RE: Sex Hindi Kahani जीजू रहने दो ना
तभी कामना की निगाह मुझ पर पड़ी… उसने शर्माते हुए नजरे नीचे कर ली और मुझसे बोली “जीजू, आप बहुत गन्दे हो, क्या देख रहे हो जाओ यहाँ से, आपको शर्म नहीं आती मुझे ऐसे देख रहे हो।”
मैंने जवाब दिया, “मुझे शर्म नहीं और प्यार आ रहा है तुमने तो चरमसुख पा लिया पर मैं अभी भी अधूरा तड़प रहा हूँ।”
कामना हा..हा..हा…हा.. करके हंसती हुई बोली, “आप जानो ! मैं क्या करूं?”
और पानी का मग उठाकर योनि के ऊपर के जंगल की धुलाई करने लगी। मैंने उसका एक हाथ पकड़कर अपने उत्थित लिंग पर रख दिया। कामना वहीं बैठकर मेरा लिंग प्यार से सहलाने लगी तो मैंने कामना को फर्श से उठने को कहा और टायलेट में लगी वैस्टर्न स्टाइल की सीट पर बैठने को कहा।
योनि साफ करने के बाद कामना टायलेट की सीट पर बैठ गई और मेरे लिंग से खेलने लगी। वो बार बार अपनी जीभ निकालती लिंग के अग्रभाग तो हल्के से चाटती और तुरन्त जीभ अन्दर कर लेती जैसे मेरे लिंग को चिढ़ा रही हो। उसके इस खेल में मुझे बहुत मजा आ रहा था। कुछ पलों में ही मुझे लिंग से बाढ़ आने का आभास होने लगा। मैंने लिंग को पकड़कर कामना के मुँह में ठेलने का प्रयास किया पर उसने मुँह बंद कर लिया।
मेरे पास अब सोचने का समय नहीं था। किसी भी क्षण मेरा शेर वीरगति को प्राप्त हो सकता था, मैंने आगे बढ़कर अपना लिंग उसके स्तंनों के बीच की घाटी में लगा दिया।
मैं दोनों हाथों से कामना के स्तनों को पकड़कर लिंग पर दबाव बनाने लगा, असीम आनन्द की प्राप्ति हो रही थी, वो घाटी जिसमें से कभी मेरे सपनों के अरमान बह जाते थे। आज लिंग का प्रसाद बहने वाला था। अभी मैं उस आनन्द की कल्पना ही कर रहा था कि लिंग मुख से एक पिचकारी निकली जो सीधी उसके गले पर टकराई और फिर धीरे धीरे छोटी छोटी 3-4 पिचकारियों और निकली जिसके साथ कामना के दोनों स्तनों पर मेरी मलाई फैल गई।
अब मेरा शेर कामना के सामने ढेर हो चुका था, मैंने कामना से कहा, “तुमको मलाई बहुत पसन्द है ना ! खाओगी क्या?”
वो सिर्फ मुस्कुरा कर रह गई।
मैं पीछे मुड़कर लिंग धोने लगा तभी उसने सीट से खड़े होकर शावर चला दिया। हम दोनों के बदन इतने गरम थे कि लग रहा था शावर का पानी भाप बनकर उड़ जायेगा। मैंने पानी से कामना के दोनों स्तनों को साफ किया, और अपनी बात कामना के सामने रखी…”यार तुम इतनी सुन्दर हो, ऐसे लगता है जैसे साक्षात् अप्सरा धरती पर आ गई हो, पर नीचे देखो बालों का कैसे झुरमुट पैदा कर रखा है तुमको अपनी सफाई का ध्यान रखना चाहिए।”
कामना बोली, “मुझे नहीं पता था कि आप मेरे साथ ये सब करने वाले हो, और बहुत दिनों से समय नहीं मिला सफाई का घर जाकर करूंगी अब।”
मैंने कहा, “तुम रूको मैं अभी अपनी शेविंग किट लाता हूँ और सफाई कर देता हूँ।”
वो शर्माते हुए बोली, “जो कर चुके हो वो कम है क्या जीजा जी?”
तब तक मेरी शेविंग किट मेरे हाथों में आ चुकी थी। मैंने शेविंग क्रीम, ब्रश और रेजर निकाला, तथा कामना को फिर से वैर्स्टन स्टाइल वाली सीट पर बैठने को कहा। थोड़ा सा ना-नुकुर करने के बाद कामना सीट पर बैठ गई। वो पहले ही भीगी हुई थी इसीलिये क्रीम लगाने में समय नहीं लगा। मैं तेजी से क्रीम लगाकर झाग पैदा करने लगा। कामना फिर से सीईईई…सीईईई…की आवाज निकाल रही थी।
मैंने पूछा, “कुछ परेशानी है क्या?”
