RE: Sex Hindi Kahani रंगीन आवारगी
रंगीन आवारगी - 5
गतान्क से आगे...................
मेरा सारा बदन पसीना पसीना हो रहा था. मेरा सगा भाई मुझे चोदने की सोच रहा था और मुझे पता भी नही था. काम वासना मेरे दिलो दिमाग़ पर हावी होने लगी. चूत की आग भड़क उठी और मेरा मन कोई ठीक ढंग से सोचने के काबिल ना रहा. मैं बाथरूम मे गयी और नहाने लगी. मन उल्टे पुल्टे विचारों से भरा पड़ा था. बाहर आ कर मैं एक छ्होटी सी निक्केर और छोटी से टी शर्ट पहन कर लेट गयी. जब आँख खुली तो 6 बज रहे थे. जब मैने देखा तो संजय मुझे घूर रहा था. मुझे एहसास हुआ कि वो मुझे इस अर्ध नग्न अवस्था मे काफ़ी देर से देख रहा था. मैने भी अब आगे झुक कर अपने भाई को अपनी चुचि के भरपूर दर्शन करवा दिए और मन मे कहा," संजू मेरे भाई, अगर तू मुझे इतना चाहता है कि मुझे पत्नी बनाना चाहता है तो देख ले अपनी बेहन की चुचि. मेरा पति अगर बेहन्चोद बन गया है तो क्या फरक पड़ता है कि भाई भी बन जाए!!
'मम्मी कब तक आएँगी?' मैने पुछा. "दीदी मम्मी तो अपनी पार्टी से रात के दो दो बजे तक आती हैं. क्यो क्या बात है?" संजू ने पुछा."कुच्छ नही, मैं तो सोच रही थी कि अगर मम्मी लेट आएँगी तो क्यो ना आज कुच्छ जशन हो जाए? पीते हो क्या? कोई बियर या वोडका ले आयो, मज़े करेंगे!!" संजू एक दम खुश हो गया लेकिन बोला" दीदी आज तो मोना भी यहाँ आने वाली है पढ़ाई करने." मैं सब प्लान कर चुकी थी कि आज मुझे क्या करना है.
"मोना कौन? ओह शशि की बेहन? संजू उसके साथ क्या चक्कर चल रहा है तेरा, मेरे भाई?
तेरी गर्लफ्रेंड है क्या? सच बोल, तेरी शादी करवा सकती हूँ मैं. कैसी दिखती है वो? शशि से सुंदर है या नही? अच्छा भाई बुला लो उसको. मैंभी तो देखूं मेरे भाई की पसंद. तीनो पार्टी करते हैं यार!!" संजू पहले झिजका लेकिन फिर मान गया और शराब लेने चला गया.
उसके जाते ही मैने मोना को फोन लगाया."हेलो" मोना की आवाज़ सुनाई पड़ी,'हेलो मोना भाबी!!' मैने कहा.'हू ईज़ दिस!!!!" वो गुस्सा लगती थी."मोना यार मैं बिंदु, तेरी ननद, यही रिश्ता बनता है ना हमारा? जल्दी से आ जाओ हमारे पास और देखते हैं कि संजू भैया की पसंद कैसी है. अभी तक तो जो दिखाया है तुमने सिर्फ़ संजू को ही दिखाया है" मोना घबराहट मे बोली,'बिंदु दीदी? नमस्ते! मैं आ रही हूँ मैं और संजू आज पढ़ाई करने वाले है"
मैं भी किसी से कम नही थी,"मोना यार ये पढ़ाई के दिन हैं क्या? जवानी के दिन पढ़ाई के नही चुदाई के दिन होते हैं!! यार जल्दी आ जाओ, संजू पार्टी का समान लेने गया है. तुम किताब वग़ैरा मत ले आना मुझे दिखाने के लिए. मैं खुले विचारों वाली बेहन हूँ. मेरी तरफ से तुम लोगों को पूरी आज़ादी है. ऐश करो!!!"
"अच्छा दीदी, मैं आती हूँ" मैने उसको रोका," ठहरो, मोना. तुमने अपनी वो...सॉफ की हुई है...मेरा मतलब चूत? और सुनो तुम पॅंटी और ब्रा मत पहन कर आना. संजू को सर्प्राइज़ देना है तुमको, और कोई सेक्सी ड्रेस पहन कर आना मेरी भाबी जान!! शशि है क्या घर पर?" मोना कुच्छ सोचने लगी फिर बोली,"नही, दीदी, शशि दीदी तो पापा के पास गयी है. आती ही होगी"
मैं अब संजू का इंतज़ार करने लगी. संजू एक बॉटल वोड्का की और ऑरेंज जूस ले आया और साथ मे तन्दूरि मुर्गा और फ्राइड फिश भी. हम दोनो भाई बेहन ने सारा समान टेबल पर सजाया और मोना की वेट करने लगे. तभी मैं बोली,'संजू, मुझे मोना की लेटेस्ट फोटो तो दिखायो. देखूं तो सही अब वो कैसी दिखती है? कितनी सेक्सी है जो उसने मेरे प्यारे भाई को लूट लिया है" संजू एक दम शर्मा गया लेकिन फिर बोला, "अभी दिखाता हूँ, दीदी. मेरे कंप्यूटर मे है उसकी फोटो" मैने अपने भाई के चूतर पर चपत लगाई और बोली," हां भाई तेरे कंप्यूटर मे तो बहुत कुच्छ होगा, तेरी गर्लफ्रेंड का"
जब संजू ने मोना की फोटो दिखाई तो वो मुझे बहुत सुंदर लगी. जिस्म भरा हुआ लेकिन बहुत सेक्सी दिख रही थी. एक फोटो मे उसका साइड पोज़ था तो मैने देख कर कहा"यार संजू, तेरी मोना के नितंभ तो बहुत भारी हैं. इसी लिए तो नही हुआ इसका आशिक़ तू? तुझे भारी चूतर पसंद हैं ना? मुझे पता है जब तू मुझे और मम्मी के पिच्छवाड़े को चोरी चोरी निहारते थे. और मोना का सीना भी काफ़ी भरा हुआ है. वाह भाई तू तो लकी है!! मोना की शकल वैसे शशि से काफ़ी मिलती है, सच भाई"
तभी बेल बजी. मोना ही थी. मैने डोर खोला और वहाँ मोना एक ब्लॅक स्कर्ट और रेड टॉप पहने खड़ी थी. उसकी स्कर्ट घुटनो तक थी और उसकी गोरी टाँगें काफ़ी लंबी थी. मुझे अपनी चूत मे पानी आता हुआ महसूस हुआ जब मैने सोचा कि मोना स्कर्ट के नीचे नंगी थी अगर उसने मेरा कहा माना है तो. "मोना, कितनी सुंदर हो तुम. संजू बहुत लकी है और मैं भी. तेरे जैसी भाबी मिल गयी मुझे.
अब मैं शशि को भी कह सकती हूँ कि मैं उसकी भाबी हूँ और उसकी बेहन मेरी भाबी है. आओ अंदर भाबी. संजू तेरा इंतज़ार कर रहा है." मोना शरमाती हुई ड्रॉयिंग रूम मे चली गयी और मैं किचन से आइस, ग्लासस प्लेट्स लेने चली गयी.
जब मैं ड्रॉइग्रूम के दरवाज़े पर पहुँची तो संजू मोना को किस कर रहा था.
दोनो एक दूसरे से लिपटे हुए थे और संजू ने अपनी माशूक को गांद से पकड़ कर ऊपर उठाया हुआ था और मोना मेरे भाई के लंड को मसल रही थी,"ओह मोना, भेन्चोद साली, तुमने पॅंटी नही पहनी क्या? तेरे चूतर बिल्कुल नंगे महसूस हो रहे हैं!! तुझे पता है ना कि तेरे चूतर पर हाथ लगाते ही मेरे लंड का क्या हाल हो जाता है.
देख इसका हाल क्या बना दिया है तुमने" मोना नकली गुस्सा दिखाती हुई बोली,"संजू, अपनी बेहन से बोलना था कि वो मुझे ऐसा ना करने को कहती. साले भेन्चोद मैं नही तू है. तेरी प्यारी बिंदु दीदी ने ही मुझे कहा था कि भैया को सर्प्राइज़ देना है, पॅंटी और ब्रा मत पहनना. साले तुम भाई बेहन क्या क्या बातें करते हो मेरे बारे मे. और तेरी बिंदु दीदी तो बहुत चालू लगती है. लगता है मेरे साथ वो भी चुदने वाली है आज!!"
मैं दोनो को आलिंगन मे देख कर मुस्कुराती हुई कमरे मे गयी और मज़ाक से बोली,"संजू, बहुत बेसबरे हो तुम. अभी तो बेचारी आई है, ज़रा आराम तो करने दे इसको. आते ही दबोच लिया है इसको. और हां मोना तेरी ननद बहुत चालू है, लेकिन तेरी शशि दीदी से कम चालू है. मैं तुम दोनो को मौका दे रही हूँ ऐश करने का और तुम सालो मेरी बुराई कर रहे हो. अगर मेरे भाई ने तुझे प्यार क्या है तो उसका हर हक बनता है तुझ पर मोना रानी. खैर छ्चोड़ो पहले पेग बना लें फिर देखेंगे कि क्या प्रोग्राम बनता है. संजू ने पेग बनाए और हम तीनो सोफे पर बैठ गये और चुस्की लेने लगे.
मैं देख रही थी कि मोना कसमसा रही थी और कभी मेरी तरफ और कभी संजू की तरफ देख रही थी. दो पेग पीने के बाद हम सभी रिलॅक्स हो गये और मोना पेग ले कर संजू के पास गयी तो मेरे भाई ने उसको गोद मे खींच लिया. मैने देखा की फॅन की हवा ने मोना की स्कर्ट ऊपर उठा दी तो उसकी जंघें और शेव की हुई चूत भी साफ झलक दिखाने लगी. मोना ने अपनी बाहें अब संