RE: स्कूल कॉलेज सेक्स शरीफ सिस्टर
मैं फ़ौरन शमी के मम्मो से खेल'ने लगा. पह'ले सहलाते रहा फिर दबाने लगा. फिर मैने अप'नी छोटी बहन के छोटे छोटे मम्मे बारी बारी से बड़े प्यार से चूसे. शमी छट'पटा रही थी. मूँ'ह में सलवार ठूँसा हुवा होने की वजह से उस'की आवाज़ बाहर नहीं आ रही थी. गुल ख़ान भी शमी की कमसिन चूत की पुट्तियाँ खोल'ने लगा था. वह दोनों हाथों से चूत फैला रहा था. कुच्छ देर बाद उस'ने चूत में अंगुल डाल'नी शुरू कर दी. फिर बोला,
अबे साले अब चूस'ना छ्चोड़ और चोद अप'नी बहन को. फिर मुझे भी चोद'ना है, देख'ता नहीं कब से खड़ा है. गुल ख़ान ने मुझे अप'ना 10" का खड़ा लंड दिखाया. मैं फ़ौरन शमी की टाँगों के बीच में आ गया और अप'ना 7" के करीब लंड को बहन की चूत के ऊपर टिका दिया. गुल ख़ान ने अंगुल कर'के शमी की चूत खोल दी थी फिर भी मैने गुल ख़ान की तरफ देखा,
गांडू कहीं के धक्का मार के थेल दे अंदर. इतना सुनते ही मैने एक ज़ोर का धक्का मार दिया और मेरा आधा लंड शमी की चूत में घुस गया. शमी ज़ोर से बिस्तर पर उच्छली. वह तो गुल ख़ान ने उस'के मूँ'ह पर हाथ रखा हुवा था, वरना उस'की चीख सारे मुहल्ले में सुनाई दे जाती. मुझे बहन की टाइट चूत में लंड पेलने में बहुत मज़ा आ रहा था. मैने यह परवाह नहीं की कि उसे कित'ना दर्द हो रहा होगा और लंड बाहर खींच खींच के 4 - 5 और तग'डे धक्के उस'की चूत में लगा दिए. मेरा पूरा लंड चूत में घुस गया था.
फिर तो मैने बहन की ताबड तोड़ चुदाई शुरू कर दी. मैं लंड बाहर खींच खींच के अंदर घुसा रहा था. हर धक्के के साथ लंड 'छप' 'छप' कर'ता हुवा बहन की फुददी में जा रहा था. मैं लग'भग 5 मिनिट तक उसे चोद'ता रहा और उस'के बाद मेरे लंड ने पानी छ्चोड़ दिया. कुच्छ ही देर में मैं सुस्त होके बहन के ऊपर से हट गया. तभी मैने शमी की चूत की तरफ देखा तो उस'की चूत के इराद गिरद खून जमा पड़ा था और चूत बूरी तरह खून और मेरे रस से लत'पथ थी. मेरा रस अभी भी उस'की चूत से बह रहा था. गुल ख़ान ने यह देखा तो बोला,
साले तुम'ने अप'नी बहन की चूत फाड़ दी. ऐसे चोदा जाता है. देख इस'के तो खून आ गया. शमी के मूँ'ह से गों गों की घुटी घुटी आवाज़ें आ रही थी. गुल ख़ान ने शमी को अप'नी गोद में बैठ लिया और उस'के सर पे हाथ फेर'ते हुए उसे प्यार कर'ने लगा. फिर वह उस'के गालों की चुम्मियाँ लेने लगा. अब उस'ने शमी के मुँह से कप'डा निकाल दिया. शमी ने पह'ले तो हिच'कियाँ ली फिर रोने लगी.
आज़ाद तुम'ने यह अच्च्छा काम नहीं किया. कल जब सब'को यह बात मालूम पड़ेगी तो तुम्हें तो पोलीस पकड़ के ले जाएगी और तुम्हारा खानदान बदनाम हो जाएगा. गुलख़ान शमी की चूचियों को हल्के हल्के सह'लाते बोला.
क्या कह'ते हो मैं अकेला थोड़े ही था तुम भी तो साथ थे. मैने घबराई आवाज़ में कहा.
ठीक है मुझे भी पह'ले इसे चोद लेने दो, फिर कोई रास्ता सोच'ते हैं.