“बहुत गुदगुदी हो रही है…” कामना बोली।
मैंने देखा कि वो आंख बंद करके बैठी उस प्रक्रिया का पूरा आनन्द ले रही थी। मैंने उसको बता दिया कि अब हिलना बिल्कुल नहीं है नहीं तो रेजर से कट सकता है। इसी के साथ रेजर से जंगल की सफाई शुरू कर दी। मुश्किल से 1 मिनट बाद ही वो घना जंगल, सफाचट मैदान में बदल गया। जिसके बिल्कुल बीच से एक बिल्कुल पतली सुरंग का रास्ता जा रहा था। अब वो सुरंग इतनी सुन्दर लग रही थी कि देखकर ही लिंगदेव फिर से मुँह उठाने लगे।
मैंने कामना की योनि को पानी से अच्छी तरह धोकर तौलिये से पौंछा और समय न गंवाते हुए उसको गोदी में उठाकर वापस कमरे में लाकर बिस्तर पर लिटा दिया।
अब वो अपने पूरे होश में आ चुकी थी और पुन: अपना पुराना राग आलापने लगी, कामना बोली, “जीजू अब और नहीं प्लीज ! अब जाने दीजिये।”
मैंने कहा, “यार इतनी मेहनत से जंगल साफ किया है कम से कम उसका मेहनताना तो दोगी ना।”
“अब नहीं !” बोलकर वो उठने लगी।
मैंने तय किया था कि किसी भी स्तर पर कामना के साथ जबरदस्ती नहीं करूंगा इसीलिये मैं तुरन्त पीछे हट गया, और बोल दिया “ठीक है अगर तुम नहीं चाहती तो जा सकती हो।”
बिस्तर पर लेटी-लेटी वो तिरछी नजरों से मुझे देखती रही, फिर बोली, “जीजू, आपसे एक बात पूछूं क्या?”
“हाँ पूछो।”
“आप इतने अच्छे क्यों हो?”
“क्यों अब मैंने क्या कर दिया?”
“मैं इस समय आपके सामने बिल्कुल नंगी लेटी हूँ, आप कुछ भी करते तो मैं मना नहीं कर पाती, पर आप मेरे एक बार मना करने पर ही पीछे हट गये।”
“देखो कामना, सैक्स प्यार का विषय है, सैक्स के बिना प्यार अधूरा है, और दो लोग जब सैक्स करते हैं तो वो उन दोनों को शारीरिक रूप से कम बल्कि मानसिक रूप से अधिक जोड़ता और संतुष्ट करता है, और आप जबरदस्ती से ना तो किसी का प्यार पा सकते हैं ना ही दे सकते हैं और ना ही किसी को जबरदस्ती संतुष्ट कर सकते हैं। इसीलिये जबरदस्ती का सैक्स मुझे पसन्द नहीं है।”
कामना मेरी बात को बहुत गौर से सुन रही थी, वो बोली, “इस समय अगर आपकी जगह और कोई भी होता और मैं उसके सामने ऐसे नंगी लेटी होती तो शायद मेरे लाख मना करने पर भी वो मेरी नहीं सुनता चाहे सहमति से चाहे जबरदस्ती पर वो मेरे साथ सबकुछ कर गुजरता।”
“सॉरी कामना पर मैं वैसा नहीं हूँ, तुम उठो, अपने कपड़े पहनो और जाकर सो जाओ।” बोलकर मैं बराबर में पड़े हुए सोफे पर बैठ गया, और कामना को देखकर मुस्कुराने लगा।
कामना बिस्तर से उठी और बोली, “जीजा जी, इसीलिये तो मैं हमेशा से आपकी फैन हूँ। काश मेरी किस्मत में भी आप जैसा कोई होता।” बोलकर वो सोफे पर ही आ गई।
मैंने कहा, “नहीं कामना, अब तुम जाओ।”
पर कामना सोफे पर मेरे दोनों ओर अपने पैर फैलाकर मेरी ओर मुँह करके मेरी गोदी में बैठ गई। मेरा लिंग फिर से उसकी योनि से टकराने लगा पर मैंने खुद पर कंट्रोल करते हुए उसको नीचे उतरने को कहा।
“जीजा जी, सच में दिमाग बोल रहा है कि मुझे चले जाना चाहिए, पर दिल साथ नहीं दे रहा मैं क्या करूं?” वो बोली।
“यह तो तुमको सोचना है।” मैंने कहा।
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