RE: kamukta Sex kahaaniya किरण की कहानी
किरण की कहानी पार्ट--6
लेखक-- दा ग्रेट वोरिअर
हिंदी फॉण्ट बाय राज शर्मा
गतांक से आगे........................
एक दिन ऐसे हुआ के मैं काम कर रही थी और एसके आ गये और मेरे पीछे खड़े हो के काम देखने लगे. कभी कभी कोई मिस्टेक हो जाती तो बता देते. मैं काम मे बिज़ी थी देखा तो एसके मेरे पीछे नही थे मैं ने सोचा के शाएद काम कोईहो गा और चले गये होगे और मैं उठ के बाथरूम मे गई.बाथरूम का डोर खोल एक अंदर पैर रखते ही एक शॉक लगा एसके वाहा खड़ा पिशाब कर रहा था और उसने अपना इतना मोटा गधे जैसा लोड्ा हाथ मे पकड़ा हुआ था. पूरा हाथ मे पकड़ ने के बाद भी उसका लंड उसके हाथ से बाहर निकाला हुआ था और अभी वो एरेक्ट भी नही था मैं एक ही सेकेंड के अंदर पलटी और ऊहह सॉरी कह के बाहर निकल गई और सोचने लगी के अभी उसका लंड आकड़ा नही है तो यह हाल है उसके लोड्े का और जब अकड़ जाएगा तो क्या हाल होगा और यह तो लड़कियों की चूते फाड़ डालेगा. इसी सोच के साथ मैं दूसरे बाथरूम मे चली गई और पिशाब कर के वापस आ गई और अपने काम मे लग गई. एसके फिर से मेरे पीछे आ के खड़ा हो गया और मेरा काम देखने लगा. मैं काम तो कर रही थी पर मेरा सारा ध्यान उसके लंड मे था और उसका लंड जैसे ही मेरे मन मे आया मेरी चूत गीली होनी शुरू हो गई. एसके को भी पक्का यकीन था के मैं ने उसके लंड को देख लिया है और सब की तरह मैं भी हैरान रह गई हू.
मैं काम मे बिज़ी थी वो पीछे खड़ा था. अब उसने मेरे शोल्डर पे हाथ रख दिया और कहा के किरण तुम्हारा ध्यान किधर है. मैं गड़बड़ा गई और सोचने लगी के उसको कैसे पता चला के मैं मन मे क्या सोच रही हू और मैं खामोश रही तो उसने कहा के देखो तुम ने कितनी एंट्रीस ग़लत कर दी है. मैं और घबरा गई कियॉंके सच मे मेरा ध्यान काम मे था ही नही मेरा दिमाग़ तो एसके के लंड मे ही अटक के रह गया था.
मैं घर मे कभी शर्ट सलवार, कभी सारी और कभी कभी तो नाइटी मे ही काम करने बैठे जाती थी कियॉंके घर मे और कोई होता भी तो नही था इसी लिए जो पहना हो वैसे ही बैठ जाती थी. उस दिन मैं ने लाइट स्काइ ब्लू कलर की सारी पहनी थी जो मेरे बदन पे बोहोत अछी लग रही थी. मेरे शोल्डर्स खुले हुए थे और एसके के दोनो हाथ मेरे शोल्डर पे थे. उसके गरम हाथो के स्पर्श से मेरा सारा बदन जलने लगा और मेरी ज़बान लड़खड़ा ने लगी मैं कुछ बोलना चाहती थी और ज़बान से कुछ और निकल रहा था. मेरे सारे बदन मे जैसे बिजली का करेंट दौड़ रहा था दिमाग़ मे सायँ सायँ होने लगी थी.
