Bhoot bangla-भूत बंगला
06-29-2017, 11:13 AM,
#6
RE: Bhoot bangla-भूत बंगला
"दिमाग़ है तेरे पास. कल छप्वा देता हूँ ", वो उठते हुए बोला "तू अभी घर जाएगा या ऑफीस छ्चोड़ूं तुझे"

"ऑफीस छ्चोड़ दे" मैने घड़ी की तरफ देखते हुए कहा "कुच्छ काम निपटाना है"

हम दोनो बंगलो से बाहर निकले और पोलीस जीप में मेरे ऑफीस की और चले. रास्ते में मेरे दिमाग़ में एक बात आई.

"यार मिश्रा एक बात बता. जो आदमी इतना छुप कर रह रहा हो जैसे के ये मनचंदा रह रहा था तो क्या वो अपने असली नाम से रहेगा? तुझे लगता है के मनचंदा उसका असली नाम था?"

मेरी बात सुनकर मिश्रा हाँ में सर हिलाने लगा

"ठीक कह रहा है तू. और इसी लिए शायद मुझे पोलीस रिपोर्ट्स में किसी मनचंदा के गायब होने की कोई रिपोर्ट नही मिली क्यूंकी शायद मनचंदा उसका असली नाम था ही नही." मिश्रा ने सोचते हुए जवाब दिया

वहाँ से मैं ऑफीस पहुँचा तो सबसे पहले प्रिया से सामना हुआ.

"झूठ क्यूँ बोला था?" उसने मुझे देखते ही सवाल दाग दिया

"क्या झूठ?" मैने अंजान बनते हुए कहा

"यही के वो आपका दोस्त मिश्रा आ रहा है" मेरे बैठते ही वो मेरे सामने आ खड़ी हुई

मैं जवाब नही दिया तो उसने फिर अपना सवाल दोहराया

"अरे पगली तू समझती क्यूँ नही. वजह थी मेरे पास झूठ बोलने की" मैने अपनी फाइल्स में देखने का बहाना करते हुए कहा

"वही वजह पुच्छना चाहती हूँ" वो अपनी बात पर आडी रही. मैने जवाब नही दिया

"ठीक है" उसने मेरे सामने पड़ा हुआ पेपर उठाया और जेब से पेन निकाला "अगर आपको मुझपर भरोसा नही और लगता है के आपको मुझसे झूठ बोलने की भी ज़रूरत है तो फिर मेरे यहाँ होने का कोई मतलब ही नही. मैं रिज़ाइन कर रही हूँ"

"हे भगवान" मैने अपना सर पकड़ लिया "तू इतनी ज़िद्दी क्यूँ है?"

"झूठ क्यूँ बोला?" उसने तो जैसे मेरा सवाल सुना ही नही

"अरे यार तू एक लड़की है और मैं एक लड़का. यूँ तू मेरे सामने कपड़े बदल रही थी तो मुझे थोड़ा अजीब सा लगा इसलिए मैने तुझे मना कर दिया. बस इतनी सी बात थी" मैने फाइनली जवाब दिया

"सामने कहाँ बदल रही थी. आपने तो दूसरी तरफ मुँह किया हुआ था" उसने नादानी से बोला

"एक ही बात है" मैं फिर फाइल्स की तरफ देखने लगा

"एक बात नही है" वो मेरे सामने बैठते हुए बोली "और आप मुझे कबसे एक लड़की समझने लगे. आप तो मुझे हमेशा कहते थे के मैं एक लड़के की तरह आपकी दोस्त हूँ और आपके बाकी दोस्तों में और मुझ में कोई फरक नही"

मुझे अब थोड़ा गुस्सा आने लगा था पर मैने जवाब नही दिया

"बताओ" वो अब भी अपनी ज़िद पर आडी हुई थी

"फरक है" मैने सामने रखी फाइल्स बंद करते हुए बोला और गुस्से से उसकी तरफ देखा "तू नही समझती पर फरक है"

"क्या फरक है?" उसने भी वैसे ही गुस्से से बोला

"प्रिया फराक ये है के मेरे उन बाकी दोस्तों के सीने पर 2 उभरी हुई छातिया नही हैं. जब वो कोई टाइट शर्ट पेहेन्ते हैं तो उनके निपल्स कपड़े के उपेर से नज़र नही आने लगते"

ये कहते ही मैने अपनी ज़ुबान काट ली. मैं जानता था के गुस्से में मैं थोड़ा ज़्यादा बोल गया था. प्रिया मेरी तरफ एकटूक देखे जा रही थी. मुझे लग रहा था के वो अब गुस्से में ऑफीस से निकल जाएगी और फिर कभी नही आएगी.

"सॉरी" मुझसे और कुच्छ कहते ना बना

पर जो हुआ वो मेरी उम्मीद के बिल्कुल उल्टा था. वो ज़ोर ज़ोर से हस्ने लगी.

