RE: kamukta Sex kahaaniya किरण की कहानी
किरण की कहानी पार्ट--4
लेखक-- दा ग्रेट वोरिअर
हिंदी फॉण्ट बाय राज शर्मा
गतांक से आगे........................
अशोक ने अपने कपड़े भी निकाल दिए और नंगा हो गया. मैं ने एक तिरछी नज़र उसके लंड पे डाली तो दिल धाक्क से रह गया. उसका लंड बॅस ऐसे ही था कोई ख़ास नही था टोटल एरेक्ट होने के बाद शाएद 4 इंच या 5 इंच का ही होगा. मैं ने सोचा के शाएद थोड़ी देर के बाद वो और अकड़ के बड़ा हो जाएगा. खैर अब वो मेरे चुचिओ को चूस रहा था और हाथ से मेरी चूत का मसाज कर रहा था. कभी कभी चूत के अंदर अपनी उंगली डाल देता तो मैं सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सिईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई कर के सिसकारी ले लेती. अब उसने मेरा हाथ अपने हाथ मे ले के अपने लंड पे रख दिया. मैं कुछ देर तक ऐसे ही अपना हाथ उसके लंड पे रखी रही तो उसने मेरे हाथ को अपने हाथ से पकड़ के दबाया तो मैं समझ गई के शाएद वो चाहता है के मैं उसका लंड अपनी मुट्ठी मे ले के दबौउ.
मैं उसके लंड को एक या दो बार ही दबाया था के उसने मेरा हाथ हटा दिया और सीधा मेरे ऊपेर चढ़ आया और मेरी टाँगों को फैला के मेरे ऊपेर लेट गया. लंड को मेरे चूत के लिप्स के अंदर सुराख पे सटाया और झुक के मुझे किस करने लगा और एक ही झटके मे उसका लंड मेरी समंदर जैसे गीली चूत के अंदर घुस चुका था और वो सडन्ली ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगा और बॅस 4 या 5 ही धक्के लगाया था के उसके मूह से ऊऊऊगगगगगघह की आवाज़ निकली और उसकी मलाई मेरी चूत मे गिर गई. मुझे तो उसका लंड अपनी चूत के
अंदर सही तरीके से महसूस भी नही हुआ और उसकी चुदाई कंप्लीट हो चुकी थी. मेरी कुछ फ्रेंड्स ने बताया था के कभी कभी एग्ज़ाइट्मेंट की वजह से और कभी चूत की गरमी से लंड से मलाई जल्दी ही निकल जाती है पर कुछ दीनो मे जब चुदाई डेली करते रहते है तो फिर ठीक हो जाता है और अछी तरह से चोदने लगता है और यह के ऐसा अगर कभी हो तो कोई फिकर की बात नही है यही सोच के मैं खामोश हो गई के हो सकता है के एग्ज़ाइट्मेंट या चूत की गर्मी से वो जल्दी ही झाड़ गया हो पर बाद मे अछी तरह से चोद डालेगा.
मैं ने भी सोचा के शाएद एग्ज़ाइट्मेंट मे उसकी क्रीम जल्दी निकाल गई होगी और यह कोई नई बात नही होगी. वो गहरी गहरी साँसें लेता हुआ मेरे बदन पे पड़ा रहा और मेरी चूत मे पहले से ज़ियादा तूफान उठ रहा था और मेरा मन कर रहा था के किसी तरह से सुनील आ जाए और मुझे इतना चोदे के मेरी चूत फॅट जाए पर ऐसा हो नही सकता था ना. मैं कुछ नही कर सकती थी. इंतेज़ार किया के शाएद अशोक के लंड मे फिर से जान पड़ेगी और वो कुछ सही ढंग से चुदाई करेगा पर ऐसा कुछ नही हुआ और वो मेरे बाज़ू मे लेट के गहरी नींद सो गया और एक ही मिनिट मे उसके खर्राटे निकलने लगे.
सुबह हुई तो उसकी बहेन रेणुका कमरे मे आई और मुस्कुराते हुए एक आँख बंद कर के पूछा कियों भाभी रात सोई या भयया ने सारी रात जगाया ?. मैं उस पगली से क्या बताती के उसका भाई मेरी चूत मे आग लगा के सो गया और मैं सारी रात जागती रही और इंतेज़ार करती रही के हो सकता है के उसका लंड फिर से जाग जाए पर ऐसा कुछ हुआ नही और रेणुका से कैसे बताती के उसके भाई को आग लगाना तो आता है पर उस आग को बुझाना नही आता. मैं ने बनावटी शर्म से नज़र नीचे कर ली और मुस्कुरा दी और दिल मे सोचा पता नही इसे कैसा पति मिलेगा पहली रात को चोद चोद के चूत का भोसड़ा बना देगा या मेरी तरह चूत मे आग लगा के सो जाएगा तब मैं पूछुगी उस से के रात कैसी गुज़री रात भर चुदाई होती रही या खुद मलाई निकाल के सो गया और तुम्हारी चूत मे आग लगा के तुम्है सोने नही दिया या लैकिन अभी इस सवाल को पूछने के लिए तो टाइम है.
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