RE: Sex Hindi Kahani चुदक्कड़ घोड़ियाँ
एक 40 साल की अधेड़ औरत बिलकुल नंगी अपने सगे बेटे की गोद में चढ़ कर अपनी गांड चुदवा रही थी.
“उन्न्नन्ह्ह्हह्ह्ह्ह..............आःह्ह्ह ...ही ही ही ही” रम्भा को इस तरह अपने बेटे पर चड़ना बहुत गुदगुदा रहा था. वो गुदगुदी से खिलखिला रही थी और गांड ऊपर नीचे करने की कोशिश कर रही थी. रम्भा इस तरह चुदती हुई बेहद कामुक लग रही थी. काले लम्बे बाल खुले हुए और आँखों में काजल जो की थोड़ा फैल सा गया था. रम्भा काफ़ी नाटे कद की, सांवली सी एक बहुत ही गरम औरत है. वो मात्र 4 फुट 6 इंच की है. जबकि भोंदू पुरे 6 फुट लम्बा है. ऐसे में बिलकुल नंगी रम्भा भोंदू की गोद में बिलकुल बच्ची सी लग रही थी. भोंदू की ख़ुशी का ठिकाना न था. उसकी अपनी माँ बिलकुल नंगी होकर उसकी गोद में थी. भोंदू ने किसी बच्ची की तरह रम्भा को उठा रखा था. उसे मज़ा भी बहुत आ रहा था क्यूंकि उसका बुरी तरह तन्नाया हुआ लंड रम्भा की गांड में घुसा था.
“भोंदू ............ज़रा.....संभल के बेटा..........बस गिरा मत देना......चोट लग जाएगी तेरे लंड को भी और मेरी गांड को भी............उफ्फ्फ्फफ्फफ्फ्फ़ ........पूरा अंदर घुसेड़ रखा है तूने तो ........हाययय......कितना मोटा है.......उन्न्नन्न्न्न .......संभल.ललल्ललल ........के भोंदू..........गिर जाउंगी..........आआउन्न्च......उतार दे मुझे नीचे........लंड चुभ रहा है गांड में...........” भोंदू रम्भा को गोद में उठाये आगे की ओर चलने लगा तो लंड रम्भा की गांड में ठुमकी मारने लगा जिससे रम्भा मज़े से सीसक भी रही थी और डर भी रही थी कि कहीं भोंदू का लंड उसकी गांड में घाव न कर दे या उसके लंड को ही कहीं चोट न लग जाये क्यूंकि रम्भा का पूरा वज़न भोंदू के लंड पर टिका था और भोंदू का लंड मोटी लम्बी मूली सा उसकी नरम गुदाज़ नंगी गांड में काफ़ी गहराई तक घुसा हुआ था. पर जब भोंदू रम्भा को उठा कर चल रहा था तो वो नंगी कुतिया उसके लंड के ठुमको से बड़ी मचल भी रही थी. सच में मुझे उस समय तो नहीं पता था की रम्भा काकी को कैसा लग रहा होगा पर अब पता है कि कितना गुदगुदाने वाला अहसास होता है जब कोई तगड़ा लड़का आपको इस तरह नंगी हालत में गोद में उठा कर अपने मोटे लम्बे लंड पे बिठा के इस तरह टहलता है तो. लंड गांड में इधर उधर ठुमकता रहता है और गांड के अंदर ऐसी ऐसी जगह मीठी मीठी ठोकरें मारता है जहाँ लड़का मस्त चुदाई के वक़्त भी लंड की ठोकर नहीं मार पाता.
“भैया अब तुम गीता दीदी को चोदो ना........अब मम्मी की गांड कुछ देर मैं भी चोद लूं.”
“उईईईईईईईईईईईईईईईईईईई...........बड़ा मज़ा आ रहा है नंदू............अब ये अपनी मम्मी नहीं बल्कि अपनी रंडी है रंडी...........मेरी रंडी.......अपने भोंदू की रंडी, रांड............रम्भा रंडी............” भोंदू रम्भा को चोद चोद के पागल हो रहा था.
“भैया जुबान संभाल के बोलो.............” भोंदू के अपनी मम्मी को रंडी कहने पर नंदू को बुरा लगा.
“अबे नंदू.........इतनी गरम औरत एक रंडी ही हो सकती है. साले अभी तो तू मम्मी की गांड मारने के लिए कह रहा था और अब नाटक कर रहा है.”
“भैया गांड मारना अलग है पर गाली तो मत दो न” नंदू ने फिर कहा.
“कहने दे नंदू.........मुझे सही में एक रंडी जैसा ही मज़ा आ रहा है..............उन्न्ह्हह्ह्ह्ह..........आ.आ.आ.हिस्ता भोंदू............तेरा लंड गांड में दर्द कर रहा है.” रम्भा भोंदू की गोद में चढ़ी लंड पे फुदकती हुई बिलकुल मस्त हो रही थी.