"इतनी सी बात?" वो हस्ते हुए बोली

"ये इतनी सी बात नही है" मैने झेन्पते हुए कहा

"इतनी सी ही बात है. अरे यार दुनिया की हर लड़की के सीने पर ब्रेस्ट्स होते हैं. मेरे हैं तो कौन सी बड़ी बात है?" वो मेरे साथ बिल्कुल ऐसे बात कर रही थी जैसे 2 लड़के आपस में करते हैं.

उसके हस्ने से मैं थोड़ा नॉर्मल हुआ और मुस्कुरा कर उसकी तरफ देखने लगा

"और अब मेरे ब्रेस्ट्स पर निपल्स हैं तो वो तो दिखेंगे ही. बाकी लड़कियों के भी दिखते होंगे शायद. मैने कभी ध्यान से देखा नही" वो अब भी हस रही थी

"नही दिखते" मैं भी अब नॉर्मल हो चुका था "क्यूंकी वो अंदर कुच्छ पेहेन्ति हैं"

"क्या?" उसने फ़ौरन पुचछा

"ब्रा और क्या" जब मैने देखा के वो बिल्कुल ही नॉर्मल होकर इस बारे में बात कर रही है तो मैं भी खुल गया

"ओह. अरे यार मैने कई बार कोशिश की पर मेरा दम सा घुटने लगता है ब्रा पहनकर. लगता है जैसे सीने पर किसी ने रस्सी बाँध दी हो इसलिए नही पहना" वो मुस्कुरा कर बोली

मैं भी जवाब में मुस्कुरा दिया. वो मेरे साथ ऐसे बात कर रही थी जैसे वो किसी लड़की से बात कर रही हो. उस वक़्त मुझे उसके चेहरे पर एक भोलापन सॉफ नज़र आ रहा था और दिखाई दे रहा था के वो मुझपर कितना विश्वास करती है

"एक मिनिट" अचानक वो बोली "आपको कैसे पता के मैने अंदर ब्रा नही पहेन रखी थी?"

मेरे पास इस सवाल का कोई जवाब नही था

प्रिया ने मुझे ज़ोर देकर कपड़ो के बारे में फिर से पुचछा तो मैने उसको बता दिया के वो कपड़े अजीब हैं और उसपर अच्छे नही लगेंगे. शाम को वो कपड़े वापिस देने गयी तो मुझे भी ज़बरदस्ती साथ ले लिया. ऑफीस बंद करके हम निकले और थोड़ी ही देर बाद एक ऐसी दुकान पर खड़े थे जहाँ लड़कियों के कपड़े और ज़रूरत की दूसरी चीज़ें मिलती थी. दुकान पर एक औरत खड़ी हुई थी.

"कल मैने ये कपड़े यहाँ से लिए थे" प्रिया दुकान पर खड़ी औरत से बोली "तब कोई और था यहाँ"

"मेरे हज़्बेंड थे" दुकान पर खड़ी हुई औरत बोली "कहिए"

"जी मैं ये कपड़े बदलने आई थी. कोई दूसरे मिल सकते हैं? फिटिंग सही नही आई" उसने अपने पर्स से बिल निकालकर उस औरत को दिखाया

"ज़रूर" उस औरत ने कहा "आप देख लीजिए कौन से लेने हैं"

आधे घंटे तक मैं प्रिया के साथ बैठा लड़कियों के कपड़े देखता रहा. ये पहली बार था के मैं एक लड़की के साथ शॉपिंग करने आया था और वो भी लड़कियों की चीज़ें. थोड़ी ही देर में मैं समझ गया के सब ये क्यूँ कहते हैं के लड़कियों के साथ शॉपिंग के लिए कभी नही जाना चाहिए. आधे घंटे माथा फोड़ने के बाद उसने मुश्किल से 3 ड्रेसस पसंद की. एक सलवार सूट, 2 टॉप्स, 1 जीन्स और एक फुल लेंग्थ स्कर्ट जिनके लिए मैने भी हाँ की थी.

"मैं ट्राइ कर सकती हूँ?" उसने दुकान पर खड़ी औरत से पुचछा "कल ट्राइ नही किए थे इसलिए शायद फिटिंग सही नही आई"

"हां क्यूँ नही" उस औरत ने कहा "वो पिछे उस दरवाज़े के पिछे स्टोर रूम है. आप वहाँ जाके ट्राइ कर सकती हैं पर देखने के लिए शीशा नही है"

"कोई बात नही. ये देखके बता देंगे" प्रिया ने मेरी तरफ इशारा किया. हम तीनो मुस्कुराने लगे.

