बीबी का नौवा महीना - साली ने आग लगाई
07-01-2017, 11:28 AM,
#2
RE: बीबी का नौवा महीना - साली ने आग लगाई
दोनो निपल्स को बरी बरी से अपने मूह मे लेकर चूसने के बाद रवि खड़ा होकर लीना को अपनी बाहों मे लेकर उसके पूरे बदन को जाकड़ लिया. ऐसा कस कर आलिंगन किया की लीना के मूह से चीख निकल पड़ी. `जब तुम्हारी चूंची इतनी खूबसूरत है तो छूट तो और भी खूबसूरत होगी," कहकर रवि उसके बदन पर लिपटी नाइटी के बाकी हिस्से को भी फाड़ने लगा. लेकिन लीना उसको रोकते हुए कहा, "उफ़फ्फ़... इतने बेकाबू क्यों हो रहे हो. पहले मुझे अपना झुनझुना तो दिखाओ. मुझे भी उससे खेलना है." रवि बेकाबू था लेकिन लीना वापस बोल पड़ी, "तुम अपना लंड मुझे दिखाओ मई तुम्हे अपनी चूत दिखा दूँगी." लीना ने अपने हाथ को बढ़कर रवि की पंत टटोलने मे लग गई. उसे अपना खिलोना चाहिए था. उसका खिलोना भूके शेर की तरह अपने

पिंजरे मे उच्छल कूद मचा रहा था. लीना का हाथ उस पिंजरे की तरफ बढ़ कर उसके पहले तले यानी पंत की चैन को खोल दिया. रवि ने उसके दोनो कबूतरो को सहलाते हुए अपनी पंत को नीचे की और खिसका दिया ताकि लंड को बाहर निकालने मे ज़्यादा परेशानी ना हो. फिर लीना घुटने के बुल बैठकर अंडरवेर की क़ैद मे बैठे उस भूके शेर की दहाड़ सुनने लग गई. उसका फूला हुआ लंड अंडरवेर मे मचल रहा था. लीना ने अपने हाथो से उसको पूछकर कर शांत करने की कोशिश की. जब लंड ज़्यादा ही मचलने लगा तो अपने होठों से रवि के लवदे को अंडरवेर के साथ ही दबा लिया. अब बरी थी रवि के सिसकरने की. एक महीने मे डॉक्तोर्र. के ना करने के कारण वो अपनी बीबी,

रीमा, को छोड़ नही पाया था लेकिन यादा-कड़ा रीमा अपने हाथ से रवि के लंड को मसल ज़रूर देती थी. लीना उसके लंड को अंडरवेर के उपर से चाटने लगी. लंड फूल कर एक दम भड़क उठा. तभी लीना ने झटके से अंडरवेर खींच कर नीचे खिसका दिया. रवि का लंड एक दूं टन कर लीना के मूह के सामने नाचने लगा. "अफ... क्या मोटा लंड है तुम्हारा जीजू," कह कर अपने हाथों मे समेत लिया लीना ने. लेकिन लंड पूरा का पूरा हाथों मे आया कहाँ था. मोटे के साथ साथ पूरा 9" का लूंबा लंड था रवि का. लंड का सुपरा भुक्कड़ की तरह लीना का चेहरा देख रहा था. लीना ने लंड को अपने हाथों मे लेकर उसकी चाँदी को उपर-नीचे करने लगी."सचमुच तुम्हारा लंड तो बहुत लंबा और मोटा है," लीना के मूह से निकल पड़ा. रवि से अब रहा नही जा रहा था. लीना ने अपनी जीभ निकल कर लंड के सुपरे को धीरे-धीरे चाटने लगी. रवि का लंड उचक-उचक कर उच्छल रहा था. तोधी देर डाक लीना उसके सुपरे को ही छत रही थी. रवि और ज़्यादा बेकाबू होने लगा. उससे रहा नही जा रहा था. वो काँपते हुए स्वर मे

बोला, "आरीए, मेरी साअली, अब तो "टीज़िंग" बूँद करो. मेरे लंड को चूसो."