नहीं छ्चोड़ो मुझे. मैं मर जाउन्गी. भाई तुम'ने मुझे बार'बाद कर तो दिया. इस दरिंदे से मुझे बचाओ. मुझे छोड़ दो, मैं किसी को कुच्छ नहीं कहूँगी. यह कह शमी फिर रोने लगी. मुझे भी अब शमी पर दया आ रही थी पर यह भी जान'ता था कि गुल ख़ान उसे चोदे वगैर छोड़'ने वाला नहीं. तभी गुल ख़ान ने शमी से कहा,
देखो तुम एक बार चुद चुकी हो. अब चाहे एक बार चुदी हो या दस बार चुदी हो कोई फ़र्क़ नहीं पड़'ता. अब मेरे से भी राज़ी राज़ी चुद'वा लो तो तेरे हाथ भी खोल दूँगा और खूब प्यार से चोदून्गा नहीं तो फिर से मूँ'ह में कप'डा ठूंस साली की पूरी चूत फाड़ के भोसरा बना दूँगा.
नहीं गुल अंकल बहुत दर्द हो रहा है. मेरी पह'ले ही फॅट गयी है. छोड़ दो मुझे, मैं तुम दोनों के हाथ जोड़'ती हूँ और किसी को कुच्छ नहीं बोलूँगी. जाने दो मुझे.
यह ऐसे नहीं मानेगी. आज़ाद ठूंस दे इस'के मुँह में कप'डा. और साली चुप कर रन्डी भाई से तो तुम चुदवा ली अब क्या मैं इस खड़े लंड को तेरे भाई की गान्ड में डालूं.
अभी छोड़ दो मुझे. नहीं तो मेरी जान निकल जाएगी. अभी एक बार छोड़ दो. मैं ठीक हो जाउन्गी तो ..... अभी छोड़ दो..... किसी को कुच्छ ..... नहीं .. बोलूँगी. गुल ख़ान ने शमी के हाथ खोल दिए और कहा,
जा बातरूम में जाकर ठीक से नहा ले और इस पर क्रीम लगा लेना. लड़'कियों की पह'ली चुदाई में ऐसा होता है और कुँवारी लड़'की के पह'ली बार खून भी आता है. सब के साथ ऐसा होता है. डर'ने की कोई बात नहीं. शमी उठी और सीधी बाथरूम में चली गयी. तभी गुल ख़ान ने मुझे पलट दिया और मेरी गान्ड पर अंगुल में ले ढेर सारा थूक लगा दिया.
गुल ख़ान यह क्या कर रहे हो? मैने वापस सीधा होते हुए कहा.
अरे साले तेरी गान्ड मारूँगा. तेरे को बहन चोदने का पह'ला मौका क्या दे दिया तूने तो उस बेचारी की फाड़ के रख दी. अब यदि मैं उसे चोद्ता तो हो सकता था कि बात बिगड़ जाती और हम दोनों जैल में बंद हो जाते. अब मैने उसे छोड़ दिया है देख'ना वह अब हम दोनों से राज़ी राज़ी चुद'वाएगी. अब पलट और मुझे तेरी गान्ड मार'ने दे, देख भाई बहन की चुदायी देख के कब से खड़ा है मेरा लंड.
पर गुल ख़ान तेरा बहुत बड़ा है और मैने इस'से पह'ले कभी गान्ड नहीं मर'वाई.
तो साले तेरी बहन ने इस'से पह'ले कभी चुदाया था क्या? तब तो तुम'ने यह बात नहीं सोची. तू चाह'ता है क्या कि मैं तेरे भी उसी तरह हाथ बाँधू और तेरे मुँह में भी कप'डा ठूँसू.
अच्च्छा मैं नारियल तेल ले आता हूँ. तुम पह'ले ठीक से लंड और गांद चिक'ना कर लो और धीरे धीरे मार'ना. मैं उठ और ड्रेसिंग टेबल से अम्मी की नारियल तेल की बॉटल ले आया और गुल ख़ान के हाथ में दे डी. गुल ख़ान ने प्लास्टिक की बॉटल दबा काफ़ी जमा हुवा नारियल तेल निकाला और उसे अप'ने लंड पर चुपऱ लिया फिर उस'ने मुझे अपने चारों हाथ पैरों पर कर दिया और मेरी गान्ड हवा में उँची उठा दी.
उसने नारियल तेल की प्लास्टिक की बॉटल का मुख मेरी गान्ड के छेद पर रखा और बॅटल थोऱी दबा के मेरी गन्ड में तेल दीया. फिर उस'ने बॉटल कस के दबा दी और मुझे गान्ड में ठंडा ठंडा महसूस हुवा. फिर गुल ख़ान ठीक मेरे पीछे आ घुट'ने के बल बैठ गया. उस'ने मेरे दोनों चुत्डो पर हाथ जमा के उन्हे चौडाने लगा. फिर उस'ने कहा,
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