RE: Kamukta Sex अमेरिका रिटर्न बंदा
"हुह!!, आप होती तो शादी का फॉरन हां कर देता, हां अलबत्ता आप की कोई बहन हो आप जैसी तो मोस्ट वेलकम" कहते हुए अपना एक हाथ चूची से हटा कर नॅफ की तरफ ले गया, अंघूठे को नाभी मे घुसा कर दबाते हुए थोड़ा नीचे की तरफ खींचा तो नीता के होन्ठ ओ शेप मे खुल से गये जिसे पंकज देख कर मुस्कुरा दिया. हाथ की हरकत को जारी रखते हुए कुच्छ और नीचे ले गया. साऱी 2 इंच नाभी के नीचे थी और उसकी यह सेट्टिंग मुनासिब नहीं लग रही थी. एक उंगली साऱी ओर पेटिकोट दोनो के कोनों मे घुसा कर हाथ के सफ़र को फिर जारी रखा ओर नाभी से नीचे की तरफ साऱी को खींचा .
"ओह ओह, ककक्किया , क्या करर्र रहे हो यह, हटो. " हाथ हटाने की कोशिश की लेकिन जिस क़दर साऱी खीच सकती थी, वो खिच चुकी थी और इस क़दर खिच चुकी थी कि पंकज अगर अंघूठे के सहारे साऱी को थोड़ा ऊपर उठाता तो चूत बिल्कुल नीचे ही होती.
पंकज जवाब मे नीता के होन्टो पर फिर झुक गया ओर एक भरपूर चूम्मा लिया. साथ ही अपने हाथ की हरकत को जारी रखते हुए एक अंगूठा तो साऱी मे घुसाए रखा ओर हाथ को बलिश्त नापने के अंदाज़ मे शेप दी. चूके साऱी इस क़दर नीचे थी तो वो बलिश्त कुच्छ इस तरह आई के पूरी चूत को ओक्कुपी कर लिया. नीता हाथ को हटाने की नाकाम कोशिश कर रही थी; चुम्मे के दोरान भी लेकिन हाथ की शैतानियत जारी थी.
अब पंकज सिर उठा कर नीता के पूरे बदन को भूकि निगाहों से देखने लगा. जब के नीता अपनी साँसों को काबू करने के साथ साथ पंकज को हटाने की कोशिश भी करने लगी.
"सस्शह, कुच्छ नहीं सुनूँगा, चूत देखे बगैर नहीं जाऊँगा प्यारी सेक्सी भाभी जान" ओर अपने हाथ को जो बलिश्त नापने के अंदाज़ मे चूत पर फैला हुवा था वो हाथ एक दम मुट्ठी की शकल मे बना ओर इतनी टाइट स्क्वीज़ दी के नीता खुद पर काबू ना रख सकी ओर दोनों हाथों से पंकज के कंधे को भींच लिया.
"ओह्ह्ह्ह, औचह." हाथ कुच्छ इस स्थिति मे था के चार उंगलियाँ चूत को नीचे से ऊपर की तरफ भींचने की कोशिश कर रही थी जब के अंगूठा जो के साऱी मे अडसा हुवा था वो ऐंगल दे कर कुच्छ इस तरह शेप मे आया के अंगूठा जहाँ फँसा हुवा था वहाँ से साऱी कुच्छ ऊपर को उठ गयी. अंदर का नज़ारा कर के ही पंकज मस्त हो गया ओर पंकज ने झुक कर अपने होन्ठ मम्मो पर रखने चाहे. तभी पंकज की गिरफ़्त कुच्छ हल्की पड़ी ओर नीता ने पंकज को ऊपर से धकैला ओर जैसे ही उठ कर भागने की कोशिश की पंकज ने जल्दी से नीता का एक हाथ पकड़ कर एक लहर सी जो उसे दी तो घूमती हुई वो अपने ही ज़ोर मे आकर पंकज की गोद मे धम से गिरी. "औकचह!!आह मार डाला.
