RE: kamukta Sex kahaaniya किरण की कहानी
किरण की कहानी पार्ट--2
लेखक-- दा ग्रेट वोरिअर
हिंदी फॉण्ट बाय राज शर्मा
गतांक से आगे........................
सुनील ने मुझे फिर से चित्त लिटा दिया और मेरी टांगो को खोल के बीच मे आ गया और मेरी बे इंतेहा गीली चूत का किस किया तो मैं ने अपने चूतड़ उठा के उसके मूह मे अपनी चूत को घुसेड़ना शुरू कर्दिआ मेरी आँखें बंद हो गई थी और मज़े का आलम तो बस ना पूछो इतना मज़ा आ रहा था जिसको लिखना मुश्किल है.
उसका मूह मेरे चूत पे लगते ही मेरी टाँगें ऑटोमॅटिकली ऊपेर उठ गई और उसके नेक पे कैंची की तरह लिपट गई और मैं उसके सर को अपनी टांगो से अपनी चूत के अंदर घुसेड रही थी और मुझे ऐसे लग रहा था जैसे मेरे अंदर उबलता हुआ लावा
अब बहेर निकलने को बेचैन है. मेरी आँखें बंद हो गई और उसकी ज़बान मेरी क्लाइटॉरिस को लगते ही मेरे बदन मे सन सनी सी फैल गई और मेरे मूह से एक ज़ोर की सिसकारी निकली आआआआआआअहह सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स और मेरी चूत मे से गरम गरम लावा निकलने लगा और पता नही कितनी देर तक निकलता रहा जब मेरा दिमाग़ ठिकाने पे आया तब देखा के सुनील अभी भी मेरी चूत मे अपनी ज़बान घुसेड के चाट रहा है और पूरी चूत को अपने मूह मे ले के दांतो से काट रहा है और मेरी चूत मे फिर से आग लगने लगी.
मैं सोच रही थी के बस अब सुनील मेरी चुदाई कर दे लैकिन उस से बोलने मे शरम भी आ रही थी बॅस इंतेज़ार ही करती रही के कब यह मुझे चोदेगा.
सुनील के हाथ मेरी गंद के नीचे थे और वो मेरी चूतदों को उठा के चूत को चूस रहा था. मैं अपनी चूतदो को उछाल उछाल के अपनी चूत सुनील के मूह से रगड़ रही थी चूत मे फिर से गुदगुदी शुरू हो गई थी चूत बे इंतेहा गीली हो चुकी थी और मस्ती मे मेरी आँखें बंद थी और मैं सुनील का सर पकड़े हुए अपनी चूत मे घुसेड रही थी. अब शाएद सुनील से भी बर्दाश्त नही हो रहा था तो वो अपनी जगह से उठा और मेरे टाँगों के बीच मे बैठ गया और अपने लोड्े को अपने हाथ से पकड़ केउसके सूपदे को मेरी गीली और गरम जलती हुई चूत के अंदर ऊपेर से नीचे कर रहा था. मेरी टाँगें मूडी हुई थी. मुझ से भी अब सहन नही हो रहा था तो मैं ने अपना हाथ बढ़ा के सुनील का लोहे जैसा सख़्त और मोटा तगड़ा लंड अपने हाथो से पकड़ के अपनी ही चूत मे घिसना शुरू कर दिया. उसके लंड मे से निकलता हुआ प्री कम से उसका लंड चूत के अंदर स्लिप हो रहा था और जब उसके लंड का सूपड़ा मेरी चूत के सुराख पे लगता तो मेरे मूह से मज़े की एक सिसकारी निकल जाती.
