RE: Hindi Sex Stories मैं और मेरी मम्मी
मैं झड़ चुका था और माँ भी....
तो माँ ने कहा- रुको, अब थोड़ा आराम कर लो बेटा !
मैंने कहा- हाँ माँ ! मैं भी बहुत थक गया हूँ....
तो वो बोली- चल तू यहीं रुक ! मैं तेरे लिए दूध लाती हूँ .....
माँ जैसे ही उठी दूध लाने के लिये, मैंने फिर से गोदी में खींच लिया और उनकी चूचियों को अपने मुख से दबा लिया और चूसने लगा और कहा- मेरा पैष्टिक दूध तो यह रहा माँ ! तुम तो मुझे बचपन में यही दूध पिलाती थी ना !
तो वो बोली- अरे ! तू नहीं सुधरेगा ! थोड़ी देर भी नहीं इंतज़ार कर सकता ?
मैंने कहा- माँ, ऐसा मौका फिर कहाँ मिलेगा? आज के बाद पता नहीं कब मौका मिलेगा !
और मैंने दूध मुंह में भर लिए और मां गुदगुदी के मारे सिसकारियाँ भरने लगी।
मेरा लण्ड फिर से फ़ुफ़कारने लगा था तो मैंने कहा- माँ यह तो फिर से खड़ा हो गया !
तो वो बोली- तो देर किस बात की? आ जा एक बार फिर !
मां ने अपनी दोनों खूबसूरत सी टांगें उठा ली। मां अपनी टांगें ऊपर उठा कर उछल-उछल कर चुदवा रही थी और मैं भी उन्हें काफी उछल-उछल कर चोद रहा था। मां को इस रूप में मैंने पहली बार देखा था, वो काम की देवी लग रही थी।माँ ने कहा- लगता है जिन्दगी भर की चुदाई आज ही कर डालोगे !
मैंने कहा- और नहीं तो क्या !
और मैंने तेज-तेज झटके मारने चालू कर दिए और सारा कमरा फिर से आवाजों से गूंजने लगा।उस रात मैंने उनको दो बार और चोदा।
अगली सुबह मेरी आँख दोपहर को तीन बजे खुली। मैं उठा और अपने कमरे में जाने लगा पर जैसे ही मैं बाहर आया, माँ झाड़ू लगा रही थी। उन्होंने गुलाबी सिल्की गाउन पहन रखा था वो उस समय झुकी हुई थी। मम्मी की गांड पीछे की तरफ़ उभरी हुए थी मैं पीछे से चुपचाप गया और उनकी गांड के छेद पर अपना लंड लगा दिया।
वो बोली- अरे रवि, जग गया मेरे राजा ! चल अब नहा धो ले ! फिर खाना खा ले !
मैंने कहा- ठीक है मम्मी, पर एक ट्रिप लेने के बाद !
मैंने उनको एक बार फिर से चोदा। अब जब तक पापा नहीं आ जाते, मैं उन्हें रोजाना चोदने वाला था। फिर से पूरा घर सेक्सी आवाजों से गूंज गया और फिर से एक बार हम दोनों माँ-बेटे पति-पत्नी बन गए।
काफ़ी देर की चुदाई के बाद मैं झड़ गया और माँ भी ....तो माँ ने कहा- पड़ गई तुझे शांति ! जा अब तो नहा ले !
मैंने कहा- ठीक है।
और रात भी मैंने मा को 7 बार फिर से चोदा....
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