RE: kamukta Sex kahaaniya किरण की कहानी
तुम ने यह क्या कर डाला अगर कुछ हो गया तो क्या होगा. उसने कहा नही ऐसे नही होगा तुम फिकर ना करो. और वो अपने कपड़े पहेन के नीचे सोने चला गया.
मैं सुबह देर तक सोती रही नीचे से मम्मी आवाज़ें देती रही लैकिन मैं तो गहरी नींद सो रही थी तो मम्मी ने सुनील से कहा के जा बेटा ज़रा देख तो सही यह किरण की बच्ची अभी तक सोई पड़ी है. कॉलेज भी जाना है उसने. सुनील ऊपेर आया और मुझे जगाया. मैं जब जागी और अपने बेड से उठी तो देखा का वो तो ब्लड से भरी पड़ी है मैं तो एक दम से डर ही गई पर सुनील ने कहा डरने की कोई बात नही यह तुम्हारी हाइमेन थी जिसे हिन्दी मे झिल्ली भी कहते है वो फॅट गई और तुम्हारी चूत की सील टूट गई है. यह झिल्ली तो हर कंवारी लड़की को होती है और पहली चुदाई मे टूट जाती है और यह नॉर्मल है तो मैं ने इतमीनान का साँस लिया और बेडशीट को लपेट के वॉशिंग मशीन मे धोने के लिए डाल दिया और मैं जब नहा धो के नीचे उतर रही थी तो मुझ से ठीक से चला नही जा रहा था. मम्मी ने पूछा क्या हुआ ऐसे कियों चल रही है तेरी तबीयत तो ठीक हा ना तो मैं ने कहा पता नही मोम क्या हुआ तो सुनील ने शरारत से मुस्कुराते हुए बीच मे कहा के शाएद कोई चीज़ चुब्ब गई होगी तो मैं ने उसकी तरफ बनावटी घुस्से से देखा और मैं ने मा से कहा हा मा हो सकता है कोई चीज़ चुब्ब गई हो कल रात बिजली भी तो चली गई थी ना मोम और अंधेरा हो गया था तो हो सकता है कोई चीज़ सच मे चुब्ब गई हो तो मा ने इतमीनान का साँस लिया और कहा ठीक है अगर दवाई लगानी हो तो लगा लो तो सुनील ने मुस्कुराते हुए कहा आप फिकर ना करे आंटी मैं इसे आज दरद कम होने का इंजेक्षन लगा दूँगा जिसस से इसका दरद हमेशा के लिए ख़तम हो जाएगा. मा ने कहा हा यह ठीक है पर मा को क्या पता के सुनील कौन्से इंजेक्षन की बात कर रहा है और यह इंजेक्षन वो किरण को कहा लगाएगा यह तो बस मैं जानती थी या वो.
मैं ने नाश्ता किया और कॉलेज चली गई. कॉलेज तो चली गई पर कही दिल ही नही लग रहा था चूत मे मीठी मीठी खुजली हो रही थी बार बार मेरा हाथ मेरी चूत पे ही चला जाता था और सारे बदन मे मीठा मीठा सा दरद हो रहा था बार बार अंगड़ाई लेने का मन कर रहा था. आअज कॉलेज कुछ अजीब सा लग रहा था पता नही क्यों. खैर कॉलेज का टाइम ख़तम हुआ मैं घर आ गई और लंच के बाद अपने रूम मे जा के सो गई. बहुत देर तक सोती रही उठने का मंन ही नही कर रहा था सारे बदन मे एक अजीब सी मिठास लग रही थी. लेट ईव्निंग उठी और फ्रेश हो के नीचे आ गई और हम सब ने डिन्नर साथ किया. वही डिन्नर टेबल पे बैठ के हम सब बातें करने लगे
मगर मेरा मन तो कही और ही था मैं बातें सुन्न तो रही थी पर समझ मे कुछ भी नही आ रहा था. थोड़ी देर के बाद मैं ने कहा के अब मैं जाती हू मुझे पढ़ाई करनी है और मैं ऊपेर अपने कमरे मे चली गई.
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