RE: kamukta Sex kahaaniya किरण की कहानी
किरण की कहानी पार्ट--12
लेखक-- दा ग्रेट वोरिअर
हिंदी फॉण्ट बाय राज शर्मा
गतांक से आगे........................
एसके ने कहा देखो यार मुझे ले जाने मे कोई ऐसी प्राब्लम तो नही है पर तुम्है तो पता है के वाहा बहेर रूम्स या घर तो रेंट पे नही मिलते और होटेल मे सिंगल रूम्स काफ़ी एक्सपेन्सिव होते है और डबल बेड के रूम मे एक ही बेड होता है और मैं सोफे पे सोता नही और किरण को मैं सोफे पे सुला नही सकता रहने दो मैं तो ऐसे ही मज़ाक कर रहा था तो अशोक ने कहा
अरे यार ऐसी भी क्या बात है एक ही रूम मे रह लेना और मेरी तरफ मूड के अशोक ने कहा के कियों किरण तुम रह सकती हो ना एसके के साथ एक ही रूम मे ?? बेड के एक तरफ तुम सो जाना और एक तरफ एसके सो जाएगा तो मैं ने शरम से लाल लाल हो के कहा तुम भी कैसी बातें करते हो अशोक बिना सोचे समझे तुम्है कुछ पता भी है के तुम क्या कह रहे हो ? तो उसने कहा अरे यार किरण जाओ थोड़ा घूम फिर के आओ बहेर की दुनिया देख लो इंडिया मे कहा कहा फ़िरो गी मैं तो तुम्है नही ले जा सकता एसके के साथ जाने मे क्या प्राब्लम है तो मैं ने कहा क्या अशोक तुम भी ना ऐसे ऐसे प्रपोज़ल दे रहे हो जो तुम भी जानते हो के कभी नही हो सकते तो अशोक ने कहा कियों नही हो सकते अरे बाबा मैं तुम्है पर्मिशन दे रहा हू ना और एसके मेरा बचपन का दोस्त है और हम दोनो ने बोहोत मस्तियाँ भी की है मैं एसके को अछी तरह से जानता हू और फिर अशोक और एसके दोनो साथ मे हँसने लगे और एसके ने कहा क्या यार अशोक जाने दो ना किरण के सामने क्या लगाए बैठे हो तुम हमारी पुरानी बातें वो भी क्या सोचेगी हमारे बारे मे तो मैं ने हंस के कहा नही मैं कुछ नही सोचने वाली जवानी मे तो हर कोई एंजाय करता ही है हो सकता है आप लोगो ने भी कुछ ऐसे ही एंजाय क्या होगा मैं ने आँख मरते हुए कहा तो अशोक ने कहा के हा बाबा तुम भी तो जवान हो जाओ और थोड़ा एंजाय कर के आओ.
एसके ने बात ख़तम करते हुए कहा के यार अभी तो टाइम पड़ा है तुम दोनो मिल के सॉर्ट आउट कर लो मुझे तो कोई प्राब्लम नही है किरण मेरे साथ जा सकती है ऐसी कोई बात नही. जब तुम लोग डिसाइड करलो तो बता देना मैं सारे अरेंज्मेंट्स कर लूँगा और फिर अशोक से हाथ मिला के और मेरे शोल्डर पे हाथ रख के अपनी तरफ थोड़ा सा खेचा और गुड बाइ कह के वो चला गया. उसके जाने से मैं उदास हो गई और मेरी आँख से आँसू भी निकल आए तो मैं घूम के बाथरूम मे चली गई. मुझे लगा के अशोक ने मुझे रोते देख लिया है.
एसके के चले जाने के बाद हम सोने के लिए अपने बेडरूम मैं चले गये. मुझे टोटल डार्कनेस मे नंगा सोने की आदत है इसी लिए सोने के टाइम पे हम नाइट लॅंप नही लगाते. और यह सोच के नंगा सोती हू के कभी अशोक की आँख खुल जाए और उसका मूड आजाए तो हो सकता है के कभी मुझे सही ढंग से चोद दे जब के ऐसा कभी हुआ नही. अंधेरे मे लेटे लेटे अशोक ने मेरे चुचिओ को दबाना और मसलना शुरू किया तो मैं ने उसका आधा उठा हुआ लंड अपने हाथ मे पकड़ लिया और दबाने लगी. अशोक का एक हाथ मेरी चूत का मसाज कर रहा था और मैं गरम होने लगी और चूत मे से जूस निकलने लगा. अशोक को हमेशा ही चुदाई की जल्दी होती है चाहे उसका लंड पूरी तरह से खड़ा हुआ हो या नही तो आज भी यही हाल
था उसका लंड अभी पूरी तरह से सख़्त भी नही हुआ था और वो मेरे बदन पे चढ़ आया और टाँगों के बीचे बैठ के अपने आध खड़े लंड को मेरी चूत मे रगड़ने लगा उसके लंड से थोड़ा प्रेकुं तो निकल रहा था जिस से मेरी चूत स्लिपरी तो हो गई थी पर उसके लंड मे अभी भी सख्ती नही आई थी वो मेरे ऊपेर झुक आया और लंड को चूत मे घुसाने की कोशिश करने लगा और लंड का सूपड़ा तो अंदर घुस ही गया किसी तरह से शयेद चूत बोहोत गीली हो गई थी या उसके प्रेकुं से एनिहाउ लंड का सूपड़ा तो अंदर घुसा और उसने एक झटका मारा और लंड अंदर घुसेड़ने की कोशिश की पर उसी समय उसके लंड मे से मलाई निकल गई और थोड़ी चूत के अंदर और थोड़ी चूत के बहेर ही निकल गई तो मेरे मूह से “ओह शिट” निकल गया. अशोक गहरी सांस लेता हुआ मेरे ऊपेर से लुढ़क के मेरे बाज़ू मे लेट गया.
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