प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ
07-04-2017, 12:37 PM,
#51
RE: प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ
दोस्तों अब दिल्ली लुटने को तैयार थी…

मैंने उसका टॉप उतार दिया। दोनों क़बूतर आज़ाद हो गए। वो आँखें बन्द करके लेटी थी। होंठ काँप रहे थे। मैंने अभी तक उसकी चूत को हाथ भी नहीं लगाया था। आप तो जानते हैं मैं प्रेम गुरु हूँ और जल्दीबाज़ी में विश्वास नहीं रखता हूँ। मैं तो उसके मुँह से कहलवाना चाहता था कि ‘मुझे चोदो’। अब मैंने उसके होठों पर उसके होंठ रख दिए। उसके नरम नाज़ुक रसीले होठ नहीं जैसे शहद से भरी फूलों की पँखुड़ियाँ हों। मैंने उसे गालों पर, पलकों पर, माथे पर, गले पर, कान पर, दोनों उरोजों पर, और नाभी पर चुम्बनों की झड़ी लगा दी। वो आआहहह… उहहहह… करती जा रही थी। अपने पैर पटक रही थी। उसकी सीत्कार तेज़ होती जा रही थी। वो बोली “ये मुझे क्या होता जा रहा है…” वो रोमांच से काँप रही थी। मैं जानता था अब वह झड़ने वाली है। अरे वो तो बिल्कुल कच्ची कली ही निकली। उसका शरीर अकड़ा और उसने मेरे होंठ ही काट लिए। उसके नाखून मेरी पीठ पर चुभ रहे थे। उसने एक हल्की सी सिसकारी मारी। लगता है उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया। फिर वह ठंडी पड़ गई।

मैंने अपने कपड़े उतार दिए। सिर्फ चड्डी पहनी रखी। पप्पू महाराज ने अपना सिर चिपकी हुई चड्डी से भी बाहर निकाल ही लिया। उस बेचारे के क्या दोष था। अब निशा की बेल-बॉटम हटाने का वक्त आ गया था। निशा आँखें बन्द किए लेटी थी। मैंने उसकी सैलेक्स (सूती के पाजामे जैसी) के इलास्टिक को धीरे-धीरे नीचे करना शुरु किया। (उसने फिर बत्ती बन्द करने को कहा, तो मैंने कहा कि वो जंगली बिल्ली आ गई तो तुम्हारा दूध पी जाएगी और मैं भूखा ही रह जाऊँगा, रहने दो।) निशा ने अपने चूतड़ थोड़े से ऊपर कर दिए। प्यारे पाठकों, और पाठिकाओं ! अब तो स्वर्ग का द्वार बस एक दो इंच ही रह गया था। चूत का अनावरण होने ही वाला था। मेरा पप्पू तो ठुमके पर ठुमका लगा रहा था। उसने तीन-चार वीर्य की पहली बूँदें छोड़ ही दीं। वो तो इस स्वर्ग के द्वार के दर्शन के लिए कब से बेताब़ था।

पहले छोटे-छोटे रेशमी बाल (उन्हें झाँट तो कतई नहीं कहा जा सकता) नज़र आए, और फिर किशमिश का दाना और फिर दो भागों में बँटी हुई उसकी नाज़ुक सी मक्खन मलाई सी चूत की फाँकें। गुलाबी रंगत लिए हुए। चूत के दोनों होठों पर हल्के-हल्के बाल। बीच में हल्की चॉकलेटी रंग की मोटी सी दरार। चीरे की लम्बाई ३ इंच से ज़्यादा बिल्कुल नहीं थी। मैं दावे के साथ कह सकता हूँ, ऊपर और नीचे के होंठों में रत्ती फर भी फ़र्क नहीं था। मोटे-मोटे गुलाबी रंग के संतरे की फाँके हों जैसे। दाईं जाँघ पर वो काला तिल। जैसे मेरे कत्ल का पूरा इन्तज़ाम किए हो। उसकी चूत काम-रस से सराबोर नीम गीली थी। मैंने अपने हाथों की दोनों उँगलियों से उसकी चूत की दोनों पंखुड़ियों को धीरे से चौड़ा किया। एक हल्की सी ‘पट’ की आवाज़ के साथ एक गहरा सा चीरा खुल गया।

