RE: Sex Hindi Kahani में अम्मी और मेरी बहिन
में अम्मी और मेरी बहिन-13
सुबह जब सो कर उठा तो 11 बज गए थे, मेरा लंड खड़ा था,
में नजमा के रूम की तरफ गया पर वो कोलेज जा चुकी थी,
तभी मदीना दिखी वो सफाई कर रही थी,
वो निचे झुकी हुई कुछ कर रही थी,मैंने उसे गांड पर से पकड़ कर अपने लंड से लगा लिया..
पहले वो चौंक कर उछली फिर मुझे देख कर हलके हलके मुस्कुराने लगी..
मेरा लंड अब अपनी पूरी औकात पर आ गया था,,यानि कि 7 इंच लंबा हो गया था.
मदीना हंस कर मुझसे दूर चली गई,
और बड़े ही कामुक अंदाज़ में उसने अपनी सलवार पर अपनी चूत की जगह पर हाथ फेरना शुरू कर दिया,
वो अपनी चूत पर हाथ फेर रही थी और फिर पीछे की तरफ घूम कर उसने अपने चूतड़ मेरी तरफ कर दिए .
मदीना किसी डांसर की तरह धीरे धीरे अपनी गांड हिला रही थी...
तभी उसने अपनी जीभ निकल कर अपने होंठो पर यूँ चलाने लगी की किसी का लंड चूस रही हो...
मेंने उसे भाग कर फिर से पकड़ लिया अबकी बार सामने से ..
मैंने उसके होंठो पर एक चुम्मा लिया, वो गर्म होने लग गई थी, मैं ऊपर से स्तन दबाने लगा था..
मैं तो उनके बोबे जोर-जोर से मसलने लगा,वो भी आहें भरने लगी थी.
अआह .......... क्या मुलायम बोबे थे !
मैं पागल हो रहा था, मेरा लंड कड़क होने के कारण फुफकार रहा था..
मदीना भी गर्म होकर सिसकारियाँ लेने लगी='आअ हाअ हाआअ उफ्फ्फ हईईए' करने लगी.
मेरे सामने खड़ी होकर मेरी ओर धीरे-धीरे झुक रही थी ,
फिर मेरी गोद में बैठ कर मुझसे प्रगाढ़ चुम्बन करने लगी जैसे एक प्रेयसी प्यार करती है,
सचमुच इतना मज़ा तो मुझे इससे पहले किसी ‘चुतवाली ’ के साथ भी नहीं आया था..
इतना मस्त चुम्मा कर रही थी मदीना ...
मैंने ब्रा के साथ ही उनके बोबे फिर से दबाना शुरु कर दिया,
वो आह ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ईईईईए ऊऊऊऊ .....जैसी आवाजें निकालने लगी,
5 मिनट के बाद मैंने ब्रा भी निकाल दी और देखा तो वाह ! क्या बोबे थे ! जैसे दूध की डेयरी !
मैं तो प्यासी बिल्ली की तरह उनके बोबे पर दूध पीने टूट पड़ा। मेरा लण्ड काबू के बाहर हो गया था,
अब मैं उनके गले पर हल्के-हल्के से काट कर चूम रहा था,
वो सिसिया रही थीं, “उन… ऊं… ऊं… आई… ई ई सी… सी उफ़… उफ़ हाई… मजा आ रहा हा है…”
वो बहुत गर्म हो चुकी थी...
में भी गरम हो गया था..
तभी मदीना बोली की अब्बू अभी भी घर में ही है.
मेरा खड़ा लंड बेठ गया..
मदीना की सांसे तेज़ हो गयी थी..पर मज़बूरी थी.
तभी मैंने एक हाथ उसकी चूचियों पर रख दीया,
मेरे ओंठ अभी भी उनके ओंठों पर चिपके हुए थे और मेरी उंगलियाँ उनकी चूचियों पर तैर रही थी...
फिर मैंने उसकी चूची को कस कर दबा दिया,
वो चीख से उठी- उईईई, इस्स… आहह… क्या करते हो !
"अरे मदीना, आज तो तुम कमाल लग रही हो !" उसने मेरे कान में धीरे से कहा..
वो शरमा गई फिर वो मेरे करीब आ कर बोली = साहिल आज मेरे पीरियड आ गये है..
अब पांच दिन कुछ नहीं हो सकता है..
अपने हाथ से ही काम चलाओ ना तब तक ..
ये मदीना कब चुदेगी मुझसे ...या अल्लाह इसकी भी चूत और गांड दिलवा न मुझको ....
