Sex kamukta पिकनिक का प्रोग्राम
06-27-2017, 11:36 AM,
#1
Sex kamukta पिकनिक का प्रोग्राम
पिकनिक का प्रोग्राम 

मेरा नाम इमरान है। एक बार ट्यूशन में पिकनिक का प्रोग्राम बना। हमारे ट्यूशन में दो लड़के, पांच लड़कियां थीं, और मेडम। उनमें से ठीक पिकनिक के एक दिन पहले एक भाई और एक बहन ने ना जाने का बता दिया। क्योंकी उनके अब्बू की तबीयत खराब हो गयी थी। अब 4 लड़कियां और मैं और मेडम। पिकनिक का प्रोग्राम कैंसिल भी नहीं किया जा सकता था, सारी तैयारी हो चुकी थी। समुंदर किनारे का जाना था, शहर से 10 किलोमीटर के फासले पर। हम सब तैयार होकर बस स्टैंड तक पहुँचे।

बस में बैठे तो एक सीट पर मेडम और दो लड़कियां बैठ गयीं। मेरे साथ दो लड़कियां बैठी, खिड़की के लिए दोनों में झगड़ा हुआ। एक खिड़की के पास बैठी। दूसरी उससे नाराज थी, इसलिए मुझे बीच में बिठाया और खुद रोड साइड पे बैठ गयी। अब दोनों मुझसे उमर में बड़ी थीं। शायद क्लास में कई-कई बार फेल होकर आगे आई थी। हम 10वीं में थे। मेरी उमर जब की *** साल थी तो वो 18-19 साल की होंगी। भरपूर जवान बदन, चौड़े चूतड़ बड़ी-बड़ी छातियों के बीच, मैं दबकर रह गया।

दोनों की छातियां मेरे दोनों कंधों से सटी हुई थीं। मुझे कहने की जरूरत नहीं की मुझे बड़ा मजा आ रहा था। मेरा लण्ड खड़ा होने लगा था। मैं जानबूझ कर उनकी छातियों पर दबाओ डाल रहा था, कभी एक तो कभी दूसरी के। मेरा चेहरा बड़ा ही भोला मासूम सा था, ऐसा सभी कहते थे। इस तरह मंजिल आ गई। हम बस से उतरे और सामान उठाने लगे। मेरे जिम्मे लकड़ी का गट्ठर और एक बाल्टी आई। मैं लकड़ी कंधे पे और एक हाथ में बाल्टी लेकर चलने लगा। मेरा लण्ड खड़ा था पैंट में जरा साइड हो गया था। जिससे उसका उभार साफ दिख रहा था। मुझे अहसास नहीं था।

तभी एक लड़की जीनत की निगाह उसपर पड़ गयी। उसने अपने मुँह में एक हाथ रख लिया और दौड़कर आगे गयी। और दूसरी लड़की सोमन को बताया और उसने भी मुड़कर देखा, तब मुझे एहसास हुआ। मैंने फौरन हाथ से बाल्टी को नीचे रखा और लण्ड को अड्जस्ट करने लगा। उन दोनों को हँसता देखकर पीछे मेडम के साथ चलने वाली लड़की पिरी और कोमल उनके पास पहुँची और उनसे पूछने लगीं। फिर सब मुड़-मुड़कर मुझे देखने लगीं, और हँसने लगीं। उनमें पिरी सबसे गोरी और उसकी चूचियां सबसे बड़ी थीं। मुझे उसकी चूचियां देखने में बड़ा मजा आता था।