उफ्फ.. सुर्ख लाल पकौड़े जैसी चूत एक दम गुलाबी रंग की थी। ऊपर अनार दाना, उसके नीचे मूत्र-छिद्र माचिस की तीली की नोक जितना बड़ा। आईला… और उसका फिंच… स्स्स्सी… का सिस्कारा तो कमाल का होगा। एक बार मूतते हुए ज़रूर चुम्मा लूँगा. मूत्र-छिद्र के ठीक एक इंच नीचे स्वर्ग-गुफ़ा का छोदा सा बन्द द्वार जिसमें से हल्का-हल्का सा सफेद पानी झर रहा था। मैंने अपनी जीभ जैसी ही उसकी मदन-मणि के दाने पर रखी तो उसकी एक सीत्कार निकल गई। मैंने जीभ को उसके मूत्र-छिद्र पर फिराया और फिर उसके स्वर्ग-द्वार पर। कच्चे नारियल, पेशाब और पसीने जैसी मादक सुगन्ध मेरे नथुनों में भर गई। कुछ मीठा, खट्टा, नमकीन सा स्वाद भला मैं कैसे नहीं पहचानता, जैसे मिक्की ही मेरे सामने लेटी हो। निशा तो अब किलकारियाँ मारने लगी थी। उसने अपने नितम्ब ऊपर-नीचे उठाते हुए अपनी चूत मेरे मुँह से चिपका दीं। मेरे सिर को दोनों हाथों से ज़ोर से पकड़ लिया और ज़ोर से बाल नोच लिए। इसमें उस बेचारी का क्या दोष। मुझे लगा अगर यही हालत रही तो मैं जल्दी ही गंजा हो जाऊँगा। पर अगर ऐसी चूत के लिए गंजा भी होना पड़े तो कोई ग़म नहीं।

उसने उत्तेजना में अपने पाँव ऊपर उठा लिए और मेरे गले के गिर्द लिपट दिए ज़ोर से। मैंने उसकी पूरी की पूरी चूत को अपने मुँह में भर लिया था, वह थी भी कितनी, एक छोटे परवल या सिंघाड़े जितनी ही तो थी। मैंने उसे ज़ोर से चूसा तो निशा ने इतनी ज़ोर की किलकारी मारी कि अगर बाहर तेज़ बारिश और बिजली नही कड़क रही होती तो पड़ोस वाले अवश्य ही सुन लेते। उसके साथ ही उसकी चूत ने कोई ३-४ चम्मच शहद जैसे मीठे नमकीन खट्टे नारियल पानी और पेशाब की मिली-जुली सुगन्ध जैसे काम-रस छोड़ दिया जिससे मेरा मुँह लबालब भर गया। सही मायने में निशा का यह पहला स्खलन था। मैं तो उसे चटकारे लेकर पी ही गया।

दोस्तों, २ उत्पादों की लाँचिंग सफलतापूर्वक हो गई थी। अब चूत और गाँड की चुदाई तथा लंड चुसवाना बाकी था। सबसे पहले चूत की बारी थी, फिर लंड-चुसाई और अन्त में गाँड। आईये अब चूत-रानी का उदघाटन करते हैं। आप तैयार है ना। मेरा पप्पू तो मुझे आज ज़िन्दा नहीं छोड़ेगा। बहुत तड़पाया है इस चूत ने उसे। पूरे २ घंटे से एकदम सावधान की स्थिति में सलामी मार रहा है। निशा बेसुध सी आँखें बन्द किए लेटी थी। थोड़ी देर बाद उसने अपनी जाँघों की कैंची ढीली की और मेरा सिर पकड़ कर ऊपर की ओर सरकाया और अपने होंठ मेरे होंठों पर रखकर चूसने लगी। २-३ मिनट चूसने के बाद वो बोली “जीजू मुझे पता नहीं ये क्या होता जा रहा है। एक मदहोशी सी छा रही है। कुछ करो ना… उफ्फ… हाय्य्य्यययय…” एक ज़ोर की सीत्कार उसने ली। लगता था वो एक बार फिर झड़ गई है।

मैं उसके ऊपर आ गया। मैंने अपनी चड्डी फाड़ फेंकी। मेरा ७” का पप्पू आज तो लोहे की तरह सख़्त था। उसकी लम्बाई आधा इंच बढ़कर ७.५ इंच हो गई थी। मैंने कहा “क्या करूँ मेरी जान?”