तभी अब्बू निचे आ गये ..
अब्बू ने आते ही मुझे कहाँ की आज भाईजान नहीं है तो बेंक का कुछ काम है,
जो मुझे निपटने है, फिर अब्बू के साथ में भी बहार चला गया.….
दोपहर को में बेंक से फ्री हुआ तो अब्बू ने मुझसे घर जाने को कहा क्यूँकी मैंने खाना भी नहीं खाया था और नजमा भी घर पे अकेली थी..
में जल्दी से घर की तरफ निकला रास्ते में एक मेडिकल स्टोर से कंडोम का बड़ा पेक ले लिया,
लेता भी क्यों नहीं अब अम्मी थी नजमा थी और मदीना भी मुझे अपनी चुत देने ही वाली थी ना !
में अब जल्दी से जल्दी बस घर पर पहुंचना चाहता था.
मैंने कंडोम लिया और जेल भी क्यूंकि गांड मारने में थुक लगाने में मज़ा नहीं आता था,,
फिर में घर की तरफ निकल गया …
घर पर पहुँच कर में जल्दी से नजमा या फिर मदीना की चूत और गांड मरना चाहता था,
घर के अंदर जाकर मैंने मैंन गेट पर वाचमेन से पूछा की नजमाँ आ गयी क्या ,,उसने कहाँ की हाँ करीब एक घंटा हो गया है ,,
मेरा लड मारे ख़ुशी के पेंट के अंदर उछलने लगा,
अपने कमरे में जाकर जल्दी से कपडे चेंज किये और नजमा के रुम की तरफ भागा,,
पर वहां कोई नहीं था ,,
में हेरान हो गया की नजमा कहाँ गयी फिर मैंने दिमाग लगाया की नजमा कंही अम्मी के रूम में तो नहीं गयी है ,
में भी अम्मी के रूम की तरफ गया ,
अम्मी का रूम खुला हुआ था ,
ओह अल्लाह नजमा और मदीना अम्मी के बेड पर लेटी हुई थी नजमाँ नंगी थी जबकि मदीना उपर से ही नंगी थी ,,
खुदा क्या नज़ारा था ,मेरी छोटी बहनिया सीधी लेटी हुई थी और मदीना उसकी मस्त और रसभरी चूत अपनी जीभ से चाट रही थी,,
मेरी प्यारी बहिन के मुँह से आह आऽऽह की आवाजें आ रही थी ..
टीवी पर एक लेस्बियन सेक्स फिल्म चल रही थी, नजमा फिल्म देख राही थी और अपनी चूत को चटवा भी रही थी,
फिल्म में कोई आवाज नन्ही थी इसलिए मुझे नजमा और मदीना की बातें साफ़ साफ़ सुनाइ दे रही थी।
नजमा = मदीना चाट मेरी चूत को हई मेरी प्यारी मदीना अम्मी की चूत की कितना रस पिया है तुमने आज तक, .बोल ना रंडी ,
और अब मेरे प्यारे भाईजान का लैंड रस पीना चाहती है कुतिया ,,
ले मेरा गरमा गरम् पेशाब पीले कुतिया हरामजादी रंडी कंही की और पहले पूरी नंगी होजा ना ,,
में नजमा के मुँह से ये सब सुन कर हेरान था, हमारे इतने बड़े खानदान की लड़की ने ऐसी गन्दी भाषा कहाँ से सीखी है..
पर मैंने ये सब देखना और सुनना जारी रखा ,
मदीना = हाँ तू तो बड़ी ही शरीफ है, साली रंडी तुम तो 1000/= के लिए लिसी का भी लैंड चूस लेती हो साली,
और तो और कोई नहीं मिलता है तो अपने भाई का गन्दा अंडरवियर भी चूस लेती हो तेरे से बड़ी रंडी तो इस घर में कोई नन्ही है.
नजमा = और तुम रंडी की ओलाद अपने ही बाप का लंड चुस्ती हो और गांड मरवाती हो और तेरा ही बाप तुझे चुदवाने लेकर जाता है दुसरो के पास ,
मदीना तेरे से बड़ी रंडी में नहीं हूँ , अब तू मेरी गांड चाट क्यूंकि जब से भाईजान ने मेरी गांड मारी है पता नहीं खुजली सी होती रहती है इसमें
मुझे लेस्बीयन सेक्स की आदत पड़ गई है, मुझे भी किसी लड़की की चूत चाटने और चूसने का दिल करता है।
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