लेकिन लीना ने सुपरे को चाटना नही छ्चोड़ा. वो रवि को और भड़कना

चाहती थी. मर्द जब ज़्यादा भड़कता है तो औरत की चुदाई भी उतनी

ही ज़्यादा कर्ता है. लीना अपनी चूत की छुड़वा बहुत ज़ोर से करवाना चाहती थी. कारण यह था कॉलेज मे अपने बाय्फ्रेंड से उसकी सात- आठ बार जो चुदाई हुई थी वा जल्दी जल्दी हो गयी थी क्योंकि कोई आकर डिस्टर्ब ना कर दे या कोई आकर देख ना ले. एक बार उसकी फ्रेंड की चुदाई किसी ने देख ली थी तो उसको अपनी चूत कॉलेज के डूस-बारह स्टूडेंट के साथ एक साथ चुदवानि पड़ी थी. पर यहाँ तो रवि का लंड भड़कता ही जा रहा था. उसने लीना को

कहा, "साली मदरचोद, चूस मेरे लंड को. पूरा का पूरा खा जा मेरे

लंड को. साली यह लंड एक महीने से तरस रहा है और तुझे "टीज़िंग" की पड़ी है. अगर नही चूसाती तो मे तेरी चूत को ऐसा चोदुन्गा कितु भी जिंदंगी भर याद रखेगी." लीना का मकसद पूरा हो गया. वो रवि को ऐसे ही भड़कना चाहती थी. तभी रवि ने उसके बॉल पकड़ कर अपना पूरा नो इंची लंड उसके मूह मे गॅप से डाल दिया. "ले च्चिनाल चूस मेरे लंड को. बहुत ज़्यादा मटक रही तीन ना. अब चूस मेरे लंड को." रवि का लंड आठ इंच तक ही लीना के मूह मे घुस पाया. बाकी एक इंच बाहर ही रहा. उसके लंड का किनारा उसके मूह की आख़िरी दीवार को छ्छू गया था. लीना को साँस लेने मे तकलीफ़ होने लगी थी. उसने रवि के लंड को पूरा बाहर निकाल कर कहा, "जीजू, मार ही डालोगो क्या. तोड़ा सब्र करो. चूसाती हू तुम्हारे मूसल लंड को."

फिर लीना ने लंड को हाथ से पकड़ कर जो चूसैई की रवि तो पागल हो गया. उसे लगा अगर मेने अपने लंड को बाहर नही निकाला तो मेरी पिचकारी अभी छ्छूट जाएगी. उसने अपना लंड बाहर निकल कर लीना को खड़े कर अपनी बाहों मे उठा लिया और उसके होठों को चूमते हुए अपने बेडरूम की और चल पड़ा. बेडरूम मे बेड पर लीना को सुलते हुए उसकी नाइटी के बाकी कपड़ाए को फादते हुए उसकी जाँघो को चाटने लगा. लीना की गुदाज़ जंघे मखमल की तरह नरम और दूध जैसी गौरी थी. रवि उन जाँघो को चुसते हुए अपने हाथो को उसकी झांतो को सहलाने लगा. अफ क्या नरम नरम झांते थी. रवि तो झांतो मसालते हुए उसकी उठी हुई बर(चूत) को देख पागल हो गया. अपनी

उंगली को धुस से उसकी कोमल चूत मे धकेल दिया. लीना के मूह से निकल पड़ा, "उउईइ मा. धीरे से." रवि उसकी जाँघो को छ्चोड़ आस्की चूत की आस-पास अपनी जीभ से चाट रहा था और अपनी एक उंगली को उसकी चूत की उंगली-चुदाई कर रहा था. थोड़ी देर मे ही लीना बोल पड़ी, "है! क्यों टाइम बर्बाद कर रहे हो? मेरे चूत को उंगली नहीं चाहिए. अभी तुम इसको अपने जीभ से छोड़ो. बाद मे उसको अपना लंड खिलाना. वो तुम्हारे लंड खाने के लिए