"क्या छीना झपटी लगाई हुई है भाभी. कहा ना चूत देखे बगैर तो बिल्कुल भी नहीं जाने दूँगा" शरारत भरे अंदाज़ मे पंकज ने कहा. नीता के सीने से साऱी हट चुकी थी; घूमने के दोरान ओर पंकज का एक हाथ नीता के बाएँ मम्मे पर था जब के दूसरा हाथ से उस'ने फिर साऱी को नीचे सरकाने की कोशिश की थी. लेकिन बैठे होने की वजह से अब वो पहले जितनी नीचे ना जा सकी. यह महसूस कर के पंकज ने नीता की नाभी मे अपना अंगूठा ओर एक उंगली डाल दी ओर उसे मुख्तलिफ तरीक़ों से मसल रहा था. कभी नाभी के दोनो कॉर्नर्स अंगूठा ओर उंगली रख कर इस तरह मसल'ता के गहरी नाभी बंद सी हो जाती ओर कभी अपनी उंगली डाल कर ड्रोलिंग सी कर देता.
"छोड़ो" अपने नाज़ुक हाथों से पंकज के हाथों की शैतानियाँ रोकने की कोशिश करते हुए नीता मून'मुनाई. "चूत" पंकज चूची से हाथ हट कर साऱी के ऊपर से ही चूत पर रखते हुए कहा ओर होले होले सहलाने लगा. "बिल्कुल नहीं" नीता ने शरम से लाल होते हुए कहा ओर पंकज के हाथों को हटाने की नाकाम कोशिश जारी रखी. "ह्म तो भाभी आप को भी मज़ा आरहा है इस छेड़'खानी मे हां, वरना अब तक तो अपनी रसीली चूत दिखा कर जान छुड़ा चुकी होतीं" गालों को चूमते हुए पंकज ने शरारत से कहा.
"बद-तमीज़!!, " नीता बुरी तरह से शर्मा गयी. "बेशरम! तुम्हारे भाई को पता चला ना के तुम मेरे साथ क्या क्या कर रहे हो ओर क्या माँग रहे हो तो इतनी मार लगाएँगे के सारी मस्तियाँ अंदर रह जाएँगी, "एक भरपूर कोशिश कर के नीता उठ्ने मे कामयाब हुई थी कि पंकज ने फिर गोद मे गिरा लिया. "अरे, भाई को क्या प्राब्लम होगी भाभी, जो चीज़ वो देख चुके है मैं भी तो वही देखने को कह रहा हूँ" यह कहते हुए पंकज ने अपनी गिरफ़्त कुच्छ हल्की छोड़ी ओर नीता मोक़ा गनीमत जानते हुए फॉरन उठि. लेकिन पंकज ने गिरफ़्त हल्की की ही इसी लिए थी कि वो उसे सिड्यूस करना चाह रहा था. जैसे ही वो उठि पंकज भी उठ खड़ा हुवा ओर लपक कर नीचे झुकते हुए नीता को अपनी बाँहों मे उठा लिया. चूके साऱी पहले ही अपनी जगह से हट कर नीचे आन पाहूंची थी सो नाभी पंकज के होन्टो के बिल्कुल साम'ने ही अपने जोबन पर थी. पंकज अपने सुलगते होन्ठ अपनी भाभी की नॅफ पर होले से अभी रख ही पाया था के नीता को जैसे एक करेंट सा लगा ओर अजीब अंदाज़ मे निकलने की कोशिश की जिस'से स्थिति कुच्छ इस तरह बनी की नीता का पेट तो होन्टो से हट गया लेकिन नितंब पीछे को हो कर पंकज के हाथों को मज़ा देने लगे. पंकज नीता को ऐसे ही उठाए हुए घूम कर बेड पर खड़ा कर दिया ओर खुद नीचे ही खड़ा रहा. एक हाथ नीता की कमर के बॅक पर दूसरा चुतडो पर रखते हुए. जब के नीता उसे सिर से थामे उसे दूर करने की कोशिश कर रही थी. वो समझ चुकी थी कि पंकज उसकी नाभी को चूम'ना चाहता है ओर नीता अच्छी तरह जानती थी कि यह उसकी काफ़ी सेनसटिव जगह है. वो अपने जज़्बात पर नियंत्रण नहीं कर पाएगी. लेकिन पंकज एक मूँ'ह ज़ोर तूफान था. आख़िर उस'ने अपने होन्ठ नीता की नॅफ पर रख दिए.
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