RE: kamukta Sex kahaaniya किरण की कहानी
सुबह उठी तो तबीयत कुछ अजीब सी लग रही थी. बेड पे ही काफ़ी देर तक लेटी रही रात की चुदाई का सोच सोच के मुस्कुराती रही और फिर जब उठ के बाथरूम जाने लगी तो पता चला के मेरी चूत काफ़ी सूज गई है और चूत मे बोहोत दरद हो रहा था. मैं बाथरूम मे गई और गरम गरम पानी से शवर लिया और चूत मे साबुन लगा के गरम पानी से ढारा तो जब कही जा के चूत की तकलीफ़ कुछ कम हुई और शवर से बहेर निकल के अपने बदन को टवल मे लपेट के बदन सूखा रही थी तो सारे बदन मे एक मीठा मीठा सा दरद हो रहा था जो बोहोत अछा लग रहा था और मैं गुनगुनाने लगी “ आज मैं जवान हो गई हू ओ मिट्ठू मिया आज मैं जवान हो गई हू. मुझ को भूलेगा ना यह दिन यह साल यह महीना ओ मिट्ठू मिया”…………………. नहा ने के बाद कपड़े चेंज किए और कॉफी बना के पीने लगी. रात मे कुछ खाया भी नही था और सच मानो कुछ खाने का मूड भी नही कर रहा था तो कॉफी के साथ कुछ बिस्किट्स खा लिए और मैं फ्रेश हो गई तो मुझे कल एसके के साथ अपनी चुदाई का हाल याद आ गया तो मैं फिर से मुस्कुराने लगी और एसके का ख़याल आते ही मैं ने ऑफीस के टेलिफोन पे एसके का नंबर डाइयल किया.
हेलो
हाई किरण कैसी हो
छोटी सी चूत को फाड़ के अब पूछते हो कैसी हू ? मैं ने हंसते हुए कहा तो वो भी हस्ने लगा. मैं ने पूछा तुम कैसे हो तो उसने कहा के जब से तुम्हारे घर से वापस आया हू किसी काम मे दिल नही लग रहा है तुम्हारी याद सता रही है और तुम्हारी बाँहो मे सोने का मन कर रहा है तो मैं ने हंस के कहा आ जाओ ना फिर देखो मैं तुम्हारा ही इंतेज़ार कर रही हू तो एसके ने हंसते हुए पूछा के तुम इंतेज़ार कर रही हो या तुम्हारी चूत ?? मैं ने हंस के कहा खुद ही आ के पूछ लो वो तो ज़ख़्मी है शाएद उसको मसाज की ज़रूरत पड़ेगी तो एसके ने फिर से हंसते हुए कहा के चलो अगर चूत ज़ख़्मी है तो आज गंद से ही काम चला लेते हैं तो मेरे मूह से एक दम से चीख निकल गई न्न्नणन्नाआअहीईईईईईईई तो वो हँसने लगा और कहा के चलो मैं आता हू थोड़ी देर मे और खुद ही पूछ लूँगा के कौन मुझे याद कर रहा है फिर एसके ने पूछा रात नींद कैसी आई किरण तो मैं ने कहा बहुत वंडरफुल नींद आई ऐसी मस्ती मे सोई जैसे बे होश हो गई हू और बॅस अभी अभी आँख खुली है. बॅस अभी शवर ले के आई हू मुझ से तो ठीक से चला भी नही जा रहा है कुछ मीठा मीठा सा दरद सारे बदन मे है. एसके हँसने लगा और कहा अभी क्या इरादा है मैं ने कहा आ जाओ अब तुम्हारे बिना एक मिनिट भी जी नही लग रहा है. एसके ने कहा मेरा भी
यही हाल है. मैं ने कहा एसके क्या आज की रात मेरे साथ रुक सकते हो मैं अकेली हू और अशोक भी शाएद 1 वीक के बाद ही आएगा तो उसने कहा हा रुक तो सकता हू पर एक शर्त है अगर तुम रेडी हो गई तो मैं आज की रात क्या अशोक के आने तक तुम्हारे पास ही रुक सकता हू. एक वीक तक हर रात मेरे साथ गुज़ारने का सुन के मैं तो जैसे खुशी से पागल हो गई और कहा के एसके तुम एक वीक तक मेरे साथ गुज़रोगे तो मुझे तुम्हारी हर शर्त मंज़ूर है और नेक्स्ट टाइम के लिए भी सारी शर्तें मंज़ूर हैं बॅस तुम आ जाओ और मेरे साथ एक वीक की सारी रातें गुज़ारो मैं तुम्हारे लिए कुछ भी कर सकती हू अपनी शर्त बोलने की ज़रूरत नही है ओके तो एसके ने कहा देखो सोच समझ के जवाब दो और मेरी शर्त तो सुन लो तो मैं ने कहा मुझे कुछ नही सुनना है बॅस मैं ने कह दिया ना के मुझे तुम्हारी हर शर्त बिना सवाल के मंज़ूर है तो उस ने कहा ठीक है अगर तुम्हारा यही फ़ैसला है तो ओके मैं आज से एक वीक की सारी राते तुम्हारे ही साथ गुज़रुँगा. और हां तुम आज सारा दिन रेस्ट ले लो और सो जाओ कियोन्के मैं आज की रात से एक वीक तक की रातें तुम्है सोने नही दूँगा. यह सुन के मेरा दिल खुशी के मारे उछल ने लगा मैं बच्चो की तरह से खुश हो गई.
एसके ने कहा तो ठीक है मैं ऑफीस ख़तम कर के सीधे तुम्हारे पास ही आ जाउन्गा और तुम डिन्नर तय्यार नही करना मैं पिज़्ज़ा हट से सूपर सुप्रीम पिज़्ज़ा ले के आ रहा हू ओके तो मैं ने कहा ठीक है और वेट करने लगी. वाउ एसके एक वीक तक मेरे साथ ही रहेगा तो खुशी के मारे मुझ से खाना भी नही खाया गया मैं बे सबरी से रात का और एसके का इंतेज़ार करने लगी. जैसे तैसे लंच किया और सोने के लिए बेड पे लेट गई पर नींद कहा आती मेरा सारा दिमाग़ तो एसके के लंड मे अटक के रह गया था बॅस बेड पे लेटी रेस्ट लेती रही और चुदाई का ख़याल आते ही मुस्कुरा देती.
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