तरस रही है." तभी रवि ने अपनी उंगली निकाल कर उसकी जगह अपनी जीभ को लगा दिया. उसके दाने को चूस कर अपनी जीभ को उसकी चूत की गहराई मे

उतार दिया. लीना मादक स्वर मे कहने लगी, ""है! काया चीज़ बनाई है भगवान ने, चूसो चूसो, और ज़ोर से चूसो मेरी चूत को. और अंदर तक अपनी जीभ घुसेदो. है! मेरी छूट के दाने को भी चातो. बहुत मज़ा आ रहा है." रवि ने उसकी चूत चूस चूस कर उसकी हालत खराब कर दी. लीना बैठ कर अपनी चूत को रवि के मूह पर धक्के लगाने लगी. साथ ही बाद-बड़ा रही थी, "एस डार्लिंग, चूसो मेरे राजा, चूत को को चूसो, अपनी जीभ को मेरी चूत के अंदर तक चूसो. एस बड़ा मज़ा आ रहा है जीजू. एस, एस, चूसाते जाओ. मेरे दाने को भी चूसो. आहह, एस, चूसो. लो मेरी छूट का पानी निकल रहा है. आहह, ऊहह, चूसो बहुत दीनो बाद मेरी चूत का पानी निकलेगा. चूवस्स्स्तीए रहो, एस, एस, एस, ओह, ओह, क्या जीभ से चोद रहे हो. लगता है यह जीभ नही, तुम्हारा लंड है. आआहह, और हूओसो,

ह, मेरा पााअनी निकल रहा है. ऑश एससस्स, मेरा पानी निकल आआआआआआ......" लेकिन रवि ने उसकी चूत को छ्चोड़ा नही. वो बहुत देर तक चूसाता रहा जब तक उसकी जीभ नही तक नही गयी. लीना की चूत की खाज और ज़्यादा बढ़ गयी. लेकिन अब वा अपनी चूत को चटवा कर नही बल्कि

असली खेल कर अपनी प्यास बुझवाना चाहती थी. उसने अपने हाथ बढ़ा कर रवि के लंड को अपने हाथ मे लेकर आयेज पिच्चे करने लगी. जब लंड एकदम मूसल हो गया तो अपनी चूत को उसके मूह से हाता कर उसके लंड पर बैठ गयी. रवि के लंड को और क्या चाहिए. उसका लंड तो चूत का प्यासा था. चूत को देख कर लंड अपनी जगह पर ही उच्छल- कूद मशीन लगा. रवि ने अपने हाथ बढ़ा कर अपने लंड के सुपरे को लीना की चूत के मूह पर रख दिया. लीना ने उपर से बैठे बैठे अपनी चूत को तोड़ा धक्का दिया तो रवि का लंड फुररररर करके उसकी चूत मे जा कर फँस गया. इसी के साथ लीना के मूह चीख निकल पड़ी. यह चीख दर्द भारी नही थी बुल्की आनंद से भारी थी.

