RE: Sex Hindi Kahani मेरी मस्त दीदी
मेरी मस्त दीदी--8
अन्दर जाकर वह दोनों बेड पर लेट गयीं और सायरा थोडा एक तरफ खिसक कर बीच में जगह बनाती बोली ," अरे अब खड़े ही रहोगे या लेटोगे भी "मैंतो सिर्फ इशारे का इंतज़ार कर रहा था सो उसके कहते ही मैं कूद कर बेड परचढ़गया और उन दोनों के बीच लेट गया।दीदी ने उठ कर लाइट बंद करके नाईटलैंपजला दिया।वह सिर्फ कहने भर का नाईट लैंप था वर्ना कमरे में इतनीरोशनी होरही थी कि मैं आराम से नॉवेल पढ़ सकता था।दीदीचूँकि हम दोनों से उम्र में बहुत बड़ीं थीं सो वह सायरा के सामने पूरी तरहखुल नहीं पा रहीं थीं। उन्होंने हमारी तरफ करवट लेते हुए कहा , " मुझे तोबहुत नींद आ रही है , तुम लोग भी जल्दी सो जाओ सुबह अम्मी को हॉस्पिटल सेभी लाना है "
" आप टेंशन मत लो दीदी , मैं सब मैनेज कर लूँगा " मैंने दीदी के पीछे से उनके पेट पर हाथ फिराते हुए कहा।" ठीक है " कह कर दीदी ने धीरे से मेराहाथदबा कर पेट से हटा दिया। मैं भी उनका इशारा समझ कर सायरा की तरफ घूम गया।सायरा आँखे बंद किये चुपचाप पीठ के बल सीधी लेटी थी। उसकी बिना ब्राकेगाउनमें तनीं हुई चूचियां किसी उन्नत पर्वत शिखर जैसी हर सांस के साथ ऊपर नीचेहो रहीं थी। हौज़री के पतले से गाउन में उसका एक एक कटाव साफ़ साफ़ नज़र आरहाथा। मेरा लंड ये नज़ारे देख कर तो फुंफकार मार कर चड्डी से बाहर आने कोबेताब होने लगा लेकिन मैं अपनी तरफ से पहल नहीं करना चाहता था। मैं अपनेलंड को दोनों जाँघों में दबा कर उसकी तरफ से किसी शुरुआत का इंतज़ार करनेलगा।थोड़ी देर की चुप्पी के बाद सायरा ने मेरी तरफ करवट लेकर पूछा ," सो गए क्या ?"
" नहीं यार , नींद ही नहीं आ रही " मैंने कहा। मन में तो आया कि कह दू किबिना चुदाई किये मुझे नींद नहीं आती लेकिन मैं चुप रहा। उसने अपना एक हाथमेरे सीने पर रख लिया जिससे उसकी बम्बइया आम जैसी मस्त चूचियां मेरी बाजूमें गढ़ने लगीं।" तो फिर कुछ बाते ही करो यार "" क्या बाते करूं , तुम ही थोडा सजेस्ट करो "" कुछ भी बात करो ना , मुझे भी नींद कहाँ आ रही है "" कांग्रेस की जगह एक दूसरे को सपोर्ट करके सरकार बना लेते है , नींद आ जायेगी "मेरी ये बात सुन कर उसने मुझे जीभ निकाल कर दिखा दी और धीरे से दीदी की तरफ इशारा करके कहा ," अभी शायद जग रहीं है "
" नहीं वो बहुत जल्दी और गहरी नींद में सोतीं है " मैंने कहा क्योंकि दीदी की तरफ से मुझेबिलकुलभी डर नहीं था , उनकी तो वो मस्त चुदाई की थी कि उनके चूत और गांड दोनोंदवा देने के बाद भी शायद अभी तक कसक रहे होंगे। उसने अपनी जांघ मेरीजांघोंपर चढ़ा ली। मेरा लंड जिसे मैं बड़ी मुश्किल से जांघो में दबाये थाझटके सेबाहर निकल कर उसकी जांघो से रगड़ खाने लगा।
