RE: Chudai Kahani स्वामी जी का कमाल
स्वामी जी का कमाल--2 .
सुबू की बेहन रश्मि की चुदाई सुबू स्वामीजी से अलग हुई और कपड़े पहनने
लगी. स्वामीजी ने भी कपड़े पहन लिए. सुबू अंदर गयी और 5000 रुपये ले कर
आई और स्वामीजी को देने लगी, `स्वामीजी , ये लीजीए मेरी तरफ से भेंट.` `
ये क्या है?` `स्वामीजी आप ने मेरी इतनी अच्छी चुदाई की, आप इसे ले
लीजिए` `नहीं सुबू, में चुदाई के पैसे नहीं लेता, और ना मुझे इनकी ज़रूरत
है. हमारे आश्रम के पास बहुत पैसा है. हां अगर तुम इच्छा रखती हो तो में
1000 रुपये रख लेता हूँ , क्यों की हम इस शहर में भी आश्रम खोल रहे हैं.`
` ठीक है स्वामीजी, फिर आप बैठिए, में आप के लिए खाना बनाती हूँ`. `ठीक
है ` कह कर स्वामी जी बैठ गये. सुबू दूध भरा गिलास और ड्राइ फ्रूट लाई और
हंस कर बोली, `स्वामीजी आप ने बहुत मेहनत की है ये पीलीजिए, तब में खाना
बनाती हूँ`स्वामीजी भी हँसने लगे. खाना ख़तम हो गया. सुबू और स्वामी जी
सोफा पर बैठ गये.सुबू नें पूछा, ` अब कब आओगे स्वामी जी ?` `जब तुम
बुलाओ` ` मेरा क्या में तो कहती हों जाओ ही मत, दिन रात मुझेचोद्ते रहो`
`नहीं, पर तुम जब कहो में आ जाऊँगा` `जल्दी से जल्दी कब आ सकते हैं` सुबू
की आँखों के सामने स्वामीजी का लंड घूमने लगा. `ठीक है आज मँगवार है अगले
मंगलवार को आऊंगा` वो बातें कर ही रहे थे की रश्मि आ गयी. स्वामीजी को
देख कर वो रुक गयी. सुबू ने दोनो का परिचाए करवाया,` स्वामीजी ये मेरी
बेहन रश्मि है, रस्मी ये स्वामीजी हें प्रणाम करो`. रश्मि नें प्रणाम
किया और बोली,` दीदी में ज़रा फ्रेश हो लूँ`. ` सुबू बोली ठीक है जा.
स्वामीजी भी जाने वाले हें` रस्मी चली गयी. स्वामी जी नें पूछा, `सुबू
तुम इस लड़की की चुदाई की बात कर रही थी?` ` हां स्वामीजी`. `मगर क्यूँ,
ये तो कुँवारी है. मेने तुम्हें चोदा है इसका मतलब ये नही की में कुँवारी
लड़कियों की ज़िंदगी बर्बाद करूँ. चुदाई मेरा पेशा नहीं है. में केवल
उनें ही चोद्ता हूँ जो अपने विवाहित जीवन से निराश होती हैं. इसे
चोदुन्गा तो इसकी सील टूट जाएगी चूत खुल जाएगी. ये इसके पति के साथ धोका
होगा ` स्वामीजी में आपकी भावनाओं की कदर करती हूँ मगर ये मेरी बेहन मेरी
देवरानी बन-ने वाली है और मेरा देवर मनोज भी मेरे पति रामजी की तरहा
नमार्द है. जहाँ तक सील का स्वाल है उसका लंड तो सील तक पहुचेगा भी नहीं
फिर जब मेरी तरहा कल भी चुदाई बाहर से ही करवानी है तो आज ही क्यों
नहीं.आआप परेशान ना हों और अगली बार इसकी भी चुदाई करें.` `अगर ये बात है
तो ठीक है, में अपने एक चेले को भी ले कर आऊंगा. मगर एक बात बताओ, तुम्हे
कैसे मालूम की मनोज भी नमार्द है, क्या उस-से भी चुदाई करवाई थी` `हाँ
स्वामीजी, जब रामजी मेरी प्यास नहें बुझा सका तो मेने मनोज को फँसाया, पर
वो भादुआ तो रामजी से भी बेकार निकला.` ` तो फिर तुम रश्मि की शादी इस-से
क्यों करवा रही हो` ` स्वामीजी जी , ये मेरे सामने रहेगी तो दिल को
तस्सली रहेगी. अगर कहीं और शादी हो गयी और भी कोई नमार्द ही मिल गया तो
क्या होगा . अपनी हालत देख कर मन डरने लगा है. बस अब आप हम दोनो बहनों को
चोद्ते रहिए` `ठीक है तो फिर अगले मंगलवार को अपने चेले के साथ आता हूँ.
` फिर धीरे से बोले, ` मेरा चेला तुम्हारे लिए एक सर्प्राइज़ होगा`. सुबू
कुछ समझी नहीं. स्वामीजी चले गये. रश्मि बाहर आई, ` क्या स्वामीजी चले
गये दीदी?` ` दीदी एक बात पूछूँ, आज बड़ी खुश लग रही हो क्या बात है?`
सुबू शरमाई, `नही बस ऐसे ही`. `नही दीदी कुछ तो है , बताओ ना`. ` अरी कुछ
नहीं, अच्छा एक बात तो बता, कॉलेज में तेरा कोई बाय्फ्रेंड है?` रश्मि
हैरान हो गयी. दीदी नें कभी उस-से ऐसी बात नही की थी.बोली,` नहीं दीदी."
` पर आज कल तो सब लड़कियों के बॉय फ्रेंड्स होते हैं` ` हां पर मेरी शादी
भी तो तय हो गयी है` ये कहते हुए वो कुछ उदास हो गयी. वो मनोज और रामजी
जीजा जी के बारे में जानती और समझती थी. ` रश्मि, में जानती हूँ तू क्या
सोच रही है. तेरे जीजा जी में मर्दानगी की कमी है और मनोज भी ऐसा ही है.
फिर भी में तुम दोनो की शादी करवा रही हूँ. रश्मि में ये इस लिए कर रही
हूँ की इस-से तुम मेरे पास तो रहोगी. कहीं दूसरी जगहा भी ऐसा आदमी मिल
गया तो क्या होगा? या तो फिर तुम ही अपने लिए कोई ढूंड लो जो पूरा मर्द
हो. मगर एक बात है यहाँ ढेर सारा पैसा और आज़ादी है , कोई रोक टोक नही.
अगर थोड़ा सोच समझ कर चलें तो सब ठीक हो सकता है. आ इधर मेरे पास आ. तू
कह रही थी ना की आज में बहुत खुश हूँ, हां ये सच है, आज में खुश हूँ. तू
मेरी बेहन ही नहीं मेरी सहेली भी है. हम दोनो एक ही नाव के सवार हें. हमे
एक दूसरे का राज़दार भी बन-ना है. ये जो स्वामी जी आए थे, ये आज मुझे दो
बार चोद कर गये हैं. मेरी तस्सली हो गयी है. अगले मंगलवार को फिर आएँगे
और साथ इनका एक चेला भी होगा. अगली बार में चाहती हूं की तू भी चुदाई
करवा और मज़ा ले.` `मगर दीदी…….. .` `नहिएं रश्मि, में तड़पति रही हूँ
सेक्स के लिए, में तुझे तड़पने नहीं दूँगी.` ये कह कर सुबू नें रश्मि को
बाहों में ले लिया, और अंजाने ही उसके होंठ चूसने लगी……. ………
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