RE: kamukta Sex kahaaniya किरण की कहानी
मैं पूरी तरह से गरम हो चुकी थी. मेरा मस्ती के मारे बुरा हाल था चूत मे आग लगी हुई थी पर क्या करती अशोक अपनी मलाई मेरी चूत के बहेर ही गिरा के बाथरूम चला गया तो मैं ने अपनी उंगली चूत मे घुसेड के अंदर बहेर करना शुरू कर दिया और एसके का लंड और उसकी चुदाई का सोचते सोचते मैं बोहोत ज़ोर से झाड़ गई. अशोक ने बाथरूम से बहेर निकलते निकलते मुझे अपनी उंगली चूत मे डाल के अंदर बहेर करते देख लिया पर कुछ बोला नही शाएेद खुद ही कुछ समझ गया होगा के मैं ऐसा कियों कर रही हू कियॉंके वो अछी तरह से नही चोद सका और मैं प्यासी रह गई थी इसी लिए अपने ही हाथो अपनी चूत का मसाज कर रही हू.
थोड़ी देर के बाद मैं ने सिंगपुर की बात छेड़ दी मैं तो दिल से चाहती थी के मैं एसके के साथ जाउ और हर हर स्टाइल मे खूब चुद्वाउ. मैं ने पूछा अशोक क्या तुम सीरीयस हो मुझे एसके के साथ भेजने के लिए तो उसने कहा हा किरण जा के आ जाओ तुम्हारी भी थोड़ी आउटिंग हो जाएगी कब तक घर मे ही पड़ी रहोगी तो मैं ने कहा अशोक तुम ने सोचा है के तुम क्या कह रहे हो अगर मैं चली गई तो लोग क्या कहेगे और खुद तुम कैसा फील करोगे के मैं किसी और मर्द के साथ उसके रूम मे अकेली रहूगी तो ?? अशोक ने कहा नही किरण मैं एक फ्री माइंड का आदमी हू और यह ऐसी क्या बात है तुम फिकर ना करो मैं कुछ सोचने वाला नही हू तो मैं ने शरारत से उसके लंड को पकड़ के दबाया और कहा के अगर एसके ने मुझे यह दिखा दिया तो मैं क्या करू?? तो अशोक ने कहा किरण टम्हे पता है एसके का लंड इतना मोटा और बड़ा है उसने अपने हाथ मे फिंगर्स को मिला के कहा जो मुझे अंधेरे मे नज़र आगेया तो मैं ने पूछा
मुझे क्या करना है पर तुम्है कैसे मालूम एसके के लंड के बारे मे तो उसने बताया के फर्स्ट टाइम तो उसने कॉलेज मे ही इंटर्वल के टाइम पे क्लास मे ही अपना लंड निकाल के दिखाया था सारी क्लास को. मैं ने कहा क्या बात करते हो ऐसे कैसे कोई क्लास मे सब के सामने दिखा सकता है लेक्चरर नही थे क्या तो उसने कहा के एक दिन कॉलेज मे थे तो बारिश होने लगी और बोहोत ज़ोर की होने लगी उस दिन लेक्चरर क्लास मे नही आए और फिर एसके को पिशाब करना था बहेर जाना मुश्किल था तो किसी ने मज़ाक से कहा के अरे यार खिड़की (विंडो) मे खड़े हो जाओ और मूत दो तो उसने सच मे ऐसे ही किया और अपने बेंच पे खड़ा हो गया और विंडो मे खड़े हो के पॅंट मे से लंड बहेर निकाला और मूतने लगा तो सारे लड़के और लड़कियाँ हैरत से देखने लगे और जितनी देर तक वो मूत ता रहा सारे लड़के और लड़किया उसके इतने मोटे और बड़े लंड को देखते रहे और फिर कहा के अगर तुम्है भी कभी चान्स मिले तो तुम भी देखना मैं ने तो कभी किसी का इतना बड़ा और इतना मोटा लंड नही देखा. अब मैं अशोक से कैसे कहती के मैं उस लंड को जिसकी वो इतनी तारीफ कर रहा है मैं अपने बदन के हर छेद मे वो वंडरफुल लंड डलवा चुकी हू और उसकी क्रीम खा के पेट भी भर चुकी हू. मैं ने कहा धात्ट मैं क्या करूँगी उसका लंड देख के मुझे तो बॅस तुम्हारा ही लंड चाहिए मुझे किसी और के लंड से क्या लेना देना है तो वो हँसने लगा और कहा के वो तो है ही पर अगर कभी चान्स मिले तो ट्राइ ज़रूर करलेणा मैं ने बात ख़तम करने को कहा के ठीक है देखेंगे और फिर हम दोनो सो गये.
उस रात हम देर तक एसके की बातें करते रहे थे इसी लिए सुबह देर से उठे और शवर लिया और ब्रेकफास्ट तय्यार कर के टेबल पे बैठ के नाश्ता करने लगे. नाश्ता करते करते तकरीबन 10 बज चुके थे तो अशोक ने कहा के उसको देर हो रही है और वो रेडी होने के लिए चला गया इतनी देर मे मैं कॉफी बना के ले आई. अशोक रेडी हो के आए तो कॉफी रेडी थी दोनो कॉफी पीने लगे इतने मे ही बेल बजी मैं ने डोर खोला तो एसके खड़े थे. अंदर आते ही कहा अरे इतनी देर से नाश्ता कर रहे हो क्या बात है तो हम ने कहा के हा रात देर तक बातें कर रहे थे और सोने तक बोहोत रात हो गई थी इसी लिए सुबह देर से आँख खुली. मैं एक और कप कॉफी ले के आ गई और एसके को दे दिया तो वो भी कॉफी पीने लगा और बोला के वाह क्या मस्त कॉफी बनाई है आज किरण ने.. अशोक ने कहा के सुनो एसके रात हम ने डिसाइड कर लिया है और किरण तुम्हारे साथ जाने के लिए रेडी हो गई है तो बाकी के अरेंज्मेंट्स मैं तुम पे छोड़ देता हू तुम जैसे चाहो कर्लो और शाएेद मुझे भी कुछ दीनो के लिए मुंबई जाना पड़े तो ठीक है मैं मुंबई चला जाउन्गा और तुम दोनो सिंगपुर
चले जाना. एसके ने कहा ठीक है अगर तुम दोनो ने मिल के डिसाइड किया है तो मुझे क्या प्राब्लम हो सकती है मैं सारे अरेंज्मेंट्स करलूंगा.
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