Kamukta Sex अमेरिका रिटर्न बंदा
06-29-2017, 11:09 AM,
#6
RE: Kamukta Sex अमेरिका रिटर्न बंदा
अमेरिका रिटर्न बंदा--3

गतान्क से आगे…………………………..

" क्या कर रहा है तू? अब तू इट'ना बिगड़ गया है कि यहाँ भी आ पहूंचा है. और वह सीधी होके बैठ गई . एक'बार तो पंकज बहुत घबरा गया लेकिन तुरंत बोल पड़ा,भाभी कल तो तू बिना दिखाए भाग गई थी पर आज देखे बिना नहीं छोड़ूँगा. कल ही आप दिखा देती तो यह नोबत ही नहीं आती. नीता कई देर खामोश रही. वह जान'ती थी कि डान्ट डपट से यहाँ काम चल'ने वाला नहीं है. आख़िर उस'ने मन ही मन कुच्छ निर्णय किया और खुद ही मुस्कुरा उठी और कहा. " अभी तू जवान हो गया है, मैं तेरे भैया से कह के तेरी शादी करा दूँगी. कोई लड़की देखी है के नहीं? पंकज ने कहा," में अनुभव लिए बगैर शादी नहीं करूँगा. मैने तो अभी कुच्छ भी अनुभव अप'ने देशी माल का लिया नहीं है'. भाभी ने कहा. मैं तेरे ही बारे में सोच'ती रही हूँ और तुम ऐसे ही मान'ने वाले भी नहीं हो. देख मेरी एक छोटी बहन है जो घर से आज से सात साल पह'ले 17 साल की उमर में ही भाग गई थी. इन 7 सालों में उस'ने क्या क्या पापड बेले होंगे यह तो मैं नहीं जान'ती पर आज वह एक फिल्म अभिनेत्री, चरुलाता है. अभी दो महीने पह'ले मेरा 17 साल का छोट भाई चिक्कू भी उस'के पास चला गया है. मैं तुम्हें उस'का मुंबई का पता ठिकाना दे देती हूँ और तुम अमेरिका रिटर्न बंदा हो, स्मार्ट हो. तुम उसे पटा लो और अप'नी बीवी बना लो. तुम कहो तो मैं उस'से फोन पर बात कर'के उसे तुम्हारे मुंबई आने की बात बता दूँ.

भाभी देखो दिखाने वाली बात को यूँ मत टालो नहीं तो..... पंकज ने नीता की एक चूची पर हाथ रख'ते हुए कहा.

ठीक है, यदि तुम्हें मेरी बात मंजूर है तो शनिवार तक जब तक तुम्हारे भैया यहाँ नहीं आ जाते मैं तुम्हारे लिए कुच्छ करूँगी. लेकिन उस'के बाद कभी नहीं. और हां दो दिन भैया के पास गुज़ार के तुम्हें सोमवार को मुंबई जाना है. भाभी ने कहा.यह सुन'ते ही पंकज शुरू हो गया. उस'ने भाभी के माथे पे चुम्मा किया, धीरे धीरे भाभी के गालों पर, भाभी के होन्ठो पर और फिर भाभी के गले पर. धीरे धीरे पंकज नीचे आया और भाभी का ब्लाउस खोला और चूचियों को चूसने लगा, चाट'ने लगा और काटने लगा. उस'ने एक हाथ भाभी की साऱी में डाला और भाभी की पैंटी में हाथ डाल कर भाभी की चूत तक ले गया और भाभी की चूत में उंगली डाल कर उसे सहलाने लगा. भाभी को भी अच्छा लग रहा था. उस के मूँ'ह से आवाज़े आ रही थी. एयेए.ऊओच...आ एयेए और्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर " उसकी साँसें बढ़'ने लगी और आवाज़े भी .

ऊऊऊ म्‍मा अहह. ईीइसस्स्स्स्स्स्स्स्सस्स. आ भाभी, हाई. ऊओ अयू" अचानक वह बोली. आब्ब्ब्ब तो डालल्ल्ल्ल्ल ना रीईए आई"

लेकिन पंकज नहीं. मान रहा था. पंकज वही कर रहा था. उस वक़्त भाभी एक " कामदेवी" लग रही थी. पंकज भाभी के पास गया और उसको चूमने लगा और चाटने लगा. चूमते- चूमते पंकज नीचे आया और भाभी की नाभि ( नवल) चाटने लगा. पंकज फिर से खड़ा हुआ और भाभी के चूचियाँ दबाने लगा और एक हाथ भाभी के नीचे डालकर भाभी की बूर में उंगली डालने लगा, पहेले एक और बाद में दो और तीन उंगलियाँ उस'ने भाभी की चूत में डाली.