“ओह… जीजू… अब मत तरसाओ… कर लो अपने मन की। ओह आप मेरे मुँह से क्या सुनना चाहते हैं। मुझे शर्म आती है। प्लीज़…” कुछ ना कहते हुए भी उसने सबकुछ कह दिया था। मैंने अपने लंड को उसकी चूत पर लगा दिया।

“ऊईईईई… माँआआ…. ओहहहह… जीजू वो… वो… निरोध (कॉण्डोम) तो लगा लो” निशा की आवाज़ काँप रही थी।

“मेरी रानी निरोध से मज़ा नहीं आएगा।”

“पर वो… वो… अगर मैं गर्भवती हो गई तो…?”

“मेरी जान फिर तुम्हारा नया उत्पाद किस दिन काम आएगा? सिर्फ एक महीने में एक गोली?” मैंने कहा, और मन में सोचा ‘साली मुझे पपलू समझती है।’

“ओह… जीजू, तुम भी एक नम्बर के बदमाश हो…” और उसने मुझे कससकर अपनी बाँहों में भर लिया।

“नहीं, मैं तो २ नम्बर का बदमाश हूँ।” मैंने कहा।

“क्या मतलब?”

“वो बाद में अभी तो एक नम्बर का ही मज़ा लो।” और मैंने तकिये के नीचे से वैसलीन की डिब्बी से थोड़ी से वैसलीन निकाली और अपने लंड और निशा की चूत में एक उँगली भर कर गच्च से डाल दी। उसकी हल्की सी चीख निकल गई। मैंने ५-७ बार उँगली अन्दर-बाहर की। हे भगवान, साली की क्या मस्त सँकरी चूत है। एकदम कच्ची कली जैसी, फ़कत कुँवारी, कोरी रसमलाई जैसी। अब देर करना ठीक नहीं था।

मैंने अपने पप्पू को उसकी चूत के मुहाने पर रका और उसकी कमर के नीचे एक हाथ डाला। उसके होंठों को अपने मुँह में भर लिया और फिर एक ही झटके में ३ इंच लंड अन्दर ठोंक दिया। निशा की घुटी-घुटी चीख निकल गई। मैं तो प्रेम-गुरु था। मुझे पता था वो ज़रूर चीखेगी, इसीलिए मैंने उसके होंठों को अपने मुँह में ले रखा था। और उसकी कमर पकड़ रखी थी ताकि वो उछल कर मेरा काम ख़राब ना कर दे।

अभी धक्के मारने का समय नहीं हुआ था। कोई २-३ मिनट के बाद जब उसकी चूत कुछ आराम में आई और उसने पानी छोड़ा तब मैंने हौले-हौले धक्के लगाने शुरु किए पर अभी लंड पूरा नहीं घुसाया। मुझे पता था, अभी एक बाधा और बाक़ी है – उसकी झिल्ली उसकी सील उसकी नाज़ुक झिल्ली, उसकी कुँवारीच्छद। जिसके फटने का दर्द वो मुश्किल से सहन कर पाएगी। पर उसे भी तोड़ना था। मैंने उसके नितम्बों पर हाथ फेरना चालू रखा। उसकी गाँड के छेद से जैसे ही मेरी उँगलियाँ टकराईं तो मैं तो रोमांच से भर उठा. बालों की कंघी के दाँत जैसी गाँड की तीख़ी नोकदार सिलवटों वाला छेद। आहहहह… क्या मस्त क़यामत है साली की गाँड की छेद

