RE: Antarvasna sex stories चुदाइ का दूसरा रूप
अचानक, मैं झाड़ गई और मैने अपने आप को स्वर्ग मे महसूस किया. मेरे हाथ
उनकी गर्दन पर कस गये पर नीचे उनके लंड के तूफ़ानी धक्के मेरी चूत मे
लगातार जारी थे. मुझे पता था कि वो भी जल्दी ही झड़ने वाले हैं. मैं भी
उनको चुदाई की मंज़िल पर पहुँचने मे पूरा साथ दे रही थी. करीब 10 धक्कों
के बाद, उन्होने मेरी नंगी गंद को पकड़ कर अपने लंड पर भींच लिया और उनका
लंड मेरी चूत मे अपना लंड रस बरसाने लगा. उनका लंड किसी पंप की तरह अपना
पानी मेरी चूत की गहराइयों मे नाचता हुआ फेंक रहा था. उन के लंड का इस
तरह नाच नाच कर पानी निकालना मुझे बहुत पसंद है. हम दोनो इसी तरह झड़ने
का मज़ा ले रहे थे और किसी तरह उन्होने मेरी लटकती चुचि को अपने मूह मे
भर लिया और चूसने लगे. मेरे पति को ये अच्छी तरह पता है कि चुदाई मे
ज़्यादा से ज़्यादा मज़ा कैसे लिया जाता है और कैसे दिया जाता है. अपने
लंड के पानी की मेरी चूत के अंदर अंतिम बौच्हर करके उन्होने मुझे नीचे
उतारा. उनका लंड मेरी चूत से बाहर आ चुका था. मैने देखा की उनका लंड पूरी
तरह गीला था, उनके खुद के लंड से निकले रस से और मेरी चूत के रस से.
फव्वारे से बरसता पानी उनके लंड को सॉफ करने लगा और मेरी चूत से उनका
छ्चोड़ा गया पानी भी मेरे चूत रस के साथ बाहर आने लगा था.
बाथरूम मे, फिर एक बार हमारे बीच एक शानदार चुदाई संपन्न हुई, इस बार तो
मैं चुदाई के समय उनके हाथों मे लटकी हुई थी.
उन्होने मेरी चूत पर शॅमपू लगा कर सॉफ किया और मैने उनके लंड को साबुन
लगा कर सॉफ किया.
अपना अपना नंगा बदन पूंछ कर हम दोनो ही नंगे बाथरूम से बेडरूम मे पार्टी
मे जाने के लिए तय्यार होने को आए.
मेरे पति बोले - डार्लिंग ! एक कप चाइ मिलेगी ?
मैने उत्तर दिया - क्यों नही डियर ! मैं ज़रा गाउन पहन लूँ.
वो बोले - नही जानू. तुम जानती हो कि कपड़े तुम्हारे जिस्म पर अच्छे नहीं
लगते जब हम दोनो घर मे अकेले होते है.
मैं बस इतना ही कह सकी - शरारती कहीं के.
और हम दोनो ही हंस पड़े. मैं चाइ बनाने के लिए किचन मे जाने को घूमी. मैं
पूरी तरह नंगी थी और मेरे पति भी पूरे नंगे थे. हम दोनो को ही एक दूसरे
का नंगा बदन बहुत पसंद है. अब उनका लॉडा शांत था और आराम से जैसे उनकी
गोलियों की थैली पर बैठा हुआ था. मैं रसोई मे नंगी खड़ी हो कर चाइ बना
रही थी और वो बाहर के कमरे मे सोफा पर नंगे बैठ कर टी.वी. देखने लगे.
बाहर का कमरा कुछ इस पोज़िशन मे था की अगर रसोई का दरवाजा खुला हो तो एक
कोने से रसोई मे बाहर के कमरे से देखा जा सकता है. मैने रसोई मे खड़े
खड़े उनको बाहर के कमरे मे बैठा हुआ देखा जबकि चाइ उबल रही थी. मुझे फिर
एक बार अपने चुड़क्कड़ पति और मेरी पसंद पर गर्व महसूस हुआ. एक बहुत ही
अच्छे इंसान, हमेशा दूसरों का ध्यान रखने वाले, सुंदर, गोरे रंग के, लंबे
कद के और मजबूत कसरती बदन के मालिक, और सब से उपर ये की चुदाई के मामले
मे एक बहुत ही मज़बूत मर्द, ऐसे है मेरे पति. उनके पास एक शानदार, लंबा
और मोटा लॉडा है जिसकी मैं दीवानी हूँ. मैं अपने आप को दुनिया की सबसे
खुसकिस्मत औरत मानती हूँ जिसके पास दुनिया का सबसे अच्छा पति है.
चाइ ले कर मैं बाहरी कमरे मे आई और चाइ की ट्रे को टेबल पर रखा. उन्होने
मुझे मेरा हाथ पकड़ कर अपनी तरफ खींचा और मुझे अपनी नंगी गोद मे बिठा
लिया. उन्होने मुझे मेरे होठों पर चूमा और उनके हाथ मेरी नंगी पीठ सहलाने
लगे. उनके गरमा गरम चुंबन से मैं फिर से गरम होने लगी. मैने अपनी नंगी
गंद के नीचे, उनके पैरों के बीच कुछ हलचल महसूस की. मैं झट से खड़ी हो गई
और देखा की उनका लंड फिर से खड़ा होने लग गया है. ऐसा लग रहा था जैसे
लंबे गुब्बारे मे हवा भर रही हो.
मैने मुस्कराते हुए कहा - हम को पार्टी मे जाने के लिए तय्यार होना है. ठीक?
वो बोले - हां. तुम ठीक कहती हो, पर पार्टी हमारा थोड़ा इंतज़ार कर सकती
है. एक छ्होटी सी, फटाफट चुदाई के बारे मे क्या ख़याल है?
मैने उत्तर दिया - मैं तय्यार हूँ. पर हम को पार्टी मे जाने मे देर हो जाएगी.
उन्होने एक लंबी साँस ली और बोले - ठीक है मेरी रानी. ये तो हमारा खेल है
और हम इसको चाहें जब, चाहे जहाँ खेल सकतें हैं. कोई बात नही, पार्टी के
बाद सही.
क्रमशः........................
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