RE: Chudai Kahani स्वामी जी का कमाल
सुबू बीच में ही रोक कर
बोली,` अब बस भी करिए स्वामी जी, मुझे सुबू बुलाए , पर में आप का लंड एक
बार फिर चूसना चाहती हूँ. ` स्वामी जी –` हां लो`. कह कर स्वामी जी ने
लंड उसके मुँह में डाल दिया. सुबू ऐसे लग रह था की सुबू पूरा लंड खा लेना
चाहती थी. स्वामी जी नें भे ऐसी चुसाइ नहीं करवाई थी. सुबू अपनी जीभ लंड
के सूर्ख पर रगड़ रही थी जिस-से स्वामी जी पागल हो रहे थे . स्वामी जी का
लंड अब 9″ का हो चला था स्वामी जी कोलगा अगर अब चूत में ना डाला गया तो
फॅट जाएगा. उन्हों-ने धीरे से लंड सुबू के मुँह में से निकाला और उसे
लिटा दिया. उसकी गांद के नीचे फ्सी तकिया रख दिया.सोबू की चूत एक तकिये
से ही उपर आ गयी. सुबू की चूत उपरी चूत थी.दूसरी तरहा की चूत नीचे की चूत
होती है . ऐसी चूत के नीचे बड़े तकिये रखने पड़ते हैं. नीचे की चूत को
पीछे से चोदने का ज़्यादा मज़ा आता है. खैर स्वामी जी नें सुबू की टाँगें
उठाई और लंड चूत के उपर रखा. सुबू मस्त हो चुकी थी ,बोली` स्वामी जी इतना
मोटा लंड है , मेरी चूत फॅट तो नहीं जाएगी?` ऐसा लग रहा था जैसे उसकी
आवाज़ बड़ी दूर से आ रही है. स्वामी जी बोले,` चिंता ना करो रानी, अगर
हमारे चोदने से चूत फॅट गयी तो बात ही क्या . चूत फटी है अनाड़ी के चोदने
से जो सबर से नहीं चोद्ते.` सुबू — `तो फिर डाल दो ना, अब और नहीं रहा
जाता . ना जाने कितनी बार ऐसे लंड का सपना देखा है, आज सामने मेरी चूत
में जाने के लिए तैयार है. अब डाल ही दो स्वामी.` यह सुन कर स्वामी जी
नें धीरे से एक धक्का लगाया और लंड का टोपा चूत में घुसेड दिया. सुबू की
चूत स्वामी जी की उम्मीद से ज़्यादा मस्त और टाइट थी. स्वामी जी भी लंबी
लंबी साँसें लेने लगे. थोड़ा और लंड अंदर डाल दिया . अब सुबू को दर्द
हुआ-"आईए, मर गयी रे….स्वामी जी धीरे चोदो दर्द हो रहा है.` मगर स्वामी
जी जानते थे की ये दरद अब मज़े में बदलने वाला है. उन्हों-ने थोड़ा लंड
और डाल दिया.. ` आआआ…… …मर गयी रे स्वामी जी मर जाऊंगी.` स्वामी जी नें
एक धक्का और लगाया और पूरा लंड चूत के अंदर कर दिया सुबू पूरे ज़ोर से
चिल्लाई, ` स्वाअमीइजीई बस मर जाऊंगी , फाड़ डी मेरी, बस करो स्वामीजी.`…
……… स्वामी जी सुबू के चीखने से समझ गये कि, चूत सच में ही कुँवारी है.
उन्हों-ने धक्के लगाने बंद कर दिए और सुबू की ओर देखने लगे. स्वामी जी
लंबी रेस के घोड़े थे, एक ही बार चुदाई कर के माल को हाथ से खोना नहीं
चाहते थे . सुबू दरद से उभर्चूकी थी. मज़ा लेने का मन होने लगा था.
स्वामी जी के धक्के रुकने पर आँखें खोल कर स्वामीजी की तरफ देखा, और
प्यासी आवाज़ में कहा, ` स्वामी जी चोदो ना, धीरे धीरे, बड़ा अच्छा लगता
है, आपका लंड तो मुझे आपकी गुलाम बना देगा. स्वामी जी प्लीज़ चोदो मुझे ,
अब नहीं चीखूँगी. फाड़ दो मेरी चूत, पर चुदाई करो, हाए स्वामी जी आप मुझे
पहले क्यों नहीं मिले, रामजी तो ख़ास्सी है . आप का लंड तो मस्त है चोदो
स्वामी जी चोदो. हमेशा चोद्ते रहना . धक्के लगाओ स्वामी जी , है आप का
लंड है कितना बड़ा है , कितना मोटा है , ऐसा लग रहा है मेरी पूरी चूत आप
के लंड से भर गयी है, आप पहले क्यूँ नहीं आए, स्वामी जी किस बात की
इंतेज़ार कर रहे हो, चोदो, मुझे स्वामी जी प्लीज़…… …` और सुबू बड़बड़ाती
जा रही थी. स्वामी जी खेले खाए थे . जानते थे की ये औरत प्यासी है लेकिन
चूत कुँवारी है. मोटा लंबा लंड नही झेल पाएगी इस लिए धीरे धीरे कर रहे
थे. वो जानते थे की जैसे ही लंड चूत में सेट हो जाएगा, सब कुछ ठीक हो
जाएगा. और वो वक़्त आने वाला था. सुबू लंड ले चुकी थी . उसका दरद कम हो
गया था . अब उसे धक्के चाहिए थे, मस्त और लंबे धक्के. स्वामी जी ने धीरे
धीरे आगे पीछे करना शुरू किए . हर धक्के के साथ सुबू मस्त हो रहे थे.`
हाई स्वामी जी….., क्या ये है चुदाई…., रामजी तो साला नमर्द है……है. ..
और ज़ोर से स्वामीजी …. और थोड़ा …मज़ा आ रहा है…….ऊऊहह. ..क्याआ. ..बात
है ……स्वामीजी आप महान हो….कसम से…..आप महानहो…. ..आह…आह बड़ा अच्छा लग
रहा है. हां हां और अंदर…. आह आह…….स्वामी …स्वामी आह….. खुद भी घुस जाओ
मेरी फुदी में …..आह फाड़ दो स्वामी …ओह स्वामी….ओह और ज़ोर से ….कसम से
…मुझे छोड़ना मत…. आह में तुम्हारी गुलामी करूँगी आह स्वामी
स्वामी….स्वामी आह आह….` स्वामी जी समझ गये की सुबू झड़ने को है.
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