आप चौंक गए ना। आपने रोमांटिक कहानियों में ज़रूर सुना होगा कि लड़कियों की गाँड की छेद मुलायम होती है। अगर कोई ऐसा कहता है तो या तो वह झूठ बोल रहा है या फिर वो गाँड ज़रूर १५-२० बार लंड खा चुकी है। गुरुजी कहते हैं कि कुँवारी गाँड की पहचान तो उसके उभरे हुए सिलवटों से होती है। अगर आप इस लज्जत को महसूस करना चाहते हैं तो एक संतरे की फाँक लेकर उसकी पतली सफ़ेद झिल्ली को हटा दें। अब उसके जोये नज़र आएँगे। अपनी आँखें बन्द करके उन पर अपनी ऊँगली फिराएँ आप उसका नाज़ुकपन महसूस कर सकेंगे। हे भगवान जिस लड़की ने अपनी चूत में भी कभी उँगली ना की हो उसकी अनछुई कोरी गाँड मार कर तो अगर इस दुनिया से जाना भी पड़े तो ये सौदा कतई घाटे वाला नहीं है। आज तो इस गाँड के छेद में अपना रस भर कर स्वर्ग के इस दूसरे दरवाज़े का लुत्फ हर क़ीमत पर उठाना ही है। पर अभी तो चूत की चुदाई चल रही है। गाँड की बात बाद में। पप्पू तो इस ख़्याल से ही अड़ियल टट्टू बन गया है। पता नहीं ये सब्र करना कब सीखेगा। उसने दो-तीन ठुमके चूत के अन्दर लगाए तो निशा की चूत ने भी उसे कस कर अन्दर भींच लिया।

मैंने उसके नितम्बों के नीचे एक तकिया और लगा दिया और अपना एक हाथ उसकी पतली कमर के नीचे डाल कर पकड़ लिया। अपने होंठ उसके होंठों पर रख करक उन्हें चूमा और फिर दोनों होंठ अपने मुँह में भर लिए। वो तो पूरी गरम और मस्त हो चुकी थी। उसने तो अब नीचे से हल्के-हल्के धक्के भी लगाने शुरु कर दिए थे। मैंने अपना लंड थोड़ा सा बाहर निकाला और एक ज़ोरदार धक्का लगा दिया। धक्का इतना ज़बर्दस्त था कि उसकी सील को तोड़ता हुआ गच्च से जड़ तक उसकी चूत में समा गया। निशा की घुटी-घुटी चीख़ बाहर कड़कड़ाती बिजली की आवाज़ में दब गई। वो दर्द के मारे छटपटाने लगी। उसने मेरी पीठ पर अपने नाखून इतने ज़ोर से गड़ाए कि मेरी पीठ पर भी ख़ून छलक आया। उसकी चूत से ख़ून का फव्वारा छूटा और मेरे लंड को भिंगोता हुआ तकिए पर गिरने लगा। निशा की कसमसाहट से उसके होंठ मेरे मुँह से निकलते ही वो ज़ोर से चीख़ी “ओईईईईई… माँ…. मर… गईईईईईईईई…” और उसकी आँखों से आँसू निकलने लगे।

मैंने उससे कहा “बस मेरी रानी अब दर्द खत्म ! अब तो बस आनन्द ही आनन्द है। बस अब चुप करो” मैंने उसके नमकीन स्वाद वाले आँसूओं पर अपनी जीभ रख दी। “जीजू आप भी एक नम्बर के कसाई हो, मुझे मार ही डाला… ओओईईईईई… निकाल बाहर.. मैं मर जाऊँगी… उईईईईई माँआआआआ….” वो रोए जा रही थी। मैं जानता ता ये दर्द ३-४ मिनट का है बाद में तो बस मज़े ही मज़े। मेरा पप्पू तो जैसे निहाल ही हो गया। इतनी कसी हुई चूत तो मधु की भी नहीं लगी थी, सुहागरात में।
Reply


Messages In This Thread
RE: प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ - by sexstories - 07-04-2017, 12:37 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,533,809 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 548,049 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,246,047 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 942,060 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,672,764 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,097,186 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,978,611 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,147,430 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,066,195 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 288,039 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 9 Guest(s)