RE: Antarvasna sex stories चुदाइ का दूसरा रूप
मेरे पति अपने पास की चाबी से दरवाजा खोल कर घर मे आए तो मुझे तुरंत ही
पता चल गया क्यों कि मैं बाहरी कमरे मे ही बैठ कर टी.वी. देख रही थी.
उनकी तेज आँखों ने तुरंत ही भाँप लिया कि मैं उनके साथ नहाने को तय्यार
हूँ. वो मुस्कराए तो जवाब मे मैं भी मुस्करा पड़ी. वो मेरे नज़दीक आए और
मुझे अपनी बाहों मे भर लिया, जो कि वो हमेशा ही घर आते ही करतें हैं.
मैने भी उनको बाहों मे भरा और हमने एक दूसरे के रसीले होंठ चूस्ते हुए
चुंबन किया.
वो बोले - तय्यार हो नहाने के लिए ?
मैने कहा - हां जान. मैं तय्यार हूँ.
उन्होने जवाब दिया - ठीक है. एक ग्लास पानी मिलेगा पीने के लिए ?
मैं रसोई से उनके लिए पानी का ग्लास ले कर आई तो मैने देखा की उन्होने
अपने सारे कपड़े उतार दिए हैं और सिर्फ़ चड्डी पहने सोफा पर बैठे हैं. जब
मैने उनको पानी का ग्लास दिया तो उन्होने अपने एक हाथ से पानी का ग्लास
पकड़ा और दूसरे हाथ से मेरा हाथ पकड़ कर मुझे अपनी गोद मे बिठा लिया.
उन्होने पानी पिया और फिर से मेरे होठों को चूमा. मैं उनके चुंबन का आनंद
लेती हुई उनके बालों मे हाथ फिरा रही थी. प्यार और चुदाई की आग हमारे बीच
भड़कनी शुरू हो चुकी थी.
यहाँ मैं आप को फिर से बता दू कि मैं पिच्छले 15 सालों से चुदवा रही हूँ
जब मैं सिर्फ़ 14 साल की थी तब से. अब मेरी शादी को 7 महीने हो चुके हैं.
शादी के पहले मैं साप्ताह मे 4 या 5 बार चुदवाती थी और अब शादी होने के
बाद चुदवाने की गिनती बढ़ कर दिन मे कम से कम दो बार हो गई है. सबसे
ज़्यादा खुशी की बात तो ये है कि हमेशा ही, जब भी अकेले होते हैं, एक
दूसरे को छुते हैं, चुंबन करतें हैं, मैने पाया है कि चुदाई की गर्मी वही
पुरानी गर्मी जैसी है. मैं बहुत किस्मत वाली हूँ कि मुझे मेरे जैसा ही
चुदाई का साथी मिला है.
हमारा चुंबन ख़तम होने के बाद उन्होने मुझे किसी गुड़िया की तरह अपने
हाथों मे उठाया और मुझे बाथरूम मे ले आए. उस समय 6.30 हुए थे और हमारे
पास पार्टी मे जाने के पहले काफ़ी समय था. उन्होने फव्वारा चालू किया और
हम दोनो भीगने लगे. मैने अपना गीला गाउन उतार कर अपने सेक्सी बदन को
कपड़े से आज़ाद किया. गर्मी का मौसम और फव्वारे का ठंडा ठंडा पानी. लेकिन
वो ठंडा पानी भी हमारी चुदाई की गर्मी को कम नही कर रहा था, बल्कि और
बढ़ा रहा था. मैने उनकी चड्डी भी उतार दी और देखा की उनका खड़ा हुआ लंबा
लॉडा मुझे सलाम कर रहा था. मैने देखा की उनके लंड के आस पास कुछ बॉल उग
आए हैं. मेरी चूत तो बिल्कुल सॉफ, बिना बालों के, चिकनी थी क्यों की मैने
तो दो दिन पहले ही अपनी चूत के बॉल सॉफ किए थे. मैने उनके खड़े हुए,
सख़्त, लंबे और मोटे लंड लो अपने हाथ मे पकड़ा. उनके लंड के नीचे लटकी
गोलियों की थैली पर से होता हुआ पानी नीचे गिर रहा था.