" ओहो ये ज़नाब तो सरकार बनाने को कुछ ज्यादा ही उतावले हो रहे है "
" तुम्हीं ने हामी भर कर इसकी यह हालत की है "
तभी सायरा ने मेरे गले में बांहे डाल कर मेरे होंठो पर अपने तपते होंठ रख दिए। मैं तो वैसे भी इसी पहल का इंतज़ार कर रहा था। मैं उसके होंठो को चूसते हुए अपनी जीभ उसके मुंह में घुमाने लगा। वह भी बराबर का सहयोग देती हुई लेमनचूस की तरह मेरी जीभ को चूसने लगी। मेरी हालत तो जो थी सो थी लेकिन उसकी भी साँसे भारी होने लगीं थी। मैंने उसके गाउन में हाथ डाल कर उसकी नारियल जैसी सख्त हो रखीं चूचियों को मसलना शुरू करदिया।
" स्सी S S S S S हाय धीरे धीरे भैय्या ...... क्या आज उखाड़ने के ही रख दोगे ......... प्लीज़ लाइट बंद कर लो , दीदी बगल में ही लेटीं हैं "
" तुम उनकी चिंता मत करो , वह बहुत गहरी नींद में सोतीं है ....... इस वक़्त अगर कोई उनका पेटीकोट उठा कर चूत में लंड भी पेल दे तो शायद उन्हें पता नहीं चलेगा " मैंने हंसते हुए कहा और उसकी एक पूरी तनी निप्पल को पकड़ करऐंठ दिया।
" आ S S S ह ........ तो क्या तुम पेल चुके हो "
" अरे यार ........ मैं एक मिसाल दे रहा हूँ " कहकर मैंने दूसरे हाथ से उसकी गांड मसलते हुए अपने से कस कर चिपका लिया। अब मेरे लंड के उभार को वह अपनी टांगो के बीच महसूस कर रही थी। मज़े की अधिकता से उसकी आँखे पूरी तौर पर बंद थीं।
मैंअभीभी सिर्फ उतना ही आगे बढ़ रहा था जितना वह मेरे साथ करती जा रही थी।मैंनेबड़ी मुश्किल से अपने पर काबू किया हुआ था। जैसे दीदी और रजिया कोमैंनेचुदने के लिये तैयार किया था उसी तरह मैं चाहता था कि सायरा भी मुझेचोदनेको तैयार करे हालांकि मेरा लंड बमुश्किल चड्डी में कंट्रोल हो रहाथा वरनावो तो पता नहीं कब से उसकी चूत का तिया पांचा करने को तैयार बैठाथा।
उसकागाउन खिसक कर कमर तक आ चुका था जिसे मैंने उठा कर गर्दन तक खींचदिया। अबउसकी नंगी संगमरमरी चूचियां मेरी आँखों के सामने थीं। गुलाबी रंगकी बड़ीबड़ी बम्बइया आम जैसी मांसल चूचियां उस पर लगभग ढेड इंच व्यास काकत्थई कलरका गोल घेरा जिसमे Wi - Fi एंटीना के माफिक सीधीं तनीं हुईंनिप्पलस।
दोस्तोंऊपर वाले ने हम लंड वालों को तो सिर्फ बचा मटेरियल आगे टांगो के जोड़ परचिपका कर छुट्टी पा ली लेकिन उसने इन चूत वालियों को पूरी कायनात में सबसेखूबसूरत बनाने में अपनी सारी काबिलियत लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी।
मेरा लंड अभी भी मेरी चड्डी मेंबिलकुल पिटारे में बंद नागके माफ़िक फनफना रहा था। मैंने उसकी एक चूची को मसलते हुये दूसरी के निप्पलको मुंह में लेकर चुभलाते हुए चूसना शुरू कर दिया।
