RE: Sex kamukta पिकनिक का प्रोग्राम
फिर किसीने किस किया। मैंने कहा- “जेबा…” फिर सही था।
फिर किसी ने किस किया। अब इसकी खुशबू और प्यारे अंदाज से मैंने कह दिया- “यह पिरी है…”
जीनत ने कहा- “तुम बिल्कुल सही बोले… अब तुम हमारे दूध यानी छाती को अपने हाथों से मसलोगे और बोलोगे किसका है। कंधा या चेहरे को नहीं छुओगे…”
किसी ने मेरे हाथ को अपनी छाती पर रखा। मैं सहलाने लगा और कह दिया- “पिरी है…” सही…
फिर कोई आया और मेरे हाथों को छाती पर रखा। मैंने कहा- “पिरी है…”
इस बार मैं गलत था, वो जीनत थी।
जीनत ने कहा- कितनी बार और मसलने से जानोगे।
फिर कोई आई। मैंने छातियों को मसलकर कहा- “पिरी है…” इस बार मैं सही था।
फिर कोई आई। मैंने इस बार कहा- “जीनत…” इस बार मैं सही था।
फिर कोई आई। मैंने कहा- “जेबा…” इस बार भी मैं सही था।
जीनत बोली- अब तुम सिर्फ़ हमारे चूचुकों को चूसोगे और कहोगे की किसका है हाथ नहीं लगाओगे… ठीक है…”
मैंने कहा- “हाँ ठीक है…”
फिर किसी ने मेरे होंठ पर अपने चूचुकों को रगड़ा तो मैंने उसे होंठ से पकड़ लिया। अब मेरे लिए मुश्किल था मैं चूसता रहा फिर बोला- “दूसरा दो…” उसने दूसरा दिया तो मैंने कहा- “जेबा…”
लेकिन वो जीनत थी। गलत…
फिर किसी ने चूचुकों को दिया। मैंने कहा- “जीनत…” अब भी गलत, वो जेबा थी।
फिर किसी ने दिया। उसके बदन की खुशबू मुझे बहुत पसंद थी। मैंने कहा- “पिरी…” जो सही था।
अब जीनत ने कहा- अब हम तुम्हारे हथियार को अपने मुट्ठी में लेंगे और तुम बताओगे किसका हाथ है।
फिर मेरे लण्ड को कोई मुट्ठी में लेकर सहलाने लगा। ऊपर से सहलाते हुए अंडों तक आती और वहाँ दबा देती। जब दो बार ऐसा ही हुआ तो मैं समझ गया यह पिरी है। मैंने कहा- “पिरी…”
फिर कोई आई और सहलाने लगी तो उसके कांपते हाथ से मैं समझ गया की वो जेबा है। मैंने कहा- “जेबा…” सही निकला।
फिर किसी ने सहलाया और उसके बेतकल्लुफ अंदाज से मैं समझ गया की वो जीनत है। और वो भी सही था।
अब वो बोली- “इमरान तुम चित होकर लेट जाओ, हम तुम्हारा डंडा चूसेंगे और तुम बताओगे कौन है…”
पहले किसी ने चूसना शुरू किया। चूसने के अंदाज में अनाड़ीपन था मैंने फौरन कहा- “जेबा…”
फिर किसी ने चूसा उसके अंदाज में जाना पहचाना प्यरापन था। मैंने कह दिया- “पिरी…”
फिर जेबा को भेजा गया। मैंने कहा- “जीनत…” जो गलत था।
फिर कोई आया। मैंने कहा- “पिरी…” वो जीनत थी।
जीनत बोली- “अब तुम हमारी चूत चाटोगे और बताओगे की कौन है…”
एक ने चूत मुँह में रखा तो मैंने तुक्का मारा- “जेबा…” जो सही लग गया।
फिर किसी ने चूत दिया तो मैंने बड़ी आसानी से कह दिया- “पिरी है…”
फिर मैंने कहा- “जीनत…” लेकिन वो जेबा थी।
फिर जीनत आई। मैंने ठीक बता दिया।
जीनत ने कहा- “अब तुम्हारा लण्ड भी तैयार है और हमारी बुर भी। अब हम तुम्हारे लण्ड की सवारी करेंगे, और तुम बताओगे की किसने अपनी बुर में लण्ड लिया है…”
फिर कोई आई लण्ड की सवारी करने लगी और अंडों के पास जाकर बुर को कस लिया। फिर ऊपर किया और टट्टों के पास जाकर कस लिया। मैं इशारा समझ गया। मैंने कह दिया- “पिरी है…”
फिर कोई आई लण्ड की सवारी करने लगी। मैंने कहा- “जेबा…” जो ठीक निकला।
फिर कोई आई और लण्ड पर सवार होते ही दे दनादन… मैंने कहा- “जीनत…”
जीनत बोली- “मेरी चूत को ठीक पहचानते हो…”
जेबा ने कहा- “आज अगर सोनम और कोमल भी होती तो कितना मजा आता…”
जीनत बोली- “मैं तैयार हूँ… तू पिरी से पूछ, अगर वो चाहेगी तो फिर कल भी यह खेल खेला जा सकता है। कल भी मेरे अम्मी पापा नहीं रहेंगे…”
पिरी बोली- मुझे भी आज का यह खेल बड़ा अच्छा लगा। लेकिन रोज इमरान को अकेले चार पाँच लड़कियों को चोदना, क्या उसे तकलीफ नहीं होगी…”
जीनत- “तो ठीक है किसी और लड़के को बुला लेंगे। लड़कों की कमी है क्या…”
पिरी बोली- “खबरदार… जो किसी दूसरे लड़के को बताया भी। मैं तेरा खून कर दूँगी। सब लड़के इमरान के जैसे नहीं होते। जरा सा अगर कंधे से धक्का लगेगा तो बढ़ा चढ़ाकर दोस्तों को बताते फिरते हैं की मैंने धक्का मारा। मुझे किसी पर बिल्कुल भरोसा नहीं। कितनी बदनामी होगी जानती भी है…”
जीनत बैठकर चूत में लण्ड अंदर-बाहर करती रही।
तो पिरी ने कहा- “चोदती ही रहेगी क्या…”
जीनत ने कहा- तुम दोनों ने तो चुदवा लिया दिल भरके अब मेरी बारी है।
पिरी बोली- तू तो कहती थी की अपना हिस्सा जेबा को देगी।
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