उसके बाद जीनत हसीन थी। उसकी भी चूचियां पिरी के ही सामान बड़ी थीं। लेकिन वो उतनी गोरी नहीं थी। हम चलते-चलते समुंदर के किनारे झाड़ियों के अंदर गये। मेडम ने कहा की लड़कियां हैं, कपड़े वगैरह बदलने के लिए एकांत चाहिए। लोगों की भीड़ से जरा दूर ही डेरा जमाना है। फिर हमें एक बढ़िया जगह मिल गयी। आज भीड़ बहुत कम थी। चारों तरफ झाड़ियां थी, बीच में थोड़ा साफ जगह थी। शायद यहाँ हाल ही में किसी ने सफाई करके पिकनिक की होगी।
हमने वहीं जमने का फासला किया। फिर मैं पेशाब करने चला गया। जब पेशाब कर रहा था तो मुझे झाड़ी के पीछे से कुछ खुसुर फुसुर की आवाज आई। मैं डर गया, मैंने समझा कोई जानवर तो नहीं। मैंने जितनी जल्दी पेशाब करने की कोशिश की उतना ही पेशाब निकलता रहा। मैं लौटा तो मेरे पीछे-पीछे जीनत और सोनम भी झाड़ी के पीछे से निकलकर आई। मैं समझ गया की यही दोनों थीं।

मेरे नजदीक आकर जीनत बोली- “तुम बैठकर पेशाब नहीं करते…”

मैंने कहा- “तुमने देखा क्या…”

उसने कहा- “और नहीं तो क्या…”

मैंने पूछा- “तुम वहाँ क्यों गयी थी…”

उसने कहा- “अरे वो हमें नहीं लगती क्या… तुम्हारी अम्मी को बोल दूँगी की मुसलमान होकर खड़ा-खड़ा पेशाब करता है…”

“यह बात ठीक नहीं, पिकनिक की बात घर तक नहीं जानी चाहिए…” मैंने कहा।

हमारी बहस को सुनकर मेडम पूछी- क्या हुआ।

मैंने कहा- मेडम, मैं खड़ा होकर पेशाब कर रहा था। जीनत बोल रही है अम्मी को बोल देगी।

मेडम ने सबको बुलाया की इधर आओ, पिरी, कोमल, सोनम, जीनत और हम सब उनके सामने खड़े थे। उन्होंने कहा- “सब कान खोलकर सुन लो, यहाँ तुम पिकनिक में मस्ती करने आए हो, जो चाहो करो। यहाँ की बात यहीं छोड़कर जाना। घर तक कोई बात नहीं पहुँचनी चाहिए। बोलो मंजूर है तो पिकनिक करो वरना अभी वापस चलो। मुझे कोई लफड़ा नहीं चाहिए…”

सबने कहा- ठीक है मेडम। जीनत ने भी कहा।

फिर मेडम के कहने पर उसने मुझसे सारी कहा। फिर अपनी चुलबुली अंदाज में मुझे कमर में गुदगुदी करते हुए कहा- इमरान जरा हँस ना।

मैंने भी उसकी कमर पे गुदगुदी कर दी। वो नीचे रेत में लोटपोट होने लगी, मैं उसे गुदगुदाने के लिए नीचे बैठा और उसे गुदगुदाने के लिए हाथ बढ़ाया तो वो घूम गयी। ऐसे की मेरे हाथ ने उसकी चूचियां को पकड़ लिया, यह सबने देखा। और सबके मुँह खुले के खुले रह गये। मैंने हड़बड़ा कर हाथ हटा लिया। मैंने सबसे कहा की मैंने जानबूझ कर नहीं किया।

“हम तुम्हें बड़ा शरीफ समझते थे, तुम क्या निकले…” जीनत ने पूरी ड्रामेबाज की तरह कहा- “अब दूसरा भी दबा दो वरना छोटा बड़ा हो जाएगा…”

हमारे यहाँ एक कहावत है- “एक हाथ या एक कान कोई छू दे तो वो दुख़ता रहेगा। या फूल जाएगा जब तक वोही आदमी दूसरा हाथ या कान ना छू दे तो…”

मेरी हिम्मत नहीं हुई की दूसरा दबाऊँ। अब जीनत खड़ी हो गयी। मैं भी खड़ा हो गया लेकिन अब भी जीनत की निगाह मेरे लण्ड के उभार पर थी। और वो बार-बार इसके बारे में दूसरी लड़कियों से बात कर रही थी, और खिलखिला रही थी। फिर हम खेलने लगे। मुझको पोलिस बनाया गया। मुझसे 10 कदम की दूरी पर चारों लड़कियां खड़ी थी। जैसे ही “जाओ” कहा जाना था मुझे दौड़ाकर उनमें से किसी एक को पकड़ना था।