“अच्छा दे लो भैया मम्मी को गाली पर अब उन्हें प्लीज नीचे उतारो............तुम 2 बजे से मम्मी की गांड चोद रहे हो........घड़ी में देखो......पूरा पौन घंटा हो गया तुम्हे चोदते हुए.” नंदू भी शायद रम्भा को चोदने के लिए बेताब था.
“यार तू गीता की गांड मार ले न.......वो भी तो मस्त घोड़ी है !” भोंदू रम्भा को चूमता हुआ लंड पे कूदा रहा था.
“दीदी की गांड बहुत टाइट है..... मैं कल भी जल्दी झड़ गया था आज मेरा जी भर कर गांड चोदने का मन है. मैं मरा जा रहा हूँ गांड चोदने के लिए भैया .............दो न ये रम्भा रंडी मुझे चोदने को.”
नंदू भी जोश में आकर रम्भा को रंडी कह रहा था. रम्भा बस मुस्कुरा दी.
“अरे नंदू..........एक काम कर तू मेरी गांड मार ले. भोंदू को जी भर कर रम्भा की गांड चोद लेने दे. देख किस कदर आनंद में डूबे हैं दोनों. आजा मेरे लाल.........बहुत दिनों से तूने मेरी गांड मारी भी नहीं है. आजा...........तेरे मुन्ना चाचा गीता को चोद लेंगे तब तक.” मम्मी ने नंदू के बेकरारी देख कर उसे अपनी गांड चोदने के लिए बोला. मैंने ग़ोर से देखा तो पता चला कि मुन्ना काका उनकी चूत चोद रहे थे.
“ठीक है......मालकिन जैसा आप कहो.........मैं तो बहुत सालों से आप की चूत और गांड चोदने का आनंद ले रहा हूँ. मैं समझ सकता हूँ इन जवान लड़कों की तमन्ना. मैं भी जब इनकी जितनी कम उम्र का था तो मेरा भी लड़कियों की बजाये औरतों को ही चोदने का दिल करता था. और जब औरत तुम्हारे जैसे हो मालकिन तो कोई भी खुद को उसकी गांड मारने से नहीं रोक पायेगा. पता नहीं साले हीरा ने क्यूँ नहीं चोदी तुम्हारी गांड...............उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़.” और मुन्ना काका ने तुरंत मम्मी की चूत से अपना लंड निकल लिया और झुक कर मम्मी के नंगे चौड़े चूतड़ चूमने और चाटने लगे.
“ओह्ह्ह्हह्ह मालकिन..........बड़े मीठे चूतड़ है आप के..........उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ ....पुन्न्च ... पुन्न्च ... पुन्न्च ... पुन्न्च ...” मुन्ना मम्मी के नंगे मुलायम चूतडों पे ताबड़तोड़ चुम्बन जड़ रहा था.
इतने में ही नंदू गीता को घोड़ी बना छोड़ के आ गया अपनी सुधिया काकी के पास. उसका लंड फनफना रहा था.
“हटो चाचा........अब मुझसे रुका नहीं जा रहा.............अब तो खूब जी भरकर गांड चोदुंगा सुधिया काकी की. चोदने दोगी ना काकी?” मुन्ना हट कर जैसे ही गीता के पास गया तो गीता दीदी थोड़ी कुनमुनाई........दरसल मुन्ना काका ने सीधे जाकर गीता दीदी की गांड चाटनी शुरू कर दी थी.
“ओह्ह्ह्हह्ह्ह्ह काका .......मेरी गांड क्यूँ चाट रहे हो?..............तुम मेरी गांड चोदोगे क्या?” दीदी शायद काका के मोटे लंड से डर रहीं थीं पर गांड चाटे जाने ने एकदम से गरमा भी गयीं थीं.
“कल ही तो इस नंदू ने कितनी बेरहमी से मेरी गांड मारी थी. मैं चीखती रही पर इस कमीने ने बिलकुल रहम नहीं किया मेरे पर काका. मेरी गांड का बाजा बजा के रख दिया था इसने............देखो ना कितना गन्दा लड़का है ये” दीदी ने इतरा के कहा.
“क्यूँ बे नंदू.........तूने बिलकुल रहम नहीं किया कल हमारी गीता बिटिया पर...........”
“वैसे गीता बिटिया ये तो आम कहावत है कि अगर मर्द औरत की गांड चोदे और उसका लंड गांड चोदते वक़्त अगर औरत की चीखें ना निकाल पाए तो औरत को भी गांड मरवाने में मज़ा नहीं आता.”
