसूरत है मेडम. इतनी खूबसूरत मैं ने किसी को नही देखा आप एक दम से पर्फेक्ट फिगर की हो. उसके मूह से अपनी तारीफ सुन के मुझे बोहोत अछा लग रहा था. बहेर हवा तेज़ी से चलने लगी थी और लाइट बार बार जलने बुझने लगी जैसे कही लूस कनेक्षन होगया हो तो उसने साइड मे रखी हुई एक वॅक्स कॅंडल जला दी और एक कोने मे रख दी और उसके सामने एक कार्ड बोर्ड रख दिया ता के बहेर की हवा से कॅंडल बुझ ना जाए. मैं ने हस्ते हुए पूछा के क्या नाप लेते टाइम पे तुम सिर्फ़ लड़कियो को ही नंगा करते हो या तुम भी नंगे हो जाते हो तो वो शर्मा गया और कहा के अगर लड़की चाहे तो मैं भी
नंगा हो के ही नाप लेता हू तो मैं ने फिर हंसते हुए कहा के अब क्या इरादा है तो उसने कहा के मेडम अगर आप चाहे तो मैं भी आप की तरह ही नंगा हो के नाप ले सकता हू. मैं ने कहा तुम्हारी मर्ज़ी और अपनी टाँगे थोड़ी खोल दी ता के वो नाप लेना शुरू कर सके. उसने मेरा इशारा शाएद समझ लिया था और बैठे बैठे ही अपनी टी-शर्ट निकाल दी अब वो सिर्फ़ लूँगी मे बैठा हुआ था और नाप लेना शुरू किया. एक बार फिर से उसके हाथ मेरे थाइस के अंदर वाले हिस्से पे लगने लगे और मेटल का पोर्षन चूत के अंदर महसूस होने लगा. उसने भी शरारत मे मेटल पोर्षन चूत के अंदर घुसा दिया और मैं ने अपनी टाँगें खोल दी. मेटल पोर्षन चूत के अंदर लगते ही मेरे मूह से मस्ती भरी सिसकारी निकल गई. उसकी उंगलियाँ मेरी चूत से टकरा रहा था और मेरी छूत और ज़ियादा गीली होने लगी. उसने बैठे बैठे पूछा के मेडम सच आप चाहती है के मैं भी नंगा हो जाउ तो मैं ने मुस्कुरा के कहा तुम्हारी मर्ज़ी मुझे तो कोई प्राब्लम नही है कियों के मैं भी तो तुम्हारे सामने नंगी खड़ी हू.
मेरी चिकनी चूत लाइट मे चमक रही थी और गीली भी हो गई थी और मुझे पक्का यकीन है के आरके को मेरी गीली चूत की स्मेल ज़रूर आरही होगी. जिस तरह वो नीचे बैठा था, मेरी चूत उसके मूह के सामने थी. उसने ऊपेर टेप की तरफ देखते देखते मेरी चूत पे किस कर दिया तो मेरी टाँगें खुद ही खुल गई और मेरा हाथ उसके सर पे चला गया और वो नील डाउन जैसे हो गया और मेरी गंद पे हाथ रख के मेरी चूत को चूमने और चूसने लगा. मैं तो वासना की आग मे पहले से ही जल रही थी उसका मूह अपनी चूत पे महसूस करते ही मैं तो जैसे दीवानी हो गई और उसके सर को पकड़ के अपनी चूत मे घुसेड़ने लगी. उसने मेरी पूरी चूत को अपने मूह मे ले के दन्तो से काटा तो मेरे मूह से मस्ती की चीख निकल गई आआआआहह और मैं एक दम से झड़ने लगी. मेरी आँखें बंद हो गई और अपनी चूत को उसके मूह से रगड़ने लगी मैं झड़ती गई और वो मेरा जूस पीता गया. जब मेरा झड़ना ख़तम हुआ तो मैं ने झुक के उसके शोल्डर्स को पकड़ा तो वो उठ खड़ा हुआ. उसने पहले ही बैठे ही बैठे अपनी लूँगी को खोल दिया था. जब वो खड़ा हुआ तो उसकी लूँगी भी नीचे गिर पड़ी और वो भी नंगा हो चुक्का था और उसका लंड स्प्रिंग के जैसे ऊपेर नीचे हो के हिल रहा था जैसे मेरी चूत को सल्यूट कर रहा हो. उसका लंड भी बोहोत ही मस्त था बड़ा और मोटा. मैं ने अपनी सारी शरम एक तरफ रख दी और एक ही सेकेंड मे उसका लंड अपने हाथ मे पकड़ लिया और दबाने लगी. वाउ मस्त और बोहोत ही कड़क लंड था उसका. अछा लंबा और मोटा लोहे जैसा सख़्त था. मैं ने एक हाथ उसके बॅक पे रख
के उसको अपनी तरफ खेच लिया और दूसरे हाथ से उसके लंड को पकड़ के अपनी चूत मे ऊपेर से नीचे और नीचे से ऊपेर रगड़ने लगी. उसने झुक के मेरे चुचिओ को अपने मूह मे ले के चूसना शुरू कर दिया. उसके लंड मे से प्री कम निकल रहा था जो चूत को स्लिपरी बना रहा था.
मेरी चूत मे जैसे आग लगी हुई थी. मैं नीचे बैठने लगी और उसके लंड को किस किया और उसके लंड को अपने मूह मे ले के चूसने लगी तो उसने मेरा सर पकड़ के अपनी गंद आगे पीछे कर के मेरे मूह को चोदना शुरू कर दिया. अब मुझ से सबर नही हो रहा था अब तो बॅस मेरी गरम और गीली चूत को उसका लंबा मोटा कड़क और तगड़ा लंड चाहिए था. मैं बैठे ही बैठे लेट गई और उसको अपने ऊपेर खेच लिया और बस उसी वक़्त बिजली चली गई और कमरा एक दम से अंधेरा हो गया पर कॅंडल की रोशनी से रूम बोहोत रोमॅंटिक लगने लगा. मैं लेट गई और उसको अपने ऊपेर खेच लिया और अपनी टांग फैला ली. आरके मेरे दोनो टाँगों के बीच मैं आ गया अपने पैर पीछे की तरफ को सीधे कर दिया और उसका लंड मेरी चूत के लिप्स के बीच मे था. अपने दोनो कोहनीओ (एल्बो) को मेरे बदन के दोनो तरफ रख के मुझ पे झुक गया और मुझे किस करने लगा. उसकी ज़बान मेरे मूह मे घुस गई थी और मुझे अपनी चूत के जूस का टेस्ट उसके मूह से आना लगा. वो अपने लंड के सुपपडे को मेरी चिकनी चूत के अंदर बहेर कर रहा था. मेरी टाँगें उसके गंद पे क्रॉस रखी हुई थी. वो सूपदे को अंदर बहेर करते करते एक ज़ोर का धक्का मारा तो मेरे मूह से मस्ती की आआआआआआआआआअहह निकल गई और उसका गरम लंड मेरी भट्टी जैसे चूत मे ऐसे घुस्स गया जैसे गरम नाइफ मक्खन मे घुस जाती है. उसका लंड बोहोत ही मोटा था उसके लंड से मेरी चूत खुल गई थी. मेरी आँख से दो ड्रॉप्स आँसू भी निकल गये. यह आँसू मस्ती के थे जिसे उसने नही देखा.
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