RE: kamukta Sex kahaaniya किरण की कहानी
अशोक की छोटी बहेन रेणुका मुझे बेड पे बिठा के मुस्कुराते हुए कहा के भैया अभी आ जाएगे आप थोड़ा रेस्ट ले ले और कमरे से चली गई. मुझे अपनी सहलीओ के किससे याद आ ने लगे जिनकी शादी हो चुकी थी. किसी ने कहा के मेरी तो रात भर चुदाई हुई और सुबह मुझ से चला भी नही जा रहा था. किसी ने कहा था के बस ऐसे ही रहा कोई ख़ास मज़ा नही आया था. किसी ने कहा के अपने लोड्े को चूत के अंदर डालने से पहले ही चूत के ऊपेर अपनी मलाई निकाल के सो गया था. मैं काफ़ी एग्ज़ाइटेड थी के पता नही मेरा क्या हशर होगा कियॉंके सुनील से चुदवाये हुए भी तकरीबन एक साल से ज़ियादा ही हो चुका था. चूत के मसल्स फिर से टाइट हो गये थे. थोड़ी ही देर मे वो कमरे मे आ गया. अशोक बोहोत स्मार्ट लग रहा था. गोरा रंग मीडियम हाइट और मीडियम बिल्ट ऑन दा होल एक अछा स्मार्ट आदमी लग रहा था. मुझे अपने फ्रेंड्स की बाते याद आ रही थी जिनकी शादी हो चुकी थी के सुहाग रात को क्या होता है और कैसे हज़्बेंड अपनी वाइफ को अपनी बातों से पटा के चोद डालता है और लड़की को कितना मज़ा आता है. और साथ मे ही मुझे सुनील भी याद आ गया और सुनील के साथ हुई मेरी पहली चुदाई भी मुझे याद आ गई तो मस्ती से मेरा बदन टूटने लगा और एक लंबे मोटे लंड का सपना लिए बैठी रही जो मेरी चूत मे घुस्स के मुझे चोदेगा, मेरी प्यासी चूत की प्यास को बुझाएगा और मज़ा देगा.
अशोक कमेरे के अंदर आ गया और बेड पे बैठ गया. पहले तो मेरी खूबसूरती को नेहारता रहा मेरे गालो पे हाथ फेरता रहा और फिर गाल पे किस किया तो मेरे बदन मे बिजली दौड़ने लगी और बदन जलने लगा. थोड़ी देर मे वो उठा और अपने कपड़े चेंज कर के बेड पे आ गया और बोहोत धीमी रोशनी वाला लाइट पिंक कलर का नाइट लॅंप जला दिया. मेरा दिल ज़ोर ज़ोर से धड़कने लगा सारे बदन से पसीना छूटने लगा मूह से गरम गरम साँसें निकलने लगी. अब अशोक चेंज कर के आ गया और हम दोनो लेट गये. पहले तो मेरी सुंदरता को निहारता रहा और धीरे धीरे उसके हाथ मेरे चुचिओ पे आ गये और वो उनको दबाने लगा तो बदन मे सन सनी सी फैल गई. ऐसे ही बातें करते करते वो मेरे कपड़े उतार ता चला गया सारे कपड़े निकाल के मुझे नंगा कर दिया मेरे मूह से एक बात भी नही निकल रही थी. नये घर मे नये लोगों के साथ रहने से एक नयापन ही लग रहा था. सुनील तो फिर भी कज़िन था उतना नया पन नही महसूस हुआ लैकिन यहा तो हर कोई
अजनबी था. शरम भी आ रही थी एग्ज़ाइट्मेंट भी था.
मैं बेड पे नंगी लेटी रही शरम से बुरा हाल था पर क्या करती ज़माने की रीति रिवाज यही थे के पहली रात को हज़्बेंड अपनी वाइफ को चोद देता है और सारी उमर के लिए वो सिर्फ़ अपने हज़्बेंड की ही हो के रह जाती है. वो थोड़ी देर तक मेरे नंगे बदन को देखता रहा अपने हाथ मेरे सारे बदन पे फेरता रहा मेरे सारे बदन मे जैसे चींटिया ( आंट्स ) घूमने लगी हो. चूत मे भी अब खुजली शुरी हो गई थी.
वो मेरे नंगे बदन पे हाथ फेर रहा था चुचिओ को दबा रहा था कभी कभी चुचिओ को चूस लेता धीरे धीरे उसका हाथ मेरी चूत पे आ गया और वो मेरी उसी दिन की शेव की हुई मक्खन जैसी चिकनी चूत पे आ गया और वो चूत का मसाज करने लगा. मेरे बदन मे बिजली दौड़ रही थी और मुझे बोहोत अच्छा लग रहा था मैं ने दिल मे सोचा के यह तो खिलाड़ी लग रहा है शाएद चुदाई का एक्सपीरियेन्स होगा और उसका हाथ मेरे चूत पे लगते ही जैसे मेरी चूत मे फ्लड आ गया और वो बे इंतेहा गीली हो गई और रस से भर के अब रसीली चूत हो गई.
क्रमशः............................................
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