RE: Antarvasna sex stories चुदाइ का दूसरा रूप
एक दिन दोपहर को मेरे पिताजी का गोआ से फोन आया कि उनको मेरी सहयता की
ज़रूरत है. काफ़ी सारे आम विदेश भेजने थे और मेरे चाचा और पिता दोनो ही
मेरे बिना परेशान थे. उनको बिज़्नेस मे मेरी ज़रूरत थी. मेरे पापा इस
बारे मे मेरे ससुरजी से और मेरे पति से भी बात कर ली थी. मेरे पति ने
उनको भरोसा दिलाया था की वो मुझे पहले हवाई जहाज़ से गोआ भेज देंगे.
अगले ही दिन मैं गोआ , अपने मा बाप के घर आ गई. मेरे पति फिर से एक बार
देल्ही मे अकेले थे और मैं गोआ मे उनके बिना थी. हम दोनो ही उदास थे
क्यों कि एक प्यार करने वाला जोड़ा, जमकर चुदाई करने वाला जोड़ा जुदा
जुदा थे.
यहाँ, गोआ मे बहुत काम था और मैने अपनी पूरी क़ाबलियत के साथ मेरे पिताजी
की सहायता की और काम को काबू मे किया. काम इतना था कि दिन रात काम करना
पड़ रहा था. हमेशा की तरह, जब भी हम दूर होते है, मैं रात को अपने पति से
बात करती थी और हम दोनो ही अलग अलग बिस्तर पर सोए हुए, फोन पर चुदाई की
बातें करते हुए एक दूसरे को, अपने आप को संतुष्ट करते थे. हम दोनो के ही
पास खुद ही मूठ मारने के अलावा कोई चारा नही था. रोज़ रात को सोने से
पहले मैं अपनी चूत मे उंगली किया करती और मेरे पति वहाँ अपना लंड पकड़कर
मुठिया मारा करते.
एक दिन. शाम को, मैं अपने फार्म हाउस से वापस घर आ रही थी. अब काम काबू
मे आ चुका था और मैं वापस देल्ही , अपने पति के पास जाने का विचार कर रही
थी. रास्ते मे मेरी चाइ पीने की इच्छा हुई तो मैने अपनी कार एक होटेल की
तरफ मोडी. पार्किंग मे अपनी कार पार्क करने के बाद मैं होटेल के अंदर आई
और रेस्टोरेंट मे ऐसी जगह बैठी जहाँ से बाहर स्विम्मिंग पूल नज़र आ रहा
था. कुछ मर्द और कुछ औरतें वहाँ स्विम्मिंग कर रहे थे, कुछ अलग अलग
ड्रिंक पी रहे थे. मैं अपनी टेबल पर चाइ आने का इंतज़ार करती बाहर देखे
जा रही थी तो अचानक मैने एक जाने पहचाने चेहरे को, सेक्सी स्विम्मिंग
बिकिनी पहने देखा. वो सारा थी, मेरे साथ मेरे कॉलेज मे पढ़ती थी. मैं
जानती थी कि उसकी शादी मुंबई मे किसी बिज़्नेसमॅन से हुई थी.मैने सोचा की
वो अपने पति के साथ स्विम्मिंग का मज़ा लेने आई है, पर मैने उसके आस पास
किसी भी मर्द को नही देखा. मैं अपनी चाइ पीते पीते सारा को ही देख रही
थी. अब मुझे पक्का विश्वास हो गया कि वो वहाँ एकेली ही थी जो की एक
कुर्सी पर बैठी बियर पी रही थी. मैने अपनी चाइ ख़तम की और बिल चुकता करने
के बाद स्विम्मिंग पूल की तरफ आई.
मैं उसके सामने जा कर खड़ी हो गई और वो मुझे देखकर पहचाने की कोशिश कर
रही थी. अचानक ही, उसने मुझे पहचाना और करीब करीब चिल्लाई - जुलीईईईई !
जवाब मे मैने मुस्करा कर कहा - हां सारा. ये मैं ही हूँ. इतने दिनों के
बाद, तुम्हे यहाँ देखकर अच्छा लगा सारा, कैसी हो तुम और यहाँ क्या कर रही
हो?
वो बोली - मैं ठीक हूँ जूली, तुम कैसी हो?
मैं - मैं भी अच्छी हूँ. क्या चल रहा है?
सारा - कुछ नही. बस मज़ा ले रही हूँ.
मैं - अकेले ? तुम्हारे पति कहाँ है ?
सारा - वो बाहर गये है. रात को खाने के समय आ जाएँगे. हम इसी होटेल मे रुके हुए है.
मैं - ओके. लेकिन यहाँ तुम्हारा अपना घर है, फिर होटेल मे क्यों रुके हो?
सारा - हां. पर मेरे पति को मेरे पिताजी के घर मे रुकना पसंद नही है.
मैं - खैर कोई बात नही. वो बिज़्नेसमॅन है और वो होटेल का खर्चा करसकते है.
सारा - हां.
मैं - तो........ कैसे चल रही है तुम्हारी शादीशुदा जिंदगी?
|