RE: कौन सच्चा कौन झूठा--एक्शन थ्रिलर सस्पेंस
चंपा: चल अब तू जा ,नही तो तेरे मा सुबह मेरी जान खा जाएगी ,और सुन इस सब
के बारे मे किसी को मत बोलना ठीक है
लड़का गर्देन हां मे हिलाते हुए खोली से बाहर निकला ,चंपा ने खोली बंद की
और दीपक के पास आकर बैठी, दवाई की एक बोतल खोली चमच मे लेकर दीपक के मूह मे
डाल दी ,रात के 3:00 बज रहे थे
थोड़ी देर पट्टी करने के बाद चंपा भी ज़मीन पर ही सो गयी
सुबा 7:00 बजे दरवाज़े पर दूध वाले ने दस्तक दी तो चंपा की आँख खुली , दूध
लेने के बाद चंपा ने फिर दीपक की छाती पर कान लगाया धड़कन चल रही थी उसके
माथे पर हाथ लाया अभी भी बुखार था पर पहले से कम.
चंपा खोली से बाहर आई अपने सामने वाली खोली मे गयी ,सामने वाली खोली मे
उसकी तरहा ही लोगो के घरो मे काम करने वाली लड़की रहती थी जो चंपा की अछी
सहेली थी
चंपा ने उसे बोला के आज उसकी तबीयत ठीक नही है ,आज उसके घरो का काम वो कर
ले ये बात बोल कर चंपा वापस आई और घर का काम करने लगी.
...
पोलीस थाने मे राणे कुर्सी पर बैठा किसी का इंतेज़ार कर रहा था थोड़ी देर
बाद वो आदमी आया
प्राइवेट डिटेक्टिव: जै हिंद सर
राणे: आओ यार तुम्हारा फोन जब से आया है ,तुम्हारी राह देख रहा हू. क्या
लाए हो मेरे लिए
डिटेक्टिव ने दो काग़ज़ और कुछ फोटोस राणे को दिए
राणे: का बात यार तुम तो बहुत तेज हो यार का खाते हो , एक फाइल टेबल से
निकाली अरे ज़रा एई के बारे मे भी पता करो .
राणे: हम को एई का पूरा जनम कुंडली चाहिए ,जब से एई पैदा हुए है .
डिटेक्टिव: सर काम हो जाएगा .
राणे: बाबू राम अरे भाई यहा प्राइवेट बात हो रही है तुम लोग ज़रा बाहर जाओ.
सारे हवलदार पोलीस स्टेशन के बाहर आ कर खड़े हो गये.
राणे ने अपनी जेब से 5000रुपये निकाले और उस डिटेक्टिव को दिए .
डीटेक्टिव: अरे नही सर ,आप से कभी नही
राणे: अरे भैया तुम का सोचत हो एई हम किस लिए दे रहे है ,हम का तुम को
रिश्वत दे रहे है ,हम जानते है जिस लाइन मे तुम हो उहा पैसा खर्च होता है
एई तुम्हारे काम का इनाम है .
डिटेक्टिव: नही सर आप के नीचे ट्रैनिंग ली है ,आप से नही ले पाउन्गा ,सब
कुछ आपका ही सिखाया हुआ है.
राणे: अरे भाई एई हम नही दे रहे समझे ,एई तुहार काम का पैसा है ,रख लो
डिटेक्टिव ने राणे के हाथ से पैसे लिए और अपनी जेब मे डाल लिए.
डिटेक्टिव: सर आज तक आपको ऐसे किसी केस के लिए बेचैन होते नही देखा.
राणे : अरे भैया एई केस ने तो जान आफ़त मे डाल रखी है साला एक महीने मे
हमारे इलाक़े मे 4खून हो गये यार साला हमारा डैमोशन होने का चान्सस है .
डेटेटिव: सर आपको क्या लगता है जो आप सोच रहे है ,क्या वो सही है.
राणे: अरे यार हम का सोचत एई तो हम को भी नही पता ,साला कमिशनर बार बार फोन
कर के परेशान कर रहा है.
डीटेक्टिव: सर क्या ये केस उल्टा नही है
राणे: अरे केस उल्टा नही है ,हम पहले उल्टा सोचे अब उल्टे को सीधा करने का
टाइम है भाई
डीटेक्टिव: ओके सर मे चलता हू आप का काम जल्दी कर के आप को कॉल कर दूँगा.
राणे: सुनो पूरा जनम कुंडली चाहिए ,समझे एक भी पन्ना बाकी ना रह पाए नही तो
हमार डैमोशन और ट्रान्स्फर पक्का समझे का.
डीटेक्टिव: ओके सर समझ गया पूरी हिस्टरी दूँगा.
राणे: ओर जाते -2 ऊ बाहर चाइ वाले को चाइ बोल देना ससुरा का पता कल को
डैमोशन के बाद चाइ भी ना मिले.
डीटेक्टिव पोलीस स्टेशन से बाहर हुआ,सारे हवलदार अंदर आगाए,
राणे: बाबू राम का करत हो भैया .
हवलदार: कुछ नही सर.
राणे: अरे तो कुछ करो ना ,ज़रा देखो उओ फोरेन्सिक रिपोर्ट का क्या हुआ जो
उस घर मा चोरी हुआ था.