" आ उउउंमा बस कर. आ आब्ब्ब्ब चल लगा मुझे. आब्ब्ब्ब्बबब रहा नहिी जाताअ आईम्म" लेकिन पंकज नहीं मान रहा था. भाभी की चूत से पानी निकल रहा था. भाभी और भी तड़प'ने लगी, "आब्ब्ब्बब लगा रीए. "

तभी पंकज ने भाभी को पूछा. " भाभी, क्या मैं आप'को नाम से पुकार सकता हूँ?' भाभी ने भी कहा, " हां, तू मुझे नाम से पुकार सकता है और मैं तुझे रेस्पेक्ट दे के पुकारूँगी." ( यानी एक औरत अपने पति को पुकारती है वैसे) फिर पंकज ने जब भाभी के चूचियाँ दाबी और उसकी बुर में उंगली डाली तब भाभी बोली. . "एजी, आब्ब्ब्ब्बबब बस भी किजीए, , आप मुझे आइसे मत तरसाऊ, अब्ब डालल्ल्ल्ल्ल भी दो और्र्र्ररर कितना तरसाओ गे, क्या बुर्र्र्र्र्ररर का पॅनीयियी ऐसे ही नीईकालोगे." पंकज उठा. भाभी के दोनों पैर अप'ने कंधे पर लिए और उसे पेट के बल सोने को कहा. उस'ने लंड निकाला, भाभी की चूत पर लगाया और ज़ोर से भाभी के अंदर ठेला. " ऊ आम्म्मी, आ, एम्म माइ अओ. आप का बहुत बड़ा हाई. , अओउू" पंकज के धक्के और बढ़ने लगे और भाभी और चिलाती रही अहह , अहह. अहह अम्मी. ऊओ तकलीफ़ हूओ रहीए है.लेकिन, अच्छा लग रहा है आम, ईएसससा". वह भाभी भी नीचे से कमर हिला कर साथ दे रही थी. पंकज और धक्के मार ने लगा, तभी भाभी ने कहा. "पंकज तुम छोटी का दिल ज़रूर जीत लोगे. तुम्हारा हथियार बहुत बड़ा है. पंकज ज़ोर के धक्के दे रहा था और बोला." और, क्या भैया ऐसा नहीं करते. ?" तभी भाभी बोली, "आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह तेरे भैया यहाँ हर'दम तो रह'ते नहीं, पंकज धक्के दे रहा था और फिर एक आखरी जबर'दस्त झटका दिया और पानी भाभी में गिर गया. भाभी बोली "आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह. आब्ब्ब्बब, ठीक लग रहा हाीइ. आज से हर रात आप मेरे पति और मैं आप की नीता. सालों बाद आज मुझे तृप्ति मिली है" और वे दोनों एक दूसेरे से चिपक कर सो गये. करीब 1 घंटे बाद भाभी की नींद खुली, पंकज सोया था. तभी एक हाथ पंकज को चड्डी में जाता महसूस हुआ और पंकज की हल्की सी आँखे खुली. तभी देखा तो भाभी का हाथ पंकज की चड्डी में था. पंकज उठा तो भाभी से कहा. "नीता चल, पलंग पर पसर जा" भाभी पलंग पर पसर गई. पंकज भाभी को पलंग के कोने में ले गया. पंकज ने नीता के हाथ दीवार पर टिकाए और पलंग पर घुटने पर बैठने को भी बोला. अब भाभी का मूँ'ह दीवार की तरफ और भाभी की गान्ड पंकज की तरफ थी. पंकज भी भाभी के पीछ्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह घुट'ने पर बैठ गया. भाभी बोली. 

" आप, क्या सोच रहे हो जी?"

पंकज भाभी के गान्ड पर हाथ घुमा रहा था. उसे सहला रहा था और बोला. " नीता, मैं जब से यहाँ आया हूँ तब से र्तेरी गान्ड का दीवाना हो गया हूँ. पह'ले मैं तेरी गान्ड मारूगा, उस'के बाद ही कुच्छ और सोचूँगा.",

भाभी ने कहा

" हांजी मुझे मालूम है, लेकिन थोड़ा धीरे से . नहीं तो आप की बड़ी तलवार से गान्ड फट जाएगी"

यह सुन कर पंकज ने भाभी के पिछे के छेद में अंगुल डाली, लंड निकाला और भाभी के गान्ड के होल पर रख कर झटका दिया लेकिन वह नहीं जा रहा था.