“जाओ” बोला गया। मैं उनको दौड़ाने लगा, मेरी टारगेट थी पिरी, सबसे गोरी, सबसे भारी बदन वाली। दौड़ते हुए मैंने उसे कमर के पीछे से पकड़ा वो लड़खड़ा कर गिरी।

क्योंकी रेत पे दौड़ना आसान नहीं था, और गिरने में कोई हर्ज नहीं था। मैं उसके ऊपर गिरा मेरे दोनों हाथों में उसकी दोनों चूचियां थी, और मेरा लण्ड उसकी गाण्ड पे था। कुछ ही सेकेंड में हम खड़े हो गये, लेकिन मेरे लण्ड को बड़ा मजा आया।

फिर पिरी हमें दौड़ाने लगी। उसने जीनत को पकड़ा। जीनत भी भारी बदन की थी वो भी तेज दौड़ नहीं पा रही थी। जीनत ने दौड़ाना शुरू किया, उसका टारगेट मैं था। उसने सबको छोड़कर मुझे दौड़ाना शुरू किया। मैं समझ गया। मैंने भी ज्यादा परेशान ना करके उसे पकड़ने दिया।

उसने भी मुझे पीछे से पकड़ा लेकिन, उसका हाथ ठीक मेरे लण्ड पर था। उसने कपड़े के ऊपर से उसे पकड़ रखा था। मैं गिर गया वो मेरे ऊपर गिरी, और हाँफने लगी। वो दिखा ऐसे रही थी की उसने मेरे लण्ड को जानबूझ कर नहीं पकड़ा। लेकिन मुझे लग रहा था की वो मेरे लण्ड की लंबाई और मोटाई नाप रही है। हम जब उठे तो वो दौड़कर दूसरी लड़कियों के पास गयी।

वो इशारे से मेरे लण्ड की लंबाई और मोटाई बताने लगी।

पिरी उसे डाँट रही थी- तू बिल्कुल बेशरम हो गयी है।

जीनत ने कहा- सिर्फ़ आज के दिन जरा बेशरमी कर लेने दे ना यार।

बाकी दोनों मजा ले रही थी। और हैरत कर रही थीं। फिर मैं दौड़ाने लगा, सोचा सबको एक-एक बार पकड़ूं। इस बार मैंने कोमल को निशाना बनाया, वो काफी तेज थी। मैं उसे दौड़ाते हुए काफी दूर ले गया और उसे दबोच लिया। वो भी मेरे साथ रेत पर गिरी। मैंने उसकी चूचियां पकड़ रखी थी।

वो हँस रही थी, फिर बोली- उठो ना।

मैं उठ गया। वो सीधी होकर लेट गयी और इशारे से मुझे अपने ऊपर चढ़ने को कहा। मैं उसके ऊपर लेट गया उसने जल्दी से मेरे गाल पे किस कर दिया, और एक हाथ से मेरे लण्ड को टटोलने लगी। उतने में बाकी लड़कियां भी पहुँच गयीं।
और जीनत ने कहा- “हाय क्या सीन है…”

कोमल ने कहा- “खाली क्या तू ही मजा लेगी। प्राइवेट माल है क्या…”

मैं हैरत में पड़ गया। सोचने लगा- “यार लड़किया भी लड़कों को माल कहती हैं क्या…”

जीनत ने बिल्कुल बेशरमी की हद कर दी। बोली- मजा लेना है तो कपड़े उतार के ले ना। हाहाहा…”

सब हँसने लगीं। कोमल और मैं खड़े हो गये। मेरा लण्ड अब पूरी तरह खड़ा था, पैंट से साफ दिख रहा था।

