RE: Kamukta Kahani मम्मी – पापा का खेल
मैने एक बार उसके होंठ छोड़ दिए….कहा….तुम बहुत सुंदर हो
बबली….तुम जैसी ही बीवी तो चाहिए मुझे….. कितना सुंदर बदन है
तुम्हारा…..और एक बार फिर मैं उसके होंठ पीने लगा. एक लंबे
चुंबन के बाद….. उसने साथ नहीं दिया था…….मैने
पूछा….बबली….बुरा तो नहीं लगा?
नहीं…बिल्कुल नहीं…..आप तो किस करने मैं माहिर हैं!…. .वो नज़र
झुकाए ही बोली.
तो फिर तुमने क्यों नहीं किस किया मुझे…..?
मुझे नहीं आता …… आप सिख़ाओगे? अच्छा पर अभी आप ऑफीस जाओ……. वो
मुझे धक्का देने लगी.
अच्छा बाबा…जाता हूँ …..मैं हंसते हुए बोला.
मेरे लिए ऑफीस से वापस आते हुए क्या लाओगे…..?
एक गरमागरम किस…..
मारूंगी हां…..वो बनावटी गुस्से से बोली…..
मैं जाते हुए बोला…..अक्चा अक्च्छा मैं लाओंगा…..
थोड़ी देर के लिए मैं घर से बाहर गया. ऐसे ही नाटक करते हुए
मैं वापस भी आ गया. वो बेडरूम मैं थी. मैं चुपके से दूसरे
कमरे गया. उसके लिए मैने जो बीच ब्रा और जी-स्ट्रिंग पॅंटी खरीदी
थी वो पॅकेट निकाला……इन कपड़ों को चूमा. फिर जैसे की ऑफीस से
वापस आ गया……वापस बेडरूम मैं आ गया, जहाँ वो लेटी थी.
फिर यूँ ही खेल के कुछ और हिस्से चले…..फिर शाम भी हुई ….घूमने
गये….एसा करते करते हमारे खेल मैं रात आई…
इस खेल के डिन्नर के बाद…..? जब हमै रात मैं एक साथ सोना
था…उस समय उसने पूछा ….मेरे लिए क्या लाए…?
मैने पॅकेट उसके हाथ मैं दिया……देखो…..
क्या है….. वो ब्रा और पॅंटी निकालते हुए बोली……
वाउ….कितनी सुंदर है ये…..पर ये तो बहुत छोटी छोटी हैं…….
ब्रा और पॅंटी कोई बड़ी बड़ी होती हैं क्या…? मैं तो अपनी बीवी को ऐसी
ही पहनाओंगा….
पहनकर तो देखो…..
ओके….देखती हूँ…सच आप वाक़ई अच्छे पति हो आपको याद था की मुझे
ब्रा पहनना बहुत पसंद है? थॅंक यू…
थॅंक यू से काम नहीं चलेगा….पहनकर दिखना पड़ेगा……मैं भी तो
देखूं 34-18-35 के खूबसूरत जिस्म पर ये कैसे सुंदर लगते हैं….!
धात…स्ष…मैं कोई इन कपड़ों मैं आपके सामने आओंगी…?
क्यों भाई पति से शरमाओगी क्या? तो फिर दिखओगि किसे …डार्लिंग?
प्लीआसस्स्सीए! दिखाओ ना!
आच्छा ठीक है पर दूर से देखना पास ना आना. ओके?
ठीक है बाबा…तुम जाओ तो सही!
और ये क्या है…ये मेरा अंडरवेर है…..मैने आपना जॉकी उसके हाथ से
लेते हुए कहा….
वो दूसरे कमरे मैं चली गई…….मैने बिजली की फुरती से अपने कपड़े
निकाले और सिर्फ़ वो नया जॉकी का अंडरवेर पहन लिया….और मिरर के
सामने देखने लगा. जैसे की देख रहा हूँ कि ये अंडरवेर कैसा लगता
है. अंडरवेर बहुत सेक्सी था.फ्रंट मैं सिर्फ़ लंड को कवर करता
था.बाकी उस्मै बॉल तक सारे दिख रहे थे.
उसने आवाज़ दी ….मैं आऊ?
हां हां…डार्लिंग…मेरी जान आओ….!
वो थोड़ा शरमाती हुई आई…..अभी मैने उसके बदन की झलक ही देखी
थी की वो …वापस पलट गई….उउउइइइइमम्माआ……..!!!!!!!!!!!
मैं उसके पीछे लपका….और दूसरे कमरे मैं उसके सामने खड़ा हो गया.
एयाया….प्प्प..प्प्प नंगे क्यों हो गये…?
मैं….तो…तो..तो…अंडरवेर …पा…आ..आ..हहान..सीसी..आ….र्ररर देख रहा था….था…!
फिर हुमारे मुख मैं जैसे बोल अटक गये. मैं भी रोज एक्सर्साइज़ करता
था और मेरा बदन भी बड़ा गथीला था. वो मेरे जिस्म मैं खो गई
और मैं उसके उठाव –चढ़ाव- उतराव मैं. एक कमसिन अक्षत कौमार्या
मेरे सामने लगभग नग्न खड़ी थी. उस नयी जवानी भरे जिस्म पर वो
उठे हुए कसे कसे बड़े बड़े बूब्स….वो पतला सा पेट…..दुबली सी
कमनीया कमर….और फिर चौड़े नितंब……जी-स्ट्रिंग तो उसके उभरे हुए
गुलाबी चूत को भी पूरा नहीं धक पा रही थी.थोड़े थोड़े से रेशमी
बाल इधर उधर बिखरे थे.उसका वेजाइनल माउंड काफ़ी बड़े आकर का और
उभरा हुआ था…फूला फूला सा. और उसकी वो मादक झंघा….पतली लंबी
टांगे……बला की सेक्सी थी वो…फिल्म की हेरोयिन भी क्या उसके सामने
टिकेंगी…..मैं अचंभित सा कामुक दृष्टि से उसे यौं ही देखता
रहा….और कब मेरा लंड टंकार खड़ा हो गया …..मुझे खुद पता ना
चला.
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