वो कपड़े उठाकर स्टोर रूम की तरफ बढ़ गयी. मैं दुकान से निकल कर पास ही एक पॅनवाडी के पास पहुँचा और सिगेरेत्टे जलाकर वापिस दुकान में आया. दुकान में कोई नही था. तभी वो औरत भी चेंजिंग रूम से बाहर निकली

"आपकी वाइफ आपको अंदर बुला रही हैं" उसने मुझसे कहा तो मुझे जैसा झटका लगा

"मेरी वाइफ?" मैने हैरत से पुचछा

"हाँ वो अंदर कपड़े पहेनकर आपको दिखाना चाहती हैं. आप चले जाइए" उसने स्टोर रूम की तरफ इशारा किया तो मैं समझ गया के वो प्रिया की बात कर रही है. मैं स्टोर रूम में दाखिल हुआ. अंदर प्रिया एक सलवार सूट पहने खड़ी ही.

"मैं तेरा हज़्बेंड कब्से हो गया?" मैने अंदर घुसते ही पुचछा

"अरे यार और क्या कहती उसको. थोड़ा अजीब लगता ना के मैं उसे ये कहती के यहाँ मैं आपके सामने कपड़े ट्राइ कर रही हूँ इसलिए मैने कह दिया के आप मेरे हज़्बेंड हो"

उसका जवाब सुनकर मैं मुस्कुराए बिना नही रह सका. तभी स्टोर रूम के दरवाज़े पर नॉक हुआ. मैने दरवाज़ा खोला तो वो औरत वहाँ खड़ी थी.

"आप लोग अभी हैं ना थोड़ी देर?" उसने मुझसे पुचछा तो मैं हां में सर होला दिया

"मुझे ज़रा हमारी दूसरी दुकान तक जाना है. 15 मिनट में आ जाऊंगी. तब तक आप लोग कपड़े देख लीजिए." उसने कहा तो हम दोनो ने हां में सर हिला दिया और वो चली गयी और मैने स्टोर रूम का दरवाज़ा बंद कर दिया. दुकान का दरवाज़ा वो जाते हुए बाहर से बंद कर गयी जिससे हम लोग उसके पिछे कपड़े लेकर भाग ना सकें.

मैं प्रिया की तरफ पलटा और एक नज़र उसको देखा तो मुँह से सीटी निकल गयी. वो सच में उस सूट में काफ़ी खूबसूरत लग रही थी.

"अरे यार तू तो एकदम लड़की बन गयी" मैने कहा "अच्छी लग रही है"

"थॅंक यू" उसने जवाब दिया" ये ले लूं? फिटिंग भी ठीक है"

"हाँ ले ले" मैने कहा

उसके बाद मैं स्टोर रूम के बाहर चला गया ताकि वो दूसरे कपड़े पहेन सके. उसने आवाज़ दी तो मैं अंदर गया. अब वो एक टॉप और जीन्स पहने खड़ी थी. इन कपड़ो में मेरे सामने फिर से वही लड़की खड़ी थी जिसको मैने सुबह देखा था. बड़ी बड़ी चूचियाँ टॉप फाड़कर बाहर आने को तैय्यार थी.

"ये कैसा है?" उसने मुझसे पुचछा

मैं एक बार फिर उसकी चूचियो की तरफ देखने लगा जिनपर उसके निपल्स फिर से उभर आए थे. उसने जब देखा के मैं कहाँ देख रहा हूँ तो अपने हाथ आगे अपनी छातियो के सामने कर लिए

"इनके सिवा बताओ के कैसी लग रही हूँ"

"अच्छी लग रही है" मैने हस्ते हुए जवाब दिया

उसने वैसे ही मुझे दूसरा टॉप और स्कर्ट पहेनकर दिखाया. उसे यूँ देख कर मैं ये सोचे बिना ना रह सका के अगर वो सच में लड़कियों की तरह रहे तो काफ़ी खूबसूरत है. अपना वो बेढंगा सा लड़को वाला अंदाज़ छ्चोड़ दे तो शायद उसकी गली का हर लड़का उसी के घर के चक्कर काटे.

मैं बाहर खड़ा सोच ही रहा था के स्टोर रूम से प्रिया की आवाज़ आई. वो मुझे अंदर बुला रही थी. मैं दरवाज़ा खोलकर अंदर जैसे ही गया तो मेरी आँखें खुली की खुली रह गयी.

वो अंदर सिर्फ़ स्कर्ट पहने मेरी तरफ अपनी पीठ किए खड़ी थी. स्कर्ट के उपेर उसने कुच्छ नही पहेन रखा था. सिर्फ़ एक ब्रा था जिसके हुक्स बंद नही थे और दोनो स्ट्रॅप्स पिछे उसकी कमर पर लटक रहे थे.

क्रमशः............................
Reply


Messages In This Thread
RE: Bhoot bangla-भूत बंगला - by sexstories - 06-29-2017, 11:13 AM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,510,193 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 545,407 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,235,629 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 934,311 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,659,253 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,085,632 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,958,969 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,081,626 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,042,212 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 285,781 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 2 Guest(s)