प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ
07-04-2017, 12:37 PM,
#50
RE: प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ
मेरे कार्यक्रम की तो अब बस चंद लाईनें ही लिखनीं बाकी रह गई थीं। चिड़िया ने दाना चुगने के लिए जाल की ओर बढ़ना शुरु कर दिया था। मैंने कहा “अच्छा सच्चे आशिक़ की दुआ हो और भगवान की मर्ज़ी हो तो सबकुछ हो सकता है। हर साल दो-दो जुड़वाँ बच्चे पैदा हो सकते हैं।”

निशा ठहाके मारने लगी थी। हँसते-हँसते वो दोहरी होती जा रही थी। मैंने कहा चलो दूध नहीं पिलाना, ना सही, पर कम से कम एक बार दूध-कलश देख ही लेने दो।”

“देखने से क्या होगा?”

“मुझे तसल्ली हो जाएगी… एक झलक दिखाने से तुम्हारा क्या घिस जाएगा, प्लीज़ एक बार।”

“ओह… जीजू तुम भी ना… नहीं… ओह… तुम भी एक नम्बर के बदमाश हो, मुझे अपनी बातों के जाल में फिर उलझा ही लिया ना, मुझे तुमसे कोई बात नहीं करनी है।”

“अरे किसी की प्यास बुझाने से पुण्य मिलता है।”

निशा अब पूरी तरह से गरम हो चुकी थी। उसके मन में कशमकश चल रही थी कि आगे बढ़े या नहीं। मैं जानता हूँ पहली बार की चुदाई से सभी डरतीं हैं। और वो तो अभी अनछुई कुँवारी कली थी। पर मेरा कार्यक्रम बिल्कुल सम्पूर्ण था। मेरे चुंगल से वो भला कैसे निकल सकती थी। उसने आँखें बन्द कर रखीं थीं।

फिर धीरे से बोली “बस एक बार ही देखना है और कोई शैतानी नहीं समझे?”

“ठीक है बस एक बार एक मिनट और २० सेकेण्ड के लिए, ओके, पक्का… प्रॉमिस… सच्ची…” मैंने अपने कान पकड़ लिए। उसकी हँसी निकल गई।

दोस्तों मेरे कार्यक्रम का तीसरा और अन्तिम चरण पूरा हो गया था। मेरा दिल ज़ोरों से धड़क रहा था। कमोबेश यही हालत निसा की भी थी। उसने काँपती आवाज़ में कहा “अच्छा पहले लाईट बन्द करो, मुझे शर्म आती है।”

“ओह… अँधेरे में क्या दिखाई देगा? और फिर वो जंगली बिल्ली आ गई तो?”

“ओह.. जीजू.. .तुम भी…” इस बार उसने एक नम्बर का बदमाश नहीं कहा। और फिर उसने आँखें बन्द किए हुए ही काँपते हाथों से अपना टॉप थोड़ा सा उठा दिया…

उफ्फ… सिन्दूरी आमों जैसे दो रस-कूप मेरे सामने थे। ऐरोला कोई कैरम की गोटी जितना गुलाबी रंग का। घुण्डियाँ बिल्कुल तने हुए चने के दाने जितने। मैं तो बस मंत्रमुग्ध हो देखता ही रह गया। मुझे लगा जैसे मिक्की ही मेरे सामने बैठी है। उसके रस-कूप मिक्की से थोड़े ही बड़े थे पर थोड़े से नीचे झुके, जबकि मुक्की के बिल्कुल सुडौल थे. मैंने एक हाथ से हौले से उन्हें छू दिया। उफ्फ… क्या मुलायम नाज़ुक रेशमी अहसास था। जैसे ही मैंने उनपर अपनी जीभ रखी तो निसा की एक मीठी सी सीत्कार निकल गई।