हवलदार थोड़ी देर बाद हाथ मे फोरेन्सिक रिपोर्ट ले कर पोलीस स्टेशन मे
घुसा,राणे के हाथ मे रिपोर्ट दी
राणे ने रिपोर्ट हाथ मे ली और पन्ने पलट ने लगा .
राणे: बाबू राम तुम एक ही बार दो ग़लती किए हो का.
हवलदार: हां सर किया हू.
राणे: का किए हो भाई.
हवलदार: सर मेने दो शादिया की है.
राणे: ह्म्*म्म. बाबू राम तुम पोलीस मे का कर रहे हो.
हवलदार: देश की सेवा सर.
राणे: बाबू राम एई सेवा नही मेवा है ,तीसरी भी कर लो ,तुहार और भला हो जाए
समझे का ,चलो अब निकालो गाड़ी थोड़ा घूम के आते हैं.
राणे गाड़ी मे बैठ कर सीधा दीपक के घर के बाहर रुका ,दरवाज़े की बेल
बजाई,इंदु ने दरवाज़ा खोला.
राणे: जिस रूम मे चोरी हुआ है ,उसका एक बार और छान बीन करना है हमे .
ये सुनते ही इंदु दरवाज़े से हटी राणे सीडिया चढ़ते हुए उपर कमरे मे पहुचा
सामने अलमारी के पास गया पूरे कमरे मे नज़र घुमाई,इधर उधर घूमने लगा नीचे
बेड के पास उसे कुछ गिरा नज़र आया,जो कुछ भी था राणे ने झट से उस चीज़ को
उठाया और अपनी जेब मे डाल लिया.
राणे ने बाहर खड़ी इंदु को आवाज़ दी) इंदु जी ज़रा एई अलमारी का दरवाज़ा तो
खोलिए हम चोर नही है.
ये सुनते ही इंदु ने चाबी लगा कर दरवाज़ा खोला
राणे ने पूरी अलमारी को गौर से देखा कोई निशान नही था , अलमारी मे कुछ फोटो
आलबम्स पड़ी थी.
राणे: इंदु जी चाइ पीला दीजिए बहुत दिन हुए आछे दूध का चाइ पिए.
इंदु नीचे किचन की तरफ हुई राणे ने आल्बम उठाई और देखने लगा ,सब घर के लोगो
की पिक्चर्स थी ,सब आल्बम देखने के बाद राणे नीचे आया ,उसके चेहरे पर कुछ
ऐसा भाव था के जैसे उसे कुछ समझ नही आया.
राणे: इंदु जी आप के घर मा कोई नौकरानी नही है का इतना बड़ा घर है
इंदु: है पर आज उसकी तबीयत ठीक नही है,वो नही आई ,दूसरी आई थी वो काम करके
जा चुकी है
राणे: आप का एई जो केस है ना वो बहुत उलझा हुआ है ,हमारा तो नौकरी पे बन
आया है
इंदु: आप क्या कहना चाहते है.
राणे: कुछ नही बस, एई जो चोर था बहुत चालू था.
इंदु: मतलब आप उसको पकड़ नही पाएँगे.
राणे: कुछ कह नही सकते ,आप चाइ बहुत आछा बनाते हो हम चलते है अगर आपका
ज़रूरत हुआ तो आप को थाने आना पड़ेगा.
इंदु: हां आप मुझे बुला लीजिएगा जब आप चाहे.
राणे उठा और दरवाज़े की तरफ को हुआ गाड़ी मे बैठा और थाने की तरफ हुआ
चंपा अपने घर का काम कर रही थी ,दीपक की हल्की सी आवाज़ हुई ,चंपा भागते
हुए उसके पास गयी
चंपा: आप लेटे रहो उठो मत
दीपक ने कुछ बोलने की कोशिश की पर उसके मूह से बॅस थुक्क निकली वो बोल नही
पा रहा था साँस लेते हुए भी उसे दर्द हो रहा था
चंपा समझ रही थी के दीपक को बहुत दर्द हो रहा था . वाहा से उठी और रसोई की
तरफ गयी ,एक प्लेट मे दलिया ले कर आई ,दीपक को खिलाने लगी ,दीपक जब मूह
खोलता या दलिया खाने की कोशिश करता दर्द की आहें निकल जाती,खाना ख़तम होने
के बाद ,चंपा ने दीपक को दवाई पिलाई
चंपा: उपर वाला भी चाहता है के आप उन लोगो को सज़ा दे , रात को आप की हालत
मुझ से देखी नही जा रही थी ,अगर मा जी पता चला तो
दीपक ने चंपा का हाथ पकड़ लिया और ना मे सिर हिलाया
चंपा: मैं नही बताउन्गी आप चिंता ना करे
दीपक ने सिर हिलाया और चंपा को अपने पास बुलाया चंपा अपना कान दीपक के पास
ले कर गयी
दीपक: मुझे या हा से निकालो पुलिस आ सक्त्ति है
चंपा: साहेब जी यहा कोई नही आएगा आप चिंता ना करे .दीपक ने फिर इशारा करके
चंपा को समझाया उसका यहा रहना ख़तरे से खाली नही है , चंपा भी ये समझती थी
,दरवाज़े पे दस्तक हुई चंदू अंदर आया
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