एसके के दोनो हाथ अब मेरे शोल्डर्स से स्लिप हो के मेरे चुचिओ पे आ गये थे और मेरी आँखें बंद होने लगी थी. पहले ब्लाउस के ऊपेर से ही दबा ता रहा और फिर बिना हुक्स खोले के ऊपेर से ही ब्लाउस के अंदर हाथ डाल दिए. मैं उसुअल्ली घर मे रहती हू तो ब्रस्सिएर नही पेहेन्ति हू तो उसके हाथ डाइरेक्ट मेरी चुचिओ के ऊपेर आ गॅये और वो उनको मसल्ने लगा. मेरी चेर सेक्रेटरी चेर टाइप की थी जिसमे नॉर्मल चेर की तरह से बॅक रेस्ट नही था बलके पीठ की जगह पर एक छोटा सा रेस्ट था और चेर के बैठने की जगह से बॅक रेस्ट तक की पतली सी प्लास्टिक लगी हुई थी जिस से मेरा पीछे से सारा बदन एक्सपोज़्ड था एक्सेप्ट के मेरी पीठ का वो भाग जहा छोटा सा कुशन का बॅक रेस्ट था. एसके मेरे और करीब आ गया तो उसके लंड का स्पर्श मुझे मेरे बदन पे महसूस होने लगा मैं तो पहले से ही गीली हो चुकी थी उसका हाथ चुचिओ पे महसूस कर के और जब लंड मेरे बदन से लगा तो मैं अपनी जांघे एक दूसरे से रगड़ने लगी और एक ही मिनिट मे झाड़ गई और मेरे मूह से एक लंबी से आआआआआअहह निकल गई और मैं अपनी चेर पे थोड़ा सा और आगे को खिसक गई और मेरे पैर ऑटोमॅटिकली खुल गये और मेरी आँखें बंद हो गई और मैं रिलॅक्स हो गई और अब मुझे यकीन होगया के आज मेरे मंन की मुराद पूरी होने वाली है.
एसके मेरी चुचिओ को मसल रहा था और मैं इतनी मस्त हो चुकी थी के दिखावे का विरोध भी नही कर सकी और मेरे हाथ उसके हाथ पे आ गये और मैं उसके हाथो को सहलाने लगी. उसने मेरी दोनो चुचिओ को पकड़ लिया और दबा ने लगा निपल्स को पिंच करने लगा. मैं इतनी मस्त हो चुकी थी के अपने ही हाथो से अपने ब्लाउस के हुक्स खोल ने लगी. हुक खुल गये और अब वो मेरे चुचिओ को अछी तरह से मसल रहा था और कह रहा था के आअहह किरण क्या मस्त चुचियाँ है लगता है अशोक इन्है दबाता नही मैं कुछ नही बोली खामोश रही. वो मेरे पीछे से ही झुक के मेरे नेक पे किस करने लगा और उसके लिप्स मेरे बदन पे लगते ही मेरे बदन मे एक करेंट सा दौड़ने लगा.
और ऐसे ही किस करते करते वो झुके हुए ही मेरे चुचिओ को किस करने लगा तो मेरे हाथ ऑटोमॅटिकली उसके नेक पे चले गये और मैं उसको अपनी तरफ खेचने लगी.
अब एसके मेरे पीछे से हट के मेरे सामने आ गया था. उसकी पॅंट मे से उसका लंड बहेर निकलने को बेताब था. उसने मेरा हाथ पकड़ा और मेरे हाथ को अपने लंड पे रख दिया और सच मानो मैं अपना हाथ वाहा से हटा ही नही सकी और उसने मेरे हाथ को ऐसे दबाया जैसे मेरा हाथ उसके लंड को दबा रहा हो. उसने अपनी पॅंट के ज़िप खोल दी और बोला के किरण बहेर निकाल लो तो मैं ने उसका अंडरवेर नीचे को हटा दिया और उसका लंड बहेर निकाला तो वो एक दम से उछल के मेरे मूह के सामने आ गया और मैं तो सच मे डर ही गई इतना लंबा मोटा लंड जो सर्कमसीज़्ड था और उसका मशरूम जैसा चिकना सूपड़ा चमक रहा था और जोश के मारे हिल रहा था बहेर निकाल लिया और मेरे मूह से निकल गया वववूऊओ यह क्या है एसके इतना बड़ा और मोटा यह तो किल्लर है यह तो जान ही ले लेगा तो वो हँसने लगा और बोला के आज से यह तुम्हारा ही है जब चाहो ले लेना और साथ मे अपना पॅंट नीचे कर के पॅंट उतार दिया. उसका इतना मोटा और लंबा लंड देख के मैं तो सच मे घबरा गई थी और मन मे ही सोचने लगी के यह तो मेरी चूत को फाड़ के गंद मे से बाहर निकल जाएगा. इतना मस्त सर्कमसीज़्ड लंड और उसका सूपड़ा भी बोहोत ही मोटा था बिल्कुल हेल्मेट की तरह से जैसे कोई बहुत बड़ा चिकना मशरूम हो और लंड के सूपदे का सुराख भी बोहोत बड़ा था.