पिरी बोली- सब तो दिख रहा है पैंट पहनने का फायदा क्या है। निकाल भी दो।

मैं नाराज होने का नाटक करने लगा और दूसरी तरफ देखने लगा।

पिरी दौड़कर मुझसे पीछे से लिपट गयी, और कहने लगी- “बुरा मान गये…”

मैंने रोनी सी सूरत बनाकर कहा- “मेरा बड़ा है तो मैं क्या करूँ… जिसने बनाया है उसको बोलो। अभी मैं मेडम के पास नहीं जाऊँगा…”

पिरी ने कहा- पेशाब कर लो।

जीनत ने कहा- पेशाब करने से नहीं होगा मुट्ठी मारनी पड़ेगी हाहाहा…

सोनम बोली- यार तुझे क्या-क्या नहीं मालूम।

जीनत ने कहा- मैंने एक किताब में पढ़ा है। लड़के मुट्ठी मारते हैं।

मैं जाकर उससे पीछे से लिपट गया और कहा- बता किताब में क्या लिखा है, मुट्ठी कैसे मरते हैं।

जीनत ने हाथ से इशारा करके बताया ऐसे। फिर मुझसे कहा- तू ने तो जैसे कभी मारा नहीं होगा।

मैं शर्मा कर रह गया। फिर खेल शुरू हुआ। अब सोनम पकड़ी गयी। उसने भी मुझे ही टारगेट बनाया।

मैं उसे दौड़ाते हुए काफी दूर ले गया। वो मुझे एक झाड़ी के पीछे ले गयी और मेरे लण्ड को सहलाते हुए कहा- “दिखाओ ना…”

मुझे समझ में नहीं आ रहा था क्या करूँ। किसी लड़की को पहले कभी दिखाया नहीं था। मेरी शरम अभी टूटी नहीं थी। मैं वर्जिन था।

सोनम ने कहा- “जल्दी करो, नहीं तो वो लोग आ जाएंगे…” वो मेरे सामने घुटनों पर बैठ गयी। मेरे पैंट की चैन खोलकर अंदर हाथ डालकर लण्ड को पकड़ लिया और लण्ड को खींचकर बाहर निकाल लिया। उसके मुँह से निकला- “बाप रे… इतना लंबा और इतना मोटा…” और हाथ में लेकर सहलाने लगी, यानी मुट्ठी मारने लगी। वो जितना सहलाती लण्ड उतना तगड़ा और सख़्त होता गया।

मैं आँखें बंद करके सिसकारी भर रहा था। वो मूठ मारती गयी। कब बाकी लड़कियां आ गईं हमें पता नहीं चला।

“वाह सोनम तू तो सबसे चालू निकली…” जीनत बोली।

सोनम शर्मा के बोली- “सबसे पहले मैंने छुआ है, ये मेरा है…” फिर बोली- “यार जीनत मैं कब से मुट्ठी मार रही हूँ। यह तो और सख़्त हो गया है। नरम कैसे होगा…”

जीनत बोली- “तू हट मुझे देखने दे। सब तुझे थोड़े बता दूँगी। तू मेरा ही ज्ञान मुझसे पहले आजमाने चली थी…” जीनत ने घुटनों के बल बैठकर लण्ड को मुँह में डाल लिया और चूसने लगी। बाकी लड़कियां खुले मुँह से देखने लगी।

“यार जीनत तू पहले यह सब कर चुकी है ना…” पिरी बोली।

जीनत के मुँह में मेरा लण्ड था, वो वैसे ही नहीं नहीं कहने लगी। कुछ देर चूसने के बाद उसने मुँह से लण्ड निकाला, मैं कराह रहा था।

पिरी बोली- “क्या हुआ… दर्द हो रहा है…”

मैंने कहा- “हाँ…”
Reply


Messages In This Thread
Sex kamukta पिकनिक का प्रोग्राम - by sexstories - 06-27-2017, 11:36 AM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,568,797 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 552,124 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,261,941 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 954,121 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,692,088 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,113,442 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 3,007,486 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,245,010 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,098,954 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 291,452 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 1 Guest(s)