भाभी ने कहा. "अजी , आप तेल लगाओ और फिर करो" पंकज नीचे के रूम में गया और तेल ले के आया. तेल पह'ले लंड में लगाया और भाभी की गान्ड में भी डाला. इतना डाला के भाभी की गान्ड पूरी तेल से भर गई.

पंकज बोला. " नीता, मेरी जान अब तैयार हो जा. हाय रानी तेरी गान्ड क्या मस्त है?"

भाभी बोली. " प्लीज़ थोड़ा धीरे धीरे कर'ना, डर लग रहा है. " तभी पंकज'ने ज़ोर से लंड का धक्का गान्ड में दिया. भाभी चिल्लई,

"ऊऊ आए फत्त्त्त गाययययययया आह्ह्ह्ह, आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह निकाल एयेए. " पंकज नहीं माना और ज़ोर से धक्के देने लगा लेकिन पहले ही धक्के से लंड भाभी की गान्ड में आधा घुस गया. भाभी चिल्लाई. "आह्ह्ह्ह्ह्ह. ईए तेरे लंड का अगला हिस्सा बड्डा ही मोटा हाई, , साले मॅदर चोद निकाल नहीं तो फट जाएगीइइ"

तब पंकज बोला, , " नीता अभी क्या बोला तूने?"

तभी भाभी सम'झी. मैने आप को 'साले और मॅदर चोद' बोला और बोली. " आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह माफ़ करना . मुझसे ग़लती हो गई. .मैने अप्प्प्प्प कू तुऊउ बोला, गाली दी. प्लीज़ लेकिन थोड़ा धीरे करोना. मैं कहीं भागे थोड़े ही जा रही हूँ. शनिवार तक अब त्तुम ही मेरे पती हो और सब छूट है. आह्ह्ह्ह्ह्ह एक तो आप का 8 इंच का मूसल और ऊपर से मेरी सन्कऱी गान्ड. तभी बाहर तूफ़ानी बारिश शुरू हो गई और पंकज अंदर तूफान बन गया था. पंकज अब मस्त भाभी की भारी भर'कम गान्ड ताबड तोड़ मार रहा था और भाभी चिल्ला रही थी. " आहह उआ, प्ल'सस्स्स्स्स्स्सस्स. धीरे. पंकज मर गई. आहह और धीरे रे. अम्ज़ी, मुझे दर्द हो रहा है, आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह धीरे धीरे मज़े लेके मार ना" पंकज के धक्के बढ़'ते गये और लंड आधे से भी ज़्यादा भाभी की गान्ड में घुस गया. पंकज ने धक्के थोड़े धीरे किए.

भाभी ने कहा " क्या हुआ. रुक क्यों गये? अरे मेरे कह'ने की परवाह ना करो."

पंकज बोला,तुझे तकलीफ़ हो रही है.

भाभी ने कहा. " लेकिन मज़ा आ रहा है", उस'ने फिर धक्के बढ़ाए. भाभी फिर चिल्लाने लगी. पंकज का लंड भाभी की गान्ड में पूरा घुस गया. वह फिर चिल्लाने लगी. 'आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह, आब्ब्ब्ब्ब्ब्बबब डालल्ल्ल्ल्ल, मेरी जनंननननणणन्, आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह उउउम्माम, अब नहीं सह सकती, , आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह मत रुक. अभीयी अओ, तभी पंकजने भाभी को ज़ोर से पकड़ा और ज़ोर का आखरी झटका मारा और सफेद पानी भाभी की गान्ड में रिस रिस के गिर'ने लगा. " भाभी बोली. 'आह्ह्ह्ह्ह्ह क्या तेरे मे गर्मीी हाीइ. आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह बहुत अच्छा लगा. दो दिन भैया के साथ रह नीता भाभी से किए गये वादे के अनुसार पंकज मुंबई के लिए रवाना हुआ. उस'ने चरुलाता की फिल्में देख रखी थी. वह बहुत खुश हुआ क्योंकि चरुलाता उस'के ख्वाबों की शहज़ादी बन गई थी और वह कयी बार चारू को सपनों मैं चोद चुका था. चारू घर मे अपने 17यियर्ज़ ओल्ड छ्होटे भाई चिक्कू के साथ ही थी. पंकज सीधे चरुलाता के घर पहून्च गया. दरवाजा चिक्कू ने खोला. चिक्कू 17 साल का फूला फूला मस्त गद'राया लौंडा था. पंकज अप'नी हर'कत से बाज नहीं आया और चिक्कू की फूली गान्ड के दरार पर हाथ रख'ते हुए पूछा, क्यों चिक'ने तुम चिक्कू ही हो ना? चिक्कू ने उसे घूर'ते हुए पूछा, लेकिन आप कौन है और यहाँ क्या काम है? भाई हम तो तुम्हारी दीदी के देवर राजा हैं. ओह! पंकज भैया आप. और दीदी और जीजाजी कैसे हैं. चिक्कू ने चहक के कहा. पंकज ने फिर पूछा, भाई हमारी होने वाली माशुका नहीं दिखाई पड़ रही. चिक्कू ने अर्थ पूर्ण निगाहों से पंकज की तरफ देखा तो पंकज बोला. अरे भाई जवान दिलों की धड'कन तुम्हारी चारू दीदी. पंकज ने दीदी शब्द पर जान'बूझ कर ज़्यादा ज़ोर दिया. दीदी अभी सो रही है. ठहरिए मैं दीदी को जगाता हूँ. नहीं रह'ने दो. मैं उसे सर्प्राइज़ देना चाह'ता हूँ. तभी पंकज ने फिर चिक्कू की गान्ड की दरार पर हाथ रखा और इस बार उस'ने अंगुल भी चला दी. छोकरा बिल्कुल लाल हो उठा पर बोला कुच्छ नहीं. यार चिक्कू तुम बड़े मस्त हो. मेरी मदद करोगे. चिक्कू बोला पऱ,कैसी भैया. मैं जो कहू तुम कर'ते जाना फिर देख'ना तुम्हें कित'ना मज़ा देता हूँ. दोनों में कुच्छ देर ख़ुसर पुसर होते रही और चिक्कू नहीं, नहीं कहे जा रहा था पर अंत में उस'ने पंकज के आगे हथियार डाल दिए. पंकज ने उसे पूरा विश्वास दिला दिया था कि वही उस'का होने वाला जीजा है.