लीना रवि के उपर बैठ कर अपनी चूत की खाज मिटाने लग गयी. अपनी चूत की जाकड़ मे लंड को ले कर उच्छल-कूद मचाने लगी. साथ ही उसके मूह से सिसकारियाँ निकल रही थी. रवि अपने हाथो से उसके मुम्मे पकड़ कर सहला रहा था. लीना उसकी च्चती पर हाथ रख कर अपनी चूत खुद ही चुड़वा रही थी. आनंद से मदहोश हो कर चुड़वा रही थी. स्पीड धीरे-धीरे बढ़ कर अपनी चरम सीमा पर चली गयी. फुल फास्ट स्पीड मे चुड़वाने से लीना की सिसकारी बड़बाधत मे बदलने लगी. "एस.. एस.. क्या मज़ा आ रहा है.. एस.. एस.. आज बहुत दीनो बाद चूत को मज़ा मिल रहा है.. श.. क्या जन्नत का मज़ा मिल रहा है.. उफ़फ्फ़.. जीजू तुम्हारा लंड एक दूं लोहे के जैसा सख़्त है... अफ... मेरी चूत... है... मैं .... आहह... मेरी चूत का पानी निकालने वेल हा... ऑश... क्या हो रहा है मुझे... है... मेरी चूत... उफफफ्फ़... मेरा पानी निकला... येस.ंएर पानी निकला... एस... उउई... एस... मेरा पानी निकल गया..." ऐसा कह कर लीना उसकी च्चती पर गिर कर लंबी-लंबी साँसे छ्चोड़ने लगी. चूत का पानी निकलते हुए वो अब हल्के हल्के धक्के मार कर एकदम से निढाल हो गयी. रवि ने अपनी बाहों मे भरकर उसके होठों को अपने होठों से जाकड़ लिया. थोड़ी दे बाद जब लीना की धड़कन एकदम नॉर्मल हुई तो अपने सरीर से उसे उतारकर अपने बाजू मे सुला लिया और उसके बूब्स को सहलाता हुआ एक मुममे को मूह मे दबा लिया. थोड़ी देर मे दोनो मुममे को चूस कर अपनी उंगली से उसकी चूत के दाने को सहलाने लगा. उसकी चूत को सहला कर उसकी छूट की चुदाई की तय्यरी कर रहा था. उसका भूखा लंड अब उसे चोदने को एकदम तय्यार था. लीना के मूह से जब सिसकारी निकालने लगी तो उसे डॉग्गी स्टाइल मे लेता कर उसके चूतड़ो को अपने हाथ से सहलाने लगा. उसकी चूत दोनो चूतड़ो के बीच एकद्ूम से दबी हुई थी. अपने लंड को हाथ मे लेकर उसके चूतड़ो पर हल्के से सहला रहा था. लीना की चूत काफ़ी गरम हो चुकी थी. उससे अब सहा नही जा रहा था. वो बोल पड़ी, "है जीजू, क्यों तडफा रहे हो. लंड हुमारी चुदासी चूत को दिखा रहे हो और उसको चूत के अंदर नही पेल रहे हो. अब जल्दी से अपने मूसल जैसे लंड को चूत मे घुसाओ, प्ल्ज़्ज़.' तभी अपने लंड को उसकी चूत की खाई के सामने रखकर उसकी दरार मे टीका दिया और एक ज़ोर का धक्का मारा की लीना के मूह से आनंद-भारी चीख निकल पड़ी. "है.. दैया." लंड आधा एक ही धक्के मे छूट के अंदर घुस गया. दूसरे धक्के मे लंड पूरा का पूरा चूत के अंदर था. रवि ने धीरे-धीरे अपने धक्के लगाने चालू रखे. लंड छूटमे पिस्टन की तरह अंदर बाहर हो रहा था. उसका लंड चूत की गर्मी पाकर और फूल गया. लीना भी धक्के का जवाब धक्के से दे रही थी. फिर अपने हाथ बढ़ा कर रवि ने लीना के मुममे को अपनी गिरफ़्त मे ले लिया और धक्को की स्पीड बढ़ा दी. लंड चूत की जड़ तक जा रहा था. रवि का लंड छूट के धक्के से एकदम बेकाबू हो उठा. रवि के मूह से आवाज़े आनी शुरू हो गयी. "लो रानी... मेरे लंड के झटके... खाओ, खूब खाओ.. देखो तुम्हारी छूट की प्यास बाकी नही रहे.. लो यह लो.. " लीना की छूट धक्के पर धक्के खा कर अपना पानी छ्चोड़ना शुरू कर दिया. "एस.. मेरे जीजू... उउफ्फ.. मरो धक्के.. और मरो धक्के... मेरी छूट से फिर से पानी निकल रहा है. तुम्हारा सख़्त लंड ही मेरा पानी इतनी जल्दी-जल्दी निकल पाया." फिर भी रवि अपने धक्के मरने चालू रखा. वो भी अपना पानी निकलना चाहता था. लीना ने देखा की रवि इसी तरह छोड़ता रहा तो पानी उसकी छूट मे ही छ्चोड़ देगा तो अपनी चूत को एकद्ूम से हटा लिया. रवि चिहुनक पड़ा, "यह क्या रानी. मेरा पानी निकालने वाला था." "यही तो मैं नही चाहती की तुम मेरे अंदर झड़ो. मैं तुम्हारे वीर्या को अपने पूरे बदन पर झाड़वाना चाहती हून." "ऐसी बात है तो लो अपना मुहन खोलो और इसको चूसो. अब तोड़ा

