RE: Hindi XXX Story मेरा अमर प्यार
फिर मैं बोली भैया मैं नहाने जा रही हूँ. फिर डॉक्टर के पास चलेंगे.
मैने जो कुच्छ देखा ये जानने के बाद भैया के भी अरमान जाग उठे..
मैं अपने रूम मे जाकर बाथरूम मे नहाने चली गयी. वो भी थोड़ी देर मे मेरे
रूम मे आगाये . मेरे बाथरूम से पानी गिरने की आवाज़े सुन कर
दरवाजे के की होल से अंदर देखने लगे. मुझे नंगा देख कर वो भी मेरे बारे
मे सोचने लगे मेरा गोरा रंग गोल गहरी नाभि ऑर सेब के बराबर मेरी
चुचिया..बस ये सब देख कर उनका मन मचल उठा...ऑर उनका लंड खड़ा होने लगा.
मैने जब शवर बंद किया तो वो समझ गये कि मैं अब बाहर आउन्गि ऑर वो वहाँ से
हट गये..ओर बाहर चले गये...
मैने बाहर आकर अपनी ड्रेस निकाली जीन्स ऑर टॉप पहन ली . तयार हो कर बाहर आगयी.
मेरा टॉप थोडा शॉर्ट था इसलिए इधर उधर होते हुए मेरी गोल गहरी नाभि दिख जाती.
भैया से बोली चलें भैया...
दीपक भैया की नज़र बार बार मेरे पेट पे आकर रुक जाती ऑर मेरी नाभि के
दर्शन करना चाहती... मैं ये बात समझ गयी थी.
भैया गाड़ी आप चलाओगे या ड्राइवर से गाड़ी निकालने को बोलूं..
नहीं गुड़िया गाड़ी मैं ही चलाउँगा .
भैया ऑर घर से बाहर निकले . भैया गाड़ी ले कर आ गये हम दोनो फ्रंट सीट पर
बैठ गये..ऑर डॉक्टर के पास चल पड़े. गाड़ी मे भी दीपक भैया की नज़र बार
बार मेरे पेट पर आती. मैंने उनकी तड़प को समझते हुए अपनी सीट को लंबा
करके बेड बना दिया हाथ उपर कर लिए ऑर आँखें बंद करके लेट गयी हाथ उपर
करने के कारण मेरा टॉप काफ़ी उपर चला गया ऑर आधे से ज़यादा मेरा पेट नंगा
हो गया. अब मेरी नाभि खुल कर दीपक भैया के सामने आगयी. मेरे भैया के तो
जैसे होश ही उड़ गये ओर उन पर क़यामत टूट पड़ी. पूरे रास्ते उनकी नज़र
मेरे पेट ओर मेरी नाभि से नहीं हटी...ऑर मैं भी यही तो चाहती थी.
हॉस्पिटल आया मुझे दवाई दिलवाई ऑर फिर गाड़ी मे . मैं गाड़ी मे वैसे ही
लेट गयी ऑर भैया के उप्पर क़यामत गिराती हुई वापस घर आ गयी.
घर आते हम 12 बज गये थे . ऑर लंच करते करते हम को 1 बज गया. फिर भैया ने
मुझे दवा खाने के लिए बोला . दवा लेने के बाद मुझे नींद आने लगी. ऑर मैं
सो गयी.
सभी नौकर काम कर के अपने कमरो मे जा चुके थे. अब दीपक भैया ऑर मैं घर मे
अकेले ही थे. मैं अपने रूम मे सो रही थी.. ऑर भैया अपने रूम मे मुझे पाने
के लिए तड़प रहे थे. जब उनका खुद पर कंट्रोल नहीं रहा तो बेअर की बॉटल पी
कर मेरे रूम मे आ गये. उन्हे बेअर का नशा हो चुका था.
मैं बेड पे सो रही थी. मेरा पूरा टॉप उपर था ऑर मेरी जीन्स मेरे प्यूबिक
एरिया से नीचे आ गयी थी.. भैया कुच्छ तो नशे मे थे ओर मुझे इस हालत मे
देख कर उनका नाश दुगना हो गया था..ऑर वो मुझे चोदने का पूरा मन बना चुके
थे. वो बेड पे मेरे पास बैठ गये ऑर धीरे से मेरे पेट पर हाथ फेरने लगे ओर
मेरी नाभि छेड़ने लगे. किसी मर्द ने मुझे पहली बार इस तरह से छेड़ा था
थोड़ी देर बाद ही मेरी आँख खुल गयी उपर भैया को देख कर मैं सोने का नाटक
करने लगी ऑर आँखें बंद रखी.
दीपक भैया मुझे छेड़े जा रहे थे, उनके हाथ धीरे-2 मेरी चूचियों पर गये .
उनका ऐसे प्यार से मेरा बदन सहलाने ऑर उनकी इस छुअन से उठी सिरहन मुझसे
बर्दास्त नहीं हो रही थी पर फिर भी मैं खुद को रोके पड़ी रही धीरे -2 वो
मेरी चूत वाली जगह पर पहुँचे. फिर वापस मेरी चुचि पर उनके हाथ आ गये.
क्रमशः..........
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