RE: Hindi XXX Story मेरा अमर प्यार
5 मिनूट बाद जब मम्मी का दर्द कुच्छ कम हुआ तब पापा ने ममी की चुदाई शुरू
की वो लंड को धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगे. इसमे शायद मम्मी को बहोत
मज़ा आरहा था ऑर वो बहुत ही कामुक आवाज़े अपने मुँह से निकाल रही थी...
ये सब देख कर मुझे पता ही नहीं चला कि कब मेरा हाथ मेरी पॅंटी के अंदर
चला गया...ओर मेरी उंगलियाँ मेरी छ्होटी सी कुँवारी चूत के साथ खेलने
लगी.
पापा ममी को जोरो से चोदे रहे थे मुम्मी अपने मुँह से तरह तरह की कामुक
आवाज़ें निकाल रही थी ऑर मैं बाहर खड़ी आपनी चूत को हाथ से रगड़ रही
थी....
मुझसे वहाँ पर ज़यादा देर ना रुका गया ओर मैं अपने बेड रूम मे आकर अपने
बेड लेट गयी. मैने अपनी स्कर्ट पॅंटी निकाल अपनी चूत रगड़े जा रही थी.
थोड़ी देर मे ही मुझे ऐसा लगा कि जैसे मेरी चूत ने बहोत सारा पानी छ्चोड़
दिया. ऑर मेरा सारा शरीर अकड़ गया. उस वक़्त मुझे इतना मीठा मज़ा आया जो
कभी नही आया था.
मेरा सारा बदन पसीने मे भीग गया था. थोड़े देर बाद मुझे कब नींद आ गयी
मुझे पता नहीं चला. सुभह मुझे उठने मे देर हो गयी तो दीपक भैया सीधे मेरे
कमरे मे आए ओर बोलने लगे गुड़िया चल जल्दी उठ जा ओर मेरे उपर से चादर
खींच दी.रात मास्टब्रेट करने के बाद मैं ऐसे ही सो गयी थी मैने ना तो
पॅंटी पहनी ओर ना ही स्कर्ट. मैं नीचे से बिल्कुल नंगी भैया के सामने
पड़ी थी. दीपक भैया बस देखते ही रह गये. मेरी छोटी सी कुँवारी गुल्लाबी
चूत ऑर उस पर छ्होटे-2 गोल्डन प्यूबिक हेर्स. तभी मेरी नींद खुल गयी ओर
मैने चादर वापस खेंच कर अपने उपर ली.
भैया मेरे रूम से निकल गये. मैने जल्दी से उठ कर अपनी पॅंटी ओर स्कर्ट
पहनी ओर शरमाते हुए नज़रें नीचे करके बाथरूम मे फ्रेश होने के लिए गयी जब
मैं फ्रेश होकर ब्रेकफास्ट टेबल पर पहुँची तो वहाँ पर ममी डॅडी ऑर दीपक
भैया पहले ही बैठे थे ओर ब्रेक फास्ट कर रहे थे. मुझे देख भैया बोले
गुड़िया क्या हुआ आज इतनी देर से तेरी तबीयत तो ठीक है.
कुच्छ नहीं भैया बस थोड़ा सर दुख रहा है ऑर थोड़ा सा फीवर है.. ( क्यों
कि मेरे बदन मे कुच्छ ज़यादा ही गर्मी है जो बुखार के रूप मे बाहर निकलती
है. ऑर रात वाली बात के बाद ऐसा होना स्वाभाविक था.)
इधर आओ मेरे गाल पर हाथ लगाते हुए मोम गुड़िया को तो तेज़ बुखार है ऑर ये
थोड़ा सा बोल रही है..
ममी बोली गुड़िया बेटा कितनी बार कहा है अपना ख़याल रखा करो. पर बेटा आप
तो मानती ही नहीं हो. दीपक बेटा आप डॉक्टर को बुलाओ ऑर अपनी बहन को
दवाइयाँ दिलवाओ. डॅडी ओर मैं तो आज बाहर जा रहे हैं ऑर बेटा हमारा जाना
ज़रूरी भी है...एक हफ्ते मे हम वापस आजाएँगे.
मोम डॅडी नाश्ता ख़तम कर चुके थे. ऑर उठते हुए बोले कारून बेबी गुड़िया
टेक केर बेटा.. तभी डेडी ने ड्राइवर को गाड़ी निकालने के लिए बोला..
फिर कुच्छ ही देर मे ममी डॅडी एरपोर्ट चले गये ऑर दीपक भैया ऑर मैं टेबल
पर बैठे नाश्ता करने लगे ...
मैं भैया से आँख नहीं मिला पा रही थी. ओर जल्दी नाश्ता करके अपने रूम मे चली गयी.
थोड़ी देर बाद भैया मेरे रूम मे आ कर बोले गुड़िया तयार हो जाओ तुम्हे
डॉक्टर के पास चलना है... पर मुझे कुच्छ सुनाई नहीं दिया... मेरे दिमाग़
मे तो बस रात वाले सीन चल रहे थे तभी दीपक भैया ने मुझे हिल्लाया तो उठी
..गुड़िया तुम्हे क्या हुआ...
कुच्छ नहीं भैया..
दीपक भैया उस समय बहोत बड़ी कंपनी मे सी.ए.ओ की पोस्ट पर थे पर उन्होने
शादी नहीं की थी ऑर नही उनकी कोई गर्ल फ्रेंड थी.... एक थी पर वो भैया से
रुपये पैसे के लिए जुड़ी थी उसका संबंध किसी ऑर के साथ भी था ऑर ये बात
भैया जान चुके थे इसलिए दीपक भैया ने उस को छ्चोड़ दिया था ओर इसीलिए
उन्होने शादी नहीं की थी ओर फिर कोई गिल्फ्रेंड नहीं बनाई... दीपक भैया
6.3 फीट लंबे स्ट्रॉंग मॅन है. ओर मेरे दिमाग़ मे उनको लेकर ही ख़याल आने
लगे कि भैया मेरे साथ सेक्स कर रहे हैं .
मैने भैया से हिम्मत कर के पुच्छ लिया कि उन्होने सुबह वाली बात मोम दाद
को तो नहीं बताई तो वो बोले पागल है क्या ये बात बताने की होती हैं..
फिर मैं समझ गयी कि हां भैया के मन मे भी कुच्छ है... फिर बोले पर
गुड़िया तू मुझे ये बता कि रात तू ऐसे क्यों सोई थी ऑर तू तो कभी भी ऐसे
नही सोती मैं तुझे रोज जगाता हूँ.
मैने उन्हे सब सच बता दिया. वो भैया मैं रात को मेरी नींद खुल गयी थी तो
मैं पानी पीने के लिए किचन मे जा रही थी. तो तभी मैने मोम डॅड के कमरे से
कुच्छ आवाज़ सुनी तो मैने उनके कमरे मे झाँका तब मैने जो देखा..
तभी भैया बोले गुड़िया मैं समझ गया कि ये बुखार कैसे उतरेगा
बॅड मॅनर्स ऐसे किसी के कमरे मे नहीं झाँकते.
सॉरी भैया
ओके
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