सुनील अब मेरे ऊपेर बेंड हो गया और मेरे मूह मे अपनी ज़बान को घुसेड के फ्रेंच किस कर रहा था और मैं उसके लंड को अपनी चूत मे घिस्स रही थी. मेरी टाँगें सुनील के बॅक पे लपेटी हुई थी और सुनील का लंड मेरी चूत के लिप्स के बीचे मे सॅंडविच बना हुआ था. उसने अपने लंड को चूत के लिप्स के बीच मे से ऊपेर नीचे करना शुरू कर दिया. चूत बोहोत ही स्लिपरी हो गई थी और ऐसे ही ऊपेर नीचे करते करते उसके लंड का मोटा सूपड़ा मेरी छोटी सी चूत के सुराख मे अटक गया और मेरा मूह एग्ज़ाइट्मेंट मे खुला रह गया. उसने अपना लंड थोड़ा सा और पुश किया तो उसके लंड का सूपड़ा पूरा चूत के अंदर घुस गया और मुझे लगा जैसे मेरी अंदर की सांस अंदर और बहेर की सांस बहेर रह गई हो
मेरे मूह से हल्की सी चीख ऊऊऊीीईईईईईईईई निकल गई मैं ने अपने दाँत ज़ोर से बंद कर लिए.
उसने सूपदे को धीरे धीरे अंदर बहेर करना शुरू किया तो मेरी चूत मे एक अजीब सा मज़ा महसूस होने लगा और मैं ने अपने दोनो हाथ बढ़ा कर सुनील को अपने बाँहो मे ज़ोर से जाकड़ लिया. सुनील ने लंड को थोडा और अंदर घुसेड़ा तो मेरी चूत का सुराख जैसे बड़ा होने लगा और मुझे तकलीफ़ होने लगी. मैं ने कहा सुनील दरद हो रहा है अब और अंदर मत डालो प्लीज़ तो उस ने कहा अरे पगली अभी तो थोडा सा भी अंदर नही गया और कहा के अभी तुमको मज़ा आएगा थोडा वेट करो और फिर मेरे चुचिओ को चूसने लगा तो मेरे बदन मे फिर से सन सनी सी फैलनी शुरू हो गई और मैं उसके बॅक पे अपने हाथ फिराने लगी.
सुनील अपने लंड के सूपदे को मेरी छोटी सी टाइट चूत के अंदर बहेर करने लगा .मेरी चूत मे से जूस निकलने की वजह से उसके लंड का टोपा अब अंदर बहेर स्लिप हो रहा था ऐसे ही करते करते उसने अपने लंड को बहेर निकाला और एक झटका मारा तो उसका लोहे जैसा सख़्त लंड मेरे चूत के अंदर आधा घुस्स गया और मेरे मूह से चीख निकल गैइइ उउउउउउउउह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह सस्स्स्स्स्स्स्स्स्सिईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई
लंड अब आधा अंदर घुस्स चुका था और मेरी चूत के अंदर जलन शुरू हो गई. मैं उस से ज़ोर से लिपट गई सारा बदन अकड़ गया तो सुनील ने धक्के मारना बंद कर दिया और मेरी चुचिओ को चूसने लगा. थोड़ी देर मे ही फिर से मुझे अछा लगने लगा और मेरी ग्रिप सुनील पे थोड़ी ढीली हो गई. उस ने अपना लंड मेरी चूत के अंदर ऐसे हो छोड़ दिया और चुचिओ को चूसने लगा. मुझे फिर से मज़ा आने लगा उसका आधा घुसा हुआ लंड अछा लगने लगा.
जब उसने देखा के मेरी चूत उसके मोटे लंड को अपनी छोटे से सुराख मे अड्जस्ट कर लिया है तो उसने अपना लंड धीरे धीरे अंदर बहेर करना शुरू कर दिया जिस से मुझे बोहोत मज़ा आने लगा और मेरी चूत मे से जूस कंटिन्यू निकलने लगा जिस से मेरी चूत बोहोत ही गीली हो चुकी थी. अब सुनील ने अपने हाथ मेरी बगल से निकाल के मेरे शोल्डर्स को पकड़ लिया और मुझे फ्रेंच किस करने लगा पोज़िशन ऐसी थी के दोनो के बदन के बीच मे मेरे बूब्स चिपक गये थे सुनील मुझ पे झुका हुआ था और उसका लंड मेरी चूत मे आधा घुसा हुआ था. सुनील ने धीरे धीरे लंड को अंदर बहेर कर के मेरी चुदाई शुरू की और मैं मज़े से पागल हो ने लगी.
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