RE: Sex Hindi Kahani जीजा साली का प्यार
कामिनी अपने चूतड़ उछाल-उछाल कर चुदाई मे मेरी मदद कर रही थी. हम दोनो जीजा साली मस्ती की बुलंदियो को छू रहे थे.
तभी कामिनी चिल्लाई, ...जीजू... मुझे कुछ हो रहा है......आ हह....जीजू.... मेरे अंदर से कुछ निकल रहा है.... ऊहह.. जीजू... मज़ा आ गया.....ह..उई.... माअं....
कामिनी अपनी कमर उठा कर मेरे पूरे लंड को अपनी बूर के अंदर समा लेने की कोशिश करने लगी.
मैं समझ गया कि मेरी साली का क्लाइमॅक्स आ गया है.
वह झाड़ रही थी.
मुझ से भी अब और सहना मुश्किल हो रहा था.
मैं खूब तेज-तेज धक्के मार कर उसे चोदने लगा और थोड़ी ही देर मे हम जीजा साली एक साथ स्खलित हो गये.
बरसो से ईकात्ठा मेरा ढेर सारा वीर्य कामिनी की चूत मे पिचकारी की तरह निकल कर भर गया..
मैं उसके उपर लेट कर चिपक गया.
कामिनी ने मुझे अपनी बाँहो मे कस कर जाकड़ लिया.
कुछ देर तक हम दोनो जीजा-साली ऐसे ही एक दूसरे के नंगे बदन से चिपके हान्फ्ते रहे.
जब साँसे कुछ काबू मे हुई तो कामिनी ने मेरे होटो पर एक प्यार भर चुंबन लेकर पूछा, "जीजू, आज आपने अपनी साली को वो सुख दिया है जिसके बारे मे मैं बिल्कुल अंजान थी. अब मुझे इसी तरह रोज चोदियेगा. ठीक है ना जीजू?"
मैने उसकी चूचियो को चूमते हुए जबाब दिया, "आज तुम्हे चोद्कर जो सुख मिला है वो तुम्हारी दीदी को चोद्कर कभी नही मिला..तुमने आज अपने जीजू को तृप्त कर दिया."
वह भी बड़ी खुश हुई और कहने लगी, “आप ने मुझे आज बता दिया कि औरत और मर्द का क्या संबंध होता है.”
वा मेरे सीने से चिपकी हुई थी और मैं उसके रेशमी ज़ुल्फो से खेल रहा था..
कामिनी ने मेरे लंड को हाथ से पकड़ लिया.
उसके हाथो के सपर्श से फिर मेरा लंड खड़ा होने लगा, फिर से मेरे मे काम वासना जागृत होने लगी.
जब फिर उफहान पर आ गया तो मैने अपनी साली से कहा पेट के बल लेट जाओ.
उसने कहा, क्यूँ जीजू?
मैने कहा, “इस बार तेरी गांद मारनी है. “
वह सकपका गयी और कहने लगी, “कल मार लेना.”
मैने कहा, “आअज सब को मार लेने दो कल पता नही में रहूं कि ना रहूं.”
यह सुनते ही उसने मेरा मूह बंद कर लिया और कहा, "आप नही रहेंगे तो मैं जीकर क्या करूँगी?"
वह पेट के बल लेट गयी. मैने उसकी चूतर के होल पर वसलीन लगाया और अपने लंड पर भी, और धीरे से उसकी नाज़ुक चूतर के होल मे डाल दिया.
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