मेरे पति को पता है कि मुझे चूत या लंड पर बाल पसंद नही है, खास कर के
मुख मैथून करते वक़्त. वो तुरंत समझ गये कि मेरी आँखों ने क्या देखा है.
उन्होने तुरंत नीचे के बाल सॉफ करने वाला सामान बाथरूम की छ्होटी आलमारी
से निकाला. मैं फव्वारे के नीचे बैठी उनको देख रही थी जबकि वो फव्वारे के
बरसते पानी से बाहर चले गये. उन्होने अपने खड़े लंड के आस पास, जहाँ जहाँ
बाल थे, और लंड के नीचे लटकी गोलियों की थैली पर भी थोड़ी शेविंग क्रीम
लगाई. हमेशा की तरह मैने उनको अपनी झाँटें सॉफ करने मे मदद की क्यों की
मुझे ये काम पसंद है. जब वो रेज़र से अपने बाल सॉफ कर रहे थे तो मैने
उनका लंड पकड़ रखा था और मैने उनके लंड के नीचे की गोलियों की थैली को भी
इधर उधर कर के वहाँ से बॉल सॉफ करने मे उनकी मदद की. जल्दी ही उनका सुंदर
लंड बिना बालों के, चिकना हो कर मेरी आँखों के सामने था. अब वो भी
फव्वारे के नीचे आ गये थे और उनके लॉड के आस पास लगी साबुन पानी मे बह गई
और उनका लंड चमक उठा. मैने बिना कोई समय बर्बाद किए तुरंत ही नीचे बैठे
बैठे उनका प्यारा सा, खड़ा हुआ, सख़्त, लंबा और मोटा लंड चूसने के लिए
अपने मूह मे ले लिया. वो खड़े थे और उनके हाथ मेरे सिर के बालों मे प्यार
से घूमने लगे जबकि मैं बाथरूम के फर्श पर बैठ कर उनके लंड को चूस रही थी.
आप को मेरे पति की मर्दानगी मालूम ही है की उनके लंड से पानी निकालने मे
काफ़ी वक़्त लगता है और ज़्यादातर उनकी एक चुदाई मे मेरी दो चुदाई हो
जाती है. उनकी ये मर्दानगी हम दोनो के लिए बड़े गर्व की बात है. अब मुझे
उनको अपने हाथ और मूह से ही इतना गरम करना था और इतना आगे ले जाना था की
चोद्ते वक़्त उनके लंड से मेरे खुद के झड़ने के साथ ही पानी निकले.
फव्वारे से बरसता पानी हम को और भी सेक्सी बना रहा था. उन के लंड का मूह
मेरे मूह मे था और निचला हिस्सा मेरे हाथ मे था. मेरी जीभ उनके लंड के
मूह, सूपदे पर घूम रही थी जो उनको पूरा मज़ा दे रही थी. वो हमेशा कहतें
हैं कि मैं बहुत अच्छा लंड चुस्ती और चाट ती हूँ. मैं खुद जानती हूँ की
मैं कितनी क़ाबलियत के साथ लंड चुस्ती हूँ. मैं उनका लंड अपनी हथेली मे
पकड़ कर आगे पीछे करते हुए उनके लंड का सूपड़ा चूस रही थी. उनका लंड
चूस्ते और मूठ मारते हुए मुझे ये अंदाज़ा हो गया था कि मैं उनको आधी दूर
ले आई हूँ और अब हम अपना पसदीदा चुदाई का खेल शुरू कर सकतें हैं. मेरी
चूत तो उनका लंड चूस्ते चूस्ते ही काफ़ी गीली हो चुकी थी और उनका लंड
लेने को तय्यार थी.
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