“ओह जीजू… केवल देखने की बात हुई थी… ओह… ओह… यहा… अब… बस करो… मुझे से नहीं रुका जाएगा…” मैंने एक अमृत कलश पर जीभ रख दी और उसे चूसना चालू कर दिया। निशा की सीत्कार अब भी चालू थी। “ओह… जी… जू…. मुझे क्या कर दिया तुमने… ओह.. चोदो मुझे… आह। हाआआयय्य्ययय… ऊईईईईईई… माँ…….. आआआहहहह… बस अब ओर नहीं, एक मिनट हो गया है” उसने मेरे सिर के बालों को अपने दोनों हाथों में ज़ोर से पकड़ लिया और अपनी छाती की ओर दबाने लगी। मैं कभी एक उरोज को चूसता, कभी दूसरे को। वो मस्त हुई आँखें बन्द किए मेरे बालों को ज़ोर से खींचती सीत्कार किए जा रही थी। इसी अवस्था में हम कोई ८-१० मिनट तो ज़रूर रहें होंगे। अचानक उसने मेरा सिर पकड़ कर ऊपर उठाया और मेरे होंठों को चूमने लगी, जैसे वो कई जन्मों की प्यासी थी। हम दोनों फ्रेंच किस्स करते रहे। फिर उसने मुझे नीचे ढकेल दिया और मेरे ऊपर लेट कर मेरे होंठ चूसने लगी। मेरा पप्पू तो अकड़ कर कुतुबमीनार बना पाजामे में अपना सिर फोड़ रहा था। मैं उसकी पीठ और नितम्बों पर हाथ फेर रहा था। क्या मुलायम दो ख़रबूज़े जैसे नितम्ब, कि किसी नामर्द का भी लंड खड़ा कर दे। मैंने उसकी गहरी होती खाई में अपनी उँगलियाँ फिरानी शुरु कर दी। उसकी चूत से रिसते कामरस से गीली उसकी चूत और गाँड का स्पर्श तो ऐसा था जैसे मैं स्वर्ग में ही पहुँच गया हूँ।

कोई ५ मिनट तक तो उसने मेरे होंठ चूसे ही होंगे। वैसे ही जैसे उस ब्लैक फॉक्स ने उस १५-१६ साल के लड़के के चूसे थे। फिर वो थोड़ी सी उठी और मेरे सीने पर ३-४ मुक्के लगा दिए। और बोली “जीजू तुमने आख़िर मुझे ख़राब कर ही दिया ना!”

मैंने धीरे से कहा “ख़राब नहीं प्यार करना सिखाया है”

“जीजू तुम एक नम्बर के बदमाश हो”

मैंने अपने मन में कहा ‘मेरी रानी मैं एक नम्बर का नहीं दो नम्बर का भी बदमाश हूँ, थोड़ी देर बाद पता चलेगा’ पर मैंने कहा “अरे छोड़ो इन बातों को जवानी के मज़ा लो, इस रात को यादगार रात बनाओ”

“नहीं जीजू, यह ठीक नहीं होगा। मैं अभी तक कुँवारी हूँ। मैंने पहले किसी के साथ कुछ नहीं किया। मुझे डर लग रहा है कोई गड़बड़ हो गई तो?”

“अरे मेरी रानी अब इतनी दूर आ ही गए हैं तो डर कैसा तुम तो बेकार डर रही हो, सभी मज़ा लेते हैं। इस जवानी को इतना क्यों दफ़ना रही हो। अपने मन और दिल से पूछो वो क्या कहता है।” मैंने अपना राम-बाण चला दिया। मैं जानता था वो पूरी तरह तैयार है पर पहली बार है इसलिए डर रही है। मन में हिचकिचाहट है। मेरे थोड़े से उकसावे पर वह चुदाई के लिए तैयार हो जाएगी। चूत और दिल इसके बस में अब कहाँ हैं, वो तो कब के मेरे हो चुके हैं। बस ये जो दिमाग में थोड़ा सा खलल है, मना कर रहा है। मेरी परियोजना का अन्तिम भाग सफलता पूर्वक पूरा हो गया था। अब तो बस उत्पाद का उदघाटन करना था।

दोस्तों अब मुठ मारना बन्द करो, अरे भाई आज रात के लिए कुछ तो बचा कर रखो, क्या आप को रोज़ गाँड नहीं मारनी? और मेरी प्यारी पाठिकाओं, आप भी अपनी गीली पैन्टी में उँगली करना छोड़ो और आज रात की तैयारी करो।
Reply


Messages In This Thread
RE: प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ - by sexstories - 07-04-2017, 12:37 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,534,572 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 548,125 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,246,330 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 942,352 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,673,304 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,097,458 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,979,182 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,149,360 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,067,054 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 288,120 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 7 Guest(s)