इंतज़ार करना पड़ेगा मेरे झदाने का." लीना ने रवि के लंड को हाथ से पकड़ कर पहले अपने मुम्मो पर सहलाया फिर लेट कर उसके मूसल को अपने दोनो बूब्स के बीच दल कर रवि से बोली, "लो जीजू, अब मेरे टिट्स को चोदो. अपने लंड को मेरे बूब्स की खाई मे डाल कर यहाँ भी अपना झंडा गाड़ दो."

रवि अपने लंड को लीना के कबूतरो के बीच मे लाकर उसकी टिट- फक्किंग चालू कर दी. लेकिन जो टेंपो डॉग्गी-स्टाइल मे बना हुया था वो वापस नही बन रहा था. पानी निकलता नही देख उसने अपना ध्यान उसके कबूतरो पर टीका दिया. "मेरी प्यारी साली, अब इस टिट-फक्किंग के बाद तुम्हारी चूत की फिर एक

बार चुदाई करूँगा. तेरे कबूतरो का जवाब नहिन.....तेरे बूब कितने मलाई जिट्नी चिकान्य है....ऽउर तेरे गुलाबी निप्प्लेस...इनेह तो मैं खा जाऊँगा," कहता हुआ अपने लंड को मुम्मो से निकाल कर उसके उपर टूट पड़ा और उसकी चुचियों को मसल मसल कर दबोचने लगा. "प्लीज़ मेरी चुची को और ज़ोर से दब्ाओ, बहुत मज़ा आ रहा है. मुझे नशा सा हो रहा है. तुम मेरी चुची दबा रहे हो और मेरी चूत मे कुच्छ कुच्छ हो रहा है. है! तुम्हारा तो लंड भी अब वापस से कड़क हो गया है." लीना नीचे पड़ी पड़ी अपनी चुचियों की खाज मिटा रही थी. जीजू को पागल हटे देख उसकी छूट मे खाज शुरू हो गयी थी. अपनी छूट पर उसके लंड को रख कर अपने बदन को उसके बदन से जाकड़ लिया और कहने लगी, "मुझे छूट में अहुत..ऽआह....खुज्ली हो रही है..... अब अपना चाकू मेरी छूट पे छाला दो...... मितादो मेरी खुजली..... मिताआओ." लीना को भी तड़फते देख अपने लंड को उसकी छूट के उपर रख कर एक ज़ोर से धक्का दिया और बोला, "ही! मेरी रानी, ले! लीईए! और ले, जी भर कर खा अपनी चूत मे मेरे लंड के धक्के." फिर धक्के पर धक्के चालू हो गये. थोड़ी देर तक कमरे मैं केवल "अफ" "है" "श" की ही आवाज़े आ रही थी. तभी रवि और लीना दोनो एक साथ ही चीख पड़े. दोनो का ही पानी एक साथ च्छुटने लगा. दोनो निढाल हो कर पलंग पर लेते रहे और उसी हालत मे नींद आ गयी.
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RE: बीबी का नौवा महीना - साली ने आग लगाई - by sexstories - 07-01-2017, 11:28 AM

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