RE: kamukta Sex kahaaniya किरण की कहानी
एक दो तीन चार पाँच उफफफ्फ़ मुझे तो मस्ती मे पता ही नही चला के कितनी मलाई निकल रही है जबके उसकी पहली मलाई के फव्वारे ही से मेरी चूत मे से तूफ़ानी लावा निकलने लगा मैं उस से ज़ोर से लिपट गई थी. उसके धक्के अब धीमे हो ने लगे और वो अपना लंड मेरी चूत के अंदर ही छोड़ के मेरे ऊपेर गिर गया. मेरी चुदी हुई चूत हम दोनो की मलाई से फुल हो चुकी थी पर अभी तक बहेर नही निकली थी कियों के चूत के सुराख पे उसके लंड का टाइट ढक्कन लगा हुआ था. दोनो ऐसे हे गहरी गहरी साँसें लेते रहे मेरी ग्रिप भी अब लूस हो गई थी. उसका लंड अभी भी मेरी चूत के अंदर ही था ऐसे लग रहा था जैसे चूत के अंदर ही फूल के और मोटा हो रहा हो. अंधेरे कमरे मे हमारी तेज़ी से चलती हुई साँसें सुनाई दे रही थी मेरी आँखें बंद थी सारे बदन मे एक अजीब सी सन सनाहट हो रही थी मेरे दिल और दिमाग़ का टोटल ब्लॅकाउट हो गया था शाएद एक दो या तीन मिनिट के लिए मे सो गई थी या मस्ती मे बेहोश हो गई थी पता नही.
मुझे थोड़ा सा होश आया तो महसूस हुआ के सुनील मेरे ऊपेर पलट के आ चुका है और उसके लंड मे से टपकती हुई हम दोनो की मिक्स मलाई के ड्रॉप्स मेरे लिप्स पे गिर रहे हैं. शाएद वो अपना लंड चूत मे से बहेर निकालते ही पलट के 69 पोज़िशन मे आ गया था. मेरी टाँगें मूडी हुई थी और सुनील मेरी चूत को चाटना शुरू कर चुका था. मेरे बंद लिप्स पे जब मलाई गिरी तो ऑटोमॅटिकली मेरी ज़बान बहेर निकाली और मैं ने मलाई को टेस्ट किया और फिर जैसे खुद बा खुद ही मेरा मूह खुल गया और मैं सुनील के आधे आकड़े हुए लंड को चूसने लगी. दोनो की मिक्स मलाई उसके लंड पे लगी हुई थी और मैं चाट रही थी और वो मलाई को मेरी चूत मे से चाट रहा था. इस तरह से मैं ने उसके लंड को सॉफ किया और उसने मेरी चूत को सॉफ किया.
अब फिर से सुनील मेरे बाज़ू मे आ के लेट गया. मेरी पीठ के पीछे था वो मेरी पीट से उसका सीना लग रहा था ऐसे करवट से लेटी थी और वो मेरे पीछे मुझ से लिपटा हुआ करवट से लेटा था. मेरी चूतड़ पे उसका लंड महसूस हो रहा था. पर अभी तक मेरा दिमाग़ ठिकाने नही आया था अभी तक कमरा मेरे आँखों के सामने घूम रहा था और मे पूरी तरह से सॅटिस्फाइ हो चुकी थी.
उसका लंड मेरी चूतड़ से लग रहा था और उसने मेरे बगल से हाथ डाल के मेरी चुचिओ को मसलना शुरू कर दिया. मेरी निपल्स बोहोत सेन्सिटिव हो चुकी थी और उसका हाथ लगने से
एरेक्ट हो चुकी थी. मैं अपनी टाँगों को फोल्ड कर के लेटी थी ऐसे के मेरे नीस मेरे चुचिओ के करीब थे और सुनील मेरे पीछे से लंड को चूत पे टच कर रहा था और आहिस्ता आहिस्ता से धक्के मार मार के पीछे से ही लेटे लेटे लंड के हेड को चूत के सुराख मे घुसाने की कोशिश कर रहा था.
उसके लंड का सूपड़ा मेरी चूत के सुराख मे लगते ही चूत मे जैसे फिर से जान आने लगी और वो गीली हो ना शुरू हो गई. मेरी चुचिओ को मसल रहा था और धक्के मार मार के लंड को सूपदे को पीछे से ही चूत के अंदर घुसा रहा था. थोड़ी ही कोशिश के बाद मेरी चूत मे उसका लंड आधा और फिर पूरा अंदर घुसने लगा. उसका लंड पूरी तरह से अकड़ गया था और्फिर से एक दम से लोहे जैसा सख़्त हो गया था.
मुझे फिर से मज़ा आने लगा था वो जोश मे लंड को फिर से सूपदे तक निकाल निकाल के पीछे से ही मुझे चोद रहा था. मेरा पूरा बदन रिलॅक्स हो गया था चूत मे से जूस भी निकलने लगा था और स्लिपरी हो गई थी चूत अंदर से. उसका लंड आसानी से अंदर बहेर हो रहा था और मैं फिर से मज़े लेने लगी थी. अचानक जब उसने अपना लंड पूरा बहेर खेंच के अंदर घुसाने के कोशिश की तो वो चूत मे से बहेर निकल के गंद के सुराख मे घुस्स गया मेरी मूह से फिर से एक ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊीीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई म्म्म्ममममममाआआआआआआआअ चीख निकल गई. पर गंद के मसल्स तो रिलॅक्स थे क्या पता था के गंद मे घुस जाएगा. बॅस लंड मेरी चूत के जूस से गील हो गया था और एक ही झटके मे उन एक्षपेक्टेडली मेरी गंद को फाड़ता हुआ अंदर घुस्स चुका था मैं उछल के आगे हो रही थी उसी समय सुनील ने मुझे टाइट पकड़ लिया और मैं उसके लोहे जैसे लंड को अपनी छोटी सी गंद के सुराख से बहेर नही निकाल पाई. अब वो मेरी गंद मार रहा था. मुझे बोहोत तकलीफ़ हो रही थी इतना मोटा लंबा लंड मेरी छोटी सी गंद मे घुस चुका था मुझे लग रहा था के मेरी गंद फट गई है.
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