“सही कह रहे हो मुन्ना..............मुझे भी कसम से तब बड़ा मज़ा आता है जब तुम्हारा लंड बेरहमी से मेरी गांड मारता है. भले ही थोड़ा दर्द होता है पर मस्ती खूब आती है. तुम्हारा तो हमेशा मुझ पर ये अहसान रहेगा कि तुम ही वो शख्स हो जिसने मेरी पहली बार गांड मारी और मुझे इस बेहद कामुक और गुदगुदाने वाली चुदाई का मज़ा दिया. अब तो मेरी गांड जब तक दिन में कोई मस्त लंड कम से कम दो बार ना निगल ले साली ठुनकती ही रहती है. और ये कमीने भोंदू और नंदू तो बड़े ही बुरी तरह से मेरी गांड चोदते हैं.” मम्मी ने भी मुन्ना काका की हाँ में हाँ मिलायी.
“उईईईईईईईईईईईईईईईईईईई माँ..........कितना हरामी है तू नंदू..........चल हट.........कमीना कहीं का” मम्मी गुस्से में चिल्लाई. दरसल नंदू ने अपने लंड की ठोकर मम्मी की गांड में मार दी थी जिससे मम्मी को अपनी गुदा पे एक तेज़ टीस का अहसास हुआ. नंदू के लंड पे लगी गीता दीदी की चूत की चिकनाई सूख चुकी थी और मम्मी की गांड भी इकदम सूखी थी क्यूंकि मुन्ना काका मम्मी की चूत चोद रहे थे गांड नहीं. ऐसे में जैसे ही नंदू ने अपने मोटे लंड का सुपाड़ा मम्मी की गुदा में ज़ोर से धकेला तो चिकनाई न होने की वज़ह से लंड उस मोटी गांड में अंदर घुसने की बजाए गांड में बड़ी तेज़ी से चुभा जिससे मम्मी को दर्द हुआ. नंदू बड़ा गरम हो गया था और तुरंत अपने घोड़े जैसे लंड को मम्मी की मस्त कददू सी फूली गांड में घुसा देना चाहता था. उसने इतनी तेज़ धक्का मम्मी की गांड में मारा था की अगर मम्मी की गांड में ज़रा भी चिकनाई लगी होती तो उसका वो फनफनाता लंड मम्मी की नंगी गांड में पूरा जड़ तक घुस जाता.
“इतना बेकाबू क्यों हो रहा था तू............उईईईईईईईईईईईईईईईईईईई इतनी तेज़ ठोकर मार दी मेरी सूखी गांड में. जा जाकर पहले रसोई से मक्खन के टुकड़े ले के आ 7-8”
नंदू लगभग भागता हुआ रसोई में गया और अमूल बटर के कुछ टुकड़े जल्दी से उठा लाया. नंदू बुरी तरह उत्तेजित लग रहा था. भागते हुए उसका लंड बुरी तरह फुदक रहा था जिससे देख कर मम्मी बुदबुदाई “आज तो ये लड़का मेरी गांड फाड़ देगा.............लग रहा है बड़ा रुलाएगा कमीना आज”
“मालकिन आज तो नंदू सच में आपको मस्त कर देगा........देखो कितना फूल गया है उसका लंड आपकी गांड देख कर. आपको याद है जब आपने पहली बार मुझे अपनी गांड चोदने की इजाज़त दी थी तो मैं भी बस ऐसे ही पागल सा हो गया था. सच में मालकिन मैंने आज तक जितनी भी औरतों की गांड चोदी हैं मुझे तुम्हारी गांड सबसे मस्त लगी. सच में सुधिया मालकिन ऐसा लगता है जैसे लंड किसी गरम गुलाबजामुन में घुसेड़ दिया हो. झड़ने का तो मन ही नहीं करता बस उस नंगी कददू सी गांड को चोदते रहने का मन करता है.”...........मम्मी बस मुस्कुरा दी ये सुनकर और नंदू के सामने कुर्सी पर घोड़ी बन गयीं. अपने सामने एक मस्त नंगी औरत को घोड़ी बना देख वो मम्मी की गांड सहलाने लगा और उनकी मुलायम गुदा को ऊँगली से कुरेदने लगा. गुदा पे ऊँगली लगते ही मम्मी सीसक पड़ी.
“नंदू.........उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ जल्दी से गांड में मक्खन भर दे और चोद दाल मेरी गांड.............अरे मुन्ना तुम भी गीता को यहीं ले आओ. मेरे पास वाली कुर्सी पर ही उसे घोड़ी बना के चोदो.” मम्मी नंदू से गांड चुदवाने के लिए तड़प सी रहीं थीं.
“हुन्न्न्न........... ये हुई ना बात......चल नंदू आज इन माँ बेटियों को एक साथ घोड़ी बना के चोदते हैं. भोंदू तो लगता है कि अब रम्भा को किसी और को चोदने नहीं देगा. देख कैसे पागलो की तरह अपनी माँ को उछाल उछाल के चोद रहा है” मुन्ना काका काफ़ी उत्तेजित दिख रहे थे.
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