RE: Sex Hindi Kahani जीजा साली का प्यार
मेरी इस बात को सुन कर कामिनी डर गयी.. उसने अपनी टांगे सिकोड कर अपनी बुर को च्छूपा लिया और घबरा कर बोली.
"नही जीजू, प्लीज़ ऐसा मत कीजिए. मेरी चूत अभी बहुत छ्होटी है और आपका लंड बहुत लंबा और मोटा है. मेरी बूर फट जाएगी और मैं मर जाऊंगी.
प्लीज़ इस ख़याल को अपने दिमाग़ से निकाल दीजिए.
डरने की कोई बात नही है कामिनी. मैं तुम्हारा जीजा हू और तुम्हे बहुत प्यार करता हू. मेरा विश्वास करो मैं बड़े ही प्यार से धीरे धीरे चोदुन्गा और तुम्हे कोई तकलीफ़ नही होने दूँगा , मैने उसके चेहरे को हाथो मे लेकर उसके होटो पर एक प्यार भरा चुंबन जड़ते हुए कहा.
लेकिन जीजू, आपका इतना मोटा लंड मेरी छ्होटी सी बूर मे कैसे घुसेगा? इसमे तो उंगली भी नही घुस पाती है." कामिनी ने घबराए हुए स्वर मे पूछा.
इसकी चिंता तुम छोड़ दो कामिनी और अपने जीजू पर भरोसा रखो. मैं तुम्हे कोई तकलीफ़ नही होने दूँगा." मैने उसके सर पर प्यार से हाथ फेरते हुए भरोसा दिलाया.
मुझे आप पर पूरा भरोसा है जीजू, फिर भी बहुत डर लग रहा है. पता नही क्या होने वाला है." कामिनी का डर कम नही हो पा रहा था.
मैने उसे फिर से धाँढस दिया. "मेरी प्यारी साली, अपने मन से सारा डर निकाल दो और आराम से पीठ के बल लेट जाओ. मैं तुम्हे बहुत प्यार से चोदून्गा. बहुत मज़ा आएगा.
ठीक है जीजू, अब मेरी जान आपके हाथो मे है", कामिनी इतना कहकर पलंग पर सीधी होकर लेट गयी लेकिन उसके चेहरे से भय सॉफ झलक रहा था.
मैने पास की ड्रेसिंग टेबल से वैसलीन की शीशी उठाई.. फिर उसकी दोनो टाँगो को खींच कर पलंग से बाहर लटका दिया. कामिनी डर के मारे अपनी चूत को जाँघो के बीच दबा कर छुपाने की कोशिश कर रही थी.
मैने उन्हे फैला कर चौड़ा कर दिया और उसकी टाँगो के बीच खड़ा हो गया.
आब मेरा तना हुआ लंड कामिनी की छ्होटी सी नाज़ुक चूत के करीब हिचकोले मार रहा था.
मैने धीरे से वैसलीन लेकर उसकी चूत मे और अपने लंड पर चिपॉड ली ताकि लंड घुसाने मे आसानी हो.
सारा मामला सेट हो चुका था.. अपनी कमसिन साली की मक्खन जैसी नाज़ुक बूर को चोदने का मेरा बरसो पुराना ख्वाब पूरा होने वाला था.
मैं अपने लंड को हाथ से पकड़ कर उसकी चूत पर रगड़ने लगा. कठोर लंड की रगड़ खाकर थोड़ी ही देर मे कामिनी की फुददी (क्लाइटॉरिस) कड़ी हो कर तन गयी.
वो मस्ती मे कापने लगी और अपने चूतड़ को ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगी.
बहुत अच्छा लग रहा है जीजू....... ओ..ऊ... ओ..ऊओह ..आ बहुत मज़ा आआअरहा है... और रगड़िए जीजू...तेज तेज रगड़िए.... "
वो मस्ती से पागल होने लगी थी और अपने ही हाथो से अपनी चूचियो को मसलने लगी थी.
मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था.
मैं बोला, मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा है साली. बस ऐसे ही साथ देती रहो. आज मैं तुम्हे चोदकर पूरी औरत बना दूँगा."
मैं अपना लंड वैसे ही लगातार उसकी चूत पर रगड़ता जा रहा था.
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