RE: kamukta Sex kahaaniya किरण की कहानी
किरण की कहानी पार्ट--8
लेखक-- दा ग्रेट वोरिअर
हिंदी फॉण्ट बाय राज शर्मा
गतांक से आगे........................
अब एसके ने मुझे पलटा दिया मैं उसके बदन के दोनो तरफ घुटने मोड़ के बैठी थी जैसे घोड़े की सवारी कर रही हू. उसका मिज़ाइल जैसा लंड सीधा खड़ा था. मैं थोड़ा सा ऊपेर उठी और उसकी लंड के सूपदे को अपनी चूत के सुराख मे रगड़ने लगी गीली चूत और चिकना प्री कम से भरा हुआ लंड का सूपड़ा मेरी चूत के अंदर आसानी से घुस गया. अब तो मेरी चूत का सुराख बोहोत ही बड़ा हो चुका था. इतने बड़े मोटे और लोहे जैसे लंड से जो चुद चुकी थी. अब मैं ने धीरे धीरे उसके मूसल लंड पे बैठना शुरू किया तो वो मेरी गीली चूत के अंदर घुसने लगा उसी समय मे एसके ने मुझे झुका लिया और मेरी चुचिओ को अपने मूह मे ले के चूसना शुरू कर दिया और निपल्स को काटने लगा तो मैं और ज़ियादा मस्ती मे आगाई और अब वो अपनी गंद उठा के अपने लंड को मेरी चूत मे अंदर बहेर करने लगा. अब उसका चिकना लंड गीली चूत मे आधा ही आसानी से घुस रहा था उसने देखते ही देखते अपनी गंद को ज़ोर से ऊपेर उठाया और लंड को जड़ तक मेरी चूत के अंदर पेल दिया और मेरी आँख मे फिर से पानी आ गया और मूह से ऊऊऊऊऊओिईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई म्म्म्ममममाआआआआआआआआअ निकल गया और मैं उचक के लंड को बहेर निकालने की कोशिश करने लगी पर एसके ने मुझे ज़ोर से पकड़ा हुआ था अब मैं फिर गहरी गहरी साँसें ले रही थी बोहोत दरद हो रहा था थोड़ी ही देर के बाद मेरी चूत फिर से उसके लंड को अपने अंदर अड्जस्ट कर पाई थी. थोड़ी देर ऐसे ही लेटे रहने के बाद मेरी कुछ ब्रीदिंग ठीक हुई तो एसके ने अपनी गंद उठा उठा के मुझे चोदना शुरू कर दिया और मेरी चुचिओ को चूसने लगा तो मुझे भी अब मज़ा आने लगा और मैं उसके मूसल लंड पे उछलने लगी जब उसका लंड चूत के अंदर घुसता तो लगता जैसे चूत फाड़ के मेरे पेट (स्टमक) तक घुस्स आया हो. बहुत मज़ा आ रहा था उसने मेरी डॅन्स करते हुए चुचियो को पकड़ के चूसना शुरू कर दिया और मैं झड़ने लगी पर उसके लंड से मलाई निकलने का नाम ही नही ले रही थी.
मैं झाड़ चुकी थी और मेरे हाथ पैर ढीले हो गये थे. एसके समझ गया के अब मैं टोटली खल्लास हो चुकी हू तो उसने मुझे पीछे को हटा दिया और अपनी फैली हुई टांगो के बीच मे लिटा लिया और मेरे सर को उठा के मेरे मूह मे अपना मोटा लंड घुसा दिया. उसके लंड पे लगा हुआ मेरा जूस अछा लग रहा
था मैं उसके लंड को चूस्ति रही अब मैं उसके लंड को थ्रोट तक अंदर ले के चूस रही थी एसके के हाथ मेरे सर पे थे और वो मेरे सर को पकड़ के मेरा मूह अपने लंड मे घुसा रहा था और अपनी गंद उठा उठा के मेरी मूह को चोद रहा था. मुझे लगा के उसका मूसल जैसा लंड मेरे मूह के अंदर फूल रहा है और इस से पहले के मैं कुछ समझ पाती और अपना मूह लंड पे से हटा सकती उसने एक ज़ोर दार धक्का मारा जिस से उसके लंड का सूपड़ा मेरे हलक (थ्रोट) मे घुस गया और उसके लंड मे से मलाई की पिचकारियाँ निकलने लगी जो डाइरेक्ट मेरे हलक मे चली गई मैं उसका लंड चूस्ति रही और उसकी मलाई खाती रही. जब वो पूरी तरह से झाड़ चुका तो मुझे अपने ऊपेर खेच के मेरे मूह मे अपनी जीभ डाल के फ्रेंच किस करने लगा जिस पे उसकी मलाई का टेस्ट था. उसका लंड अब थोड़ा सा सॉफ्ट हो चुका था और हमारे बंदन के बीच मे सॅंडविच बना हुआ था. ऐसे ही हम दोनो एक दूसरे के बदन पे पड़े रहे. थोड़ी देर के बाद हम दोनो ने एक साथ शवर लिया मैं ने उसके लंड को धोया उसने मेरे चूत को धोया और शवर से बहेर निकल के उसने अपने कपड़े पहने और किस करने लगा मेरे चेहरे को अपने हाथो मे ले लिया और बोला के किरण तुम बोहोत ही खूबसूरत हो और
आइ लव यू वेरी मच यू आर दा बेस्ट और मैं किसी कुवारि लड़की की तरह से शर्मा रही थी.
और जब एसके जाने लगे तो मैं उनके सीने से लिपट गई और मेरी आँख मे आँसू निकलने लगे मैं रोने लगी मुझे एक ही दिन मे एसके से अपनी जान से ज़ियादा प्यार हो गया था. वो मुझे किस करने लगे और कहने लगे अरे किरण ऐसे रोया नही करते मैं हू ना तुम्हारे साथ तुम किसी बात की फिकर नही करना मैं तुम्हारा ज़िंदगी भर साथ नही छोड़ूँगा. मैं तुमसे मोहब्बत करने लगा हू बॅस यह राज़ मेरे और तुम्हारे दरमियाँ ही रहने दो अशोक को इसकी खबर ना हो नही तो अछी बात नही होगी वो क्या फील करेगा मेरे बारे मे. मैं ने आँसू भरी आँखों से एसके की तरफ देखा और अपना सर हा मे हिला दिया. मैं एसके को छोड़ना ही नही चाह रही थी कस्स के पकड़ा हुआ था. मैं चाह रही थी के आटीस्ट आज की रात एसके मेरे साथ ही रहे और सारी रात मुझे प्यार करता रहे और मैं उसकी बाहों मे मूह छुपा के सो जाउ पर क्या करती मजबूरी थी उसको भी अपने घर जाना था उसके भी तो बीवी बच्चे थे. आँसू भरी आँखों से एसके को सी ऑफ किया और बेड पे गिर के रोने लगी. यह एक अजीब से रिलेशन्स की फाउंडेशन थी जिसे क्या नाम दू मेरी समझ मे नही आ रहा था बस मेरा दिल रोने को चाह रहा था और मैं रोते रोते कब सो गई पता ही नही चला.
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