" सी S S S S S आह ....... हां .... हां ... और मसलो भैय्या ........ ज़रा और कस कस के मसलो "
सायरा अब पूरी तरह गरम हो चुकी थी , उसके नथुनों से सांस की जगह जैसे फुंफकार निकल रही थी।
" आओ ना भैय्या "
" मैं तो तेरे बगल में ही लेटा हूँ , मैं गया कब था "
मेरीबात सुनकर वह एक झटके से उठी और अपना गाउन गले से निकाल कर पूरी नंगी हो गयी। मैंने भी अपनी टाँगे फैला कर चड्डी में तम्बू बनाये लंड को थोड़ा और उभार दिया। उसने आगे बढ़ कर मेरी लुंगी एक तरफ फैंक कर चड्डी उतार दी। मेरा लंड भी मेरी तरह ही पता नहीं कब से इसी पल इंतज़ार कर रहा था , वो एक दम से फुंफकार मारता हुआ तन के खड़ा हो गया। हम दोनों इस वक़्त पूरी तौर से नंगे हो चुके थे।
" आ ..ह कितना मोटा और लंबा है भैय्या तुम्हारा और कितना टाइट हो रहा है " सायरा ने मेरे लंड को मुट्ठी में लेके दबाते हुए कहा।
मेरे लंड का सुपाड़ा उसके हाथों की नरमी पा कर सुर्ख टमाटर जैसा फूल कर कुप्पा हो चुका था। वह उचक कर मेरे मुंह को अपनी दोनों टांगो के बीच लेकर मेरे ऊपर 69 की पोजीशन में लेट गयी जिससे उसकी चूत ठीक मेरे मुंह पर आ गयी और मेरा लंड उसके हाथों में बिलकुल होठों के नज़दीक था। उसकी चूत बिलकुल चिकनी थी ऐसा लग रहा था कि उसने आज ही हेयर रिमूवर का इस्तेमाल किया था। मैंने दोनों हाथो से उसकी रस छोड़ती चूत की दोनों फांकों को अलग किया और गप्प से अपनी जीभ उसकी गुलाबी गुफा में घुसा दी। उसका बदन उत्तेज़ना में बुरी तरह काँप रहा था। हम दोनों की हालत तकरीबन एक जैसी ही हो रही थी। उसने मेरे लंड की खाल को ऊपर नीचे करना शुरू कर दिया फिर अपनी जीभ निकाल कर सुपाड़े पर फिराने लगी। मेरी हालत बहुत पतली हो रही थी , उसके मुंह में जाते ही मेरे लंड की सारी नसें तन गयीं थीं। मैं नीचे से कमर उचका उचका कर उसका मुंह चोद रहा था तो वह अपनी चूत में मेरी जीभ को ज्यादा से ज्यादा अन्दर लेकर चुदवा रही थी।
मैं उसकी चूत की मोटी मोटी संतरे जैसी फांको को चूसते हुए उसकी गांड में गपागप उंगली कर रहा था। वह उ... म्म हूं हूं की आवाजे निकालती हुई मेरे लंड को चूस रही थी। उसने मारी उत्तेज़ना के अपनी टांग को मेरी गर्दन पर लपेट कर अपनी चूत बिलकुल मेरे मुंह में घुसा दी।
वो अपने एक हाथ से मेरी बाल्स को भी मसल रही थी, मैं जल्दी ही झड़ने के कगार पर पहुँच गया और जोर -२ से साँसे लेने लगा, वो समझ गयी और जोर से चूसने लगी, तभी मेरे लंड ने पिचकारी मार दी जो सीधे उसके गले के अन्दर टकराई, वो रुकी नहीं और हर पिचकारी को अपने पेट में समाती चली गयी, इधर उसकी चूत से भी फिर से फव्वारे छूटने लगे थे। हम दोनों ही मुस्कराते हुए विजयी मुस्कान के साथ बेड पर पड़े हांफ रहे थे।
|