मैं ने कभी इतना बड़ा और मोटा लंड नही देखा था. उसका लंड बोहोत गरम था हाथ मे लेते ही मुझे लगा जैसे कोई गरम गरम लोहे का पाइप पकड़ लिया हो. लगता है वो झातें शेव करता है आज भी उसका लंड एक दम से चिकना था बिना झतो वाला लंड बोहोत अछा लग रहा था. उसने अपनी शर्ट भी उतार दी तो मैं उसके नंगे बदन को देखते ही रह गई. सारे बदन पे हल्के हल्के से नरम नरम बाल जो बोहोत सेक्सी लग रहे थे मस्क्युलर बॉडी. उसने मुझे चेर पे से उठाया और मेरे ब्लाउस को मेरे हाथ पीछे कर के निकाल दिया और साथ मे मेरी सारी के फोल्ड्स को खोल दिया अब मैं सिर्फ़ पेटिकोट मे थी जिसका स्ट्रिंग उसने एक ही झटके मे खोल दिया और मेरा पेटिकोट किसी दासी की तरह से मेरे कदमो मे गिर पड़ा.
मैं एक दम से नंगी हो चुकी थी और वो भी. मेरी हाइट एसके की हाइट से काफ़ी कम है और जब उसने मुझे खेंच के अपने बदन से लिपटा लिया तो उसका लंड मेरे पेट मे घुसता हुआ महसूस होने लगा. लोहे की तरह से सख़्त था और मेरे पेट मे ज़ोर से चुब्ब रहा था और मेरे चुचियाँ हम दोनो के
बदन के बीच मे चिपक गयी थी. उसका नंगा बदन मेरे चुचिओ को टच हो ते ही मेरे निपल्स खड़े हो गये. इसी तरह से वो मुझ से लिपटा रहा मैं ज़ोर से उसको पकड़े रही और अपनी ग्रिप टाइट करली. मेरी चूत का हाल तो मत पूछो उसमे से जूस ऐसे निकल रहा था जैसे कोई नल्ल ( टॅप ) खुला हो और उसमे से पानी निकल निकल के बह रहा हो. उसने मेरा हाथ पकड़ के अपने लंड से लगाया तो मेरे बदन मे झुरजुरी सी आ गई पहले तो मैं डर के मारे अपना हाथ हटा लिया पर एसके ने फिर से मेरा हाथ अपने लंड पे रखा तो मैं उसको धीरे से दबाने लगी और दिल मे सोचने लगी के आज मेरी छोटी सी चूत की खैर नही आज तो ज़रूर मेरी चूत फटने वाली है. एसके के हाथ मेरे बदन पे फिसल रहे थे कभी चुचिओ को कभी गंद को और जब उसका हाथ मेरी चिकनी चूत पे लगा तो मैं बोहोट ज़ोर से काँपने लगी और साथ मे ही झड़ने लगी तो एसके ने बोला वाउ किरण तुम्हारी चूत तो मक्खन जैसी चिकनी और समंदर जैसी गीली है मज़ा आएगा इसे चोदने मे और जब उसने अपनी मोटी उंगली मेरी छोटी सी चूत के अंदर डाली तो मानो ऐसे महसूस हुआ के कोई छोटा सा लंड ही घुस्स गया हो और मेरा जूस उंगली मे ले के चूसने लगा और बोला वाहह तुम्हारी मीठी चूत का जूस भी बोह्त मीठा है और फिर से मेरी चूत मैं अपनी उंगली डाल के मेरी चूत का जूस निकाल के मेरे मूह मे दे दिया और कहा के तुम भी टेस्ट करो के तुम्हारी चूत का जूस कितना मीठा है मैं ने अपनी चूत का जूस चाट तो लिया पर मस्ती मे मेरी कुछ समझ मे नही आया के टेस्ट कैसा है.
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