RE: Antarvasna sex stories चुदाइ का दूसरा रूप
हम दोनो पानी बरसाते फव्वारे के नीचे आमने सामने खड़े थे. मेरी चुचियों
और मेरी निपल्स पर से होता हुआ फव्वारे का पानी बह रहा था. उन्होने मेरी
गीली चुचियों को, गीली निपल्स को बहुत ही प्यार से चूसा.
हम दोनो को ही हमेशा अलग अलग पोज़िशन मे चुदाई करना पसंद है. उन्होने
अपने हाथ मेरे पीछे करते हुए मुझे मेरी नंगी गंद पकड़ कर उठा लिया. मैं
जैसे उनकी हथेलियों पर अपनी गंद टीका कर बैठी थी. मैं चुदवाने के लिए
तय्यार थी और मेरी चूत भी उनके लंड का स्वागत करने को तय्यार थी. क्यों
कि मैं उनके दोनो हाथ पर अपनी गंद रख कर बैठी थी और वो खड़े थे, मैने
अपना हाथ नीचे करके, उनके इंतज़ार करते हुए गरम लॉड को पकड़ कर अपनी चूत
के दरवाजे पर लगाया और उन्होने मेरी गंद ज़रा दबाई तो उनका फंफनता हुआ
लंड मेरी चूत मे घुसने लगा. चुदाई की इस पोज़िशन मे मेरे लिए ज़्यादा कुछ
करने को नही था सिवाय चुदवाने के. वो मेरी गंद पकड़े हुए थे और मुझे उपर
नीचे, उपर नीचे कर रहे थे. मेरे हाथ उनकी गर्दन पर लिपटे हुए थे. हमेशा
की तरह उनका लंबा लंड मेरी चूत की गहराइयों मे मज़ा देने वाले स्थान को
खत खता रहा था. वो मेरी गंद पकड़ कर मुझे चोद रहे थे और मैं अपनी गंद
उनके हाथ मे रख कर मज़े से चुदवा रही थी. फव्वारे के बरसते पानी के नीचे
जो जवान नंगे जिस्म जल रहे थे और अपनी चुदाई की गर्मी को कम करने की
कोशिश कर रहे थे. बहते पानी मे भी चुदाई की फ़चा फॅक .. फ़चा फॅक........
फाका फक...... फाका फक हो रही थी. एक बार फिर मुझे लगा कि मैं उनसे कहीं
पहले ही झाड़ जाओंगी. मैं अपने पूरे अनुभव और क़ाबलियत के साथ इस तरह
चुदवा रही थी कि उनको भरपूर मज़ा मुझको चोदने मे आए. अब उनकी चोदने की
रफ़्तार बढ़ गई थी और उनका लंड तेज़ी से और जल्दी जल्दी मेरी गीली चूत मे
अंदर बाहर हो रहा था. हमारी आँखें चुदाई के आनंद के मारे बंद हुई जा रही
थी. चुदाई का पूरा दारोमदार उन पर था और वो मेरी नंगी गंद पकड़ कर धक्के
लगा रहे थे. मैं जोरदार चुदाई का पूरा मज़ा ले रही थी. उनके लॅंड के,
मेरी चूत मे हर धक्के के साथ मेरी चुचियाँ उच्छल रही थी. वो मुझे किसी
गुड़िया की तरह अपने हाथों मे उठाए बाथरूम मे बरसते पानी के नीचे चोद रहे
थे. मुझे उनके तेज होते धक्कों, उनके लंड के मेरी चूत मे आते जाते और
अधिक सख़्त होने से ये पता चल चुका था कि जल्दी ही उनका लंड मेरी चूत मे
अपना लंड रस बरसाने वाला है. मैं तो पहले से ही अपने झड़ने के काफ़ी करीब
थी. अचानक ही उनकी चुदाई की रफ़्तार तूफ़ानी हो गई और मैं उनके हाथों मे
किसी खिलोने की तरह हवा मे उच्छल रही थी. मेरी हवा मे उच्छलती चुचिया कई
बार मेरी खुद की ठुड्डी से टकराई. मैं तो बस पहुँचने ही वाली थी और मेरा
नंगा बदन झड़ने के लिए अकड़ने लगा. उनका लॉडा भी हर धक्के के साथ सख़्त,
और सख़्त होता जा रहा था.
मैं खुद को रोक नही सकी और करीब करीब चिल्लाई - ओह डियर........ मैं तो गई जानू.
वो बोले - रूको जूली........... मैं भी आया.
हम दोनो प्यार और चुदाई के मज़े और उत्तेजना मे बड़बड़ाने लगे.
" लव यू डियर........ ओह डार्लिंग........... जानू......... जान.....
आआहह .... ऊऊहह ...... हाआअन्न्ननणणन्."
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