RE: kamukta Sex kahaaniya किरण की कहानी
कपड़े चेंज करने के लिए कियॉंके मैं कमरे मे ही थी लैकिन मैं ने कोई ख़ास ध्यान नही दिया मई समझ रही थी के वो कपड़े चेंज कर लेगी पर उसने नही किए तो मैं ने पूछा क्या हुआ तुमने चेंज नही किया तो वो थोड़ा शरमाई तो मैं समझ गई के शाएद मेरे सामने चेंज नही करना चाह रही है तो मैं ने हंस के कहा अरे डॉली हम दोनो ही फीमेल हैं और पता है फीमेल्स हमेशा एक दूसरे के सामने कपड़े चेंज करने मे शरमाते नही चलो बदल लो फिर कहा के अछा चलो मैं भी तुम्हारे सामने ही अपने कपड़े चेंज कर लेती हू ता के तुम को नेक्स्ट टाइम शरम नही आए और मैं अपने कपड़े उतारने लगी एक एक करके सारे कपड़े निकाल दिए और बिना पॅंटी और ब्रस्सिएर के एक पतली सी नाइटी पहेन ली. जितनी देर मैं चेंज करती रही डॉली मेरे बदन को घूर कर देखती रही फिर डॉली ने भी अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिए और शर्मा के मेरी तरफ देखने लगी. मैं ने देखा के उसके चुचियाँ तो अछी ख़ासी हैं बड़ी मस्त लग रही थी डॉली नंगी खड़ी हुई और उसकी चुचिओ का एरिया भी अछा है लगता है के जैसे हॅंडफुल होगा अछा ख़ासा बड़ा है ऐसा लगता था के जब चुचियाँ कुछ और बड़े हो जाएगे तो इस शेप मे आ जाएँगे. मैं ने देखा के डॉली
ने स्कर्ट के अंदर पॅंटी पहनी हुई है और पॅंटी भी भीग चुकी थी और उसकी गोरी गोरी बिना बालो की चूत सॉफ नज़र आ रही थी. वो पॅंटी नही उतार रही थी मैं ने कहा के डॉली पॅंटी भी उतार दो यह गीली रहेगी तो तुम्है सर्दी लगेगी तो उसने शरमाते हुए पॅंटी भी उतार दी और पूरी नंगी हो गई. मैं ने गौर से देखा तो वो आसमान से उतरी हुई कोई अप्सरा लग रही थी और इतना पर्फेक्ट बदन किसी स्टॅच्यू मे ही दिख सकता था.
कपड़े बदल के मैं ने डॉली की स्कर्ट, ब्लाउस और पॅंटी ले के बाल्कनी मे ड्राइ होने के लिए फैला दिए. मेरा बेडरूम ऊपेर ही है. मैं ने कहा के तुम मेरे बाथरूम मे जा के गरम पानी से शवर ले के आ जाओ और टवल लपेट लो और हा अंदर से लॉक नही करना कियॉंके शयेद अंदर से तुमसे ना खुले उसका बोल्ट कुछ टाइट है तो वो बाथरूम मे चली गई और नहा ने लगी. मेरे बाथरूम मे बड़े साइज़ का बात टब है जिस्मै कभी मैं ड्रेन होल को बंद कर के गरम पानी से टब फुल कर के उस्मै कोई पर्फ्यूम डाल के बैठ जाती हू और बात टब मे जक्कुज़्ज़ी भी लगा हुआ है जिसके बबल से मेरा बदन रिलॅक्स हो जाता है और बदन मे पर्फ्यूम की खुसबू भी आ जाती है. मैं ने ऐसा ही किया और बात टब मे गरम और ठंडा पानी मिक्स कर के डाल दिया और थोड़ा सा पर्फ्यूम भी डाल दिया और उस्मै पानी उतना ही डाला जितना डॉली के बदन को सहन सके और डॉली से कहा के थोड़ी देर वो इस्मै ऐसे ही बैठ जाए उसके बाद ड्रेन होल खोल दे तो सारा पानी निकल जाएगा और फिर बाहर आ जाए तो उसने ऐसा ही किया वो बात टब मे बैठ गई और बाथरूम का डोर खुला हुआ था. मैं अपने रूम मे अपनी अलमारी मे कपड़े ढंग से जमाने लगी. मेरा सारा ध्यान एसके की तरफ था वो दो दीनो से नही आ सका था कुछ तो बारिश का असर था कुछ उसको कम भी ज़ियादा था यही सोच रही थी और फिर अपने और एसके के सिंगपुर के ट्रिप के बारे मे सोच सोच के मेरे होटो पे मुस्कुराहट भी आ रही थी.
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