सामने दो रूम थे जिन'में एक खुला था और दूसरा बंद. पंकज बंद रूम के दरवाजे पर पहून्च गया और दरवाजे को भीतर हल्का सा झट'का दिया. बंद दरवाजा खुल चुका था और पंकज अंदर घुस गया. ड्रीम गर्ल चरुलाता एक आलीशान पलंग पर ब्लंकेट लिए सो रही थी. पंकज ने चरुलाता के चुत्तऱ पर ब्लंकेट के ऊपर से एक थाप दी. चरुलाता हड'बड़ा के उठ गई.

कौन है? तभी उस'की नज़र अप'ने भाई पर पड़ी और साथ ही पंकज पर भी.

चिक्कू तुम लोगों की यहाँ ऐसे आने की हिम्मत कैसे हुई और तुम्हारे साथ यह कौन है? गुस्से मे पंकज को घूर'ते हुए चरुलाता बोली,

कौन हो तुम और क्या चाह'ते हो.

तुम्हारा दीवाना हूँ नाम पंकज है और तुम्हारे साथ मस्ती कर'ना चाह'ता हूँ. अगर प्यार से राज़ी नहीं हुई तो ज़बेरदस्ती भी करूँगा और तुम्हारे भाई को भी जान से मार दूंगा . तभी पंकज ने अप'नी बॅग से एक गन निकाली जो चिक्कू ने ही उसे दी थी. यह ऐसे ही खेल'ने वाली गन थी. चरुलाता की घिग्गी बँध गई.

प्लीज़ मेरे भाई को छोड़ दो और मेरे साथ ऐसा मत करो.

तुम्हारा भाई सिर्फ़ इसी सूरत मे ज़िंदा बच सकता है जब कि तुम मेरी बात आराम से मान लो वरना. . . . पंकज ने चिक्कू के माथे से गन लगा दी.

कुच्छ देर खामोशी छ्चाई रही. चरुलाता थर थर काँप रही थी पर चिक्कू वैसे ही शांत खड़ा था. उसे होने वाले जीजा की अदाएँ प्यारी लग रही थी. जिस दीदी का वह ख़ौफ़ खाते रह'ता था अब वह खडी काँप रही थी.

तो तुम दोनों भाई बहन अब पूरे तैयार होना. अगर राज़ी राज़ी सब कर'ने दिया तो मैं तुम दोनों का बाल भी बांका नहीं होने दूँगा और थोड़ी मस्ती कर'के चला जाउन्गा. उस'के बाद पंकज ने चिक्कू को हुकुम दिया कि चारू को नंगा करो. चरुलाता बूरी तरह से घब'रा गई थी और बोल पडी,

मैं खुद कप'ड़े उतारती हूँ. चिक्कू को दूसरे रूम मे भेज दो.
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RE: Kamukta Sex अमेरिका रिटर्न बंदा - by sexstories - 06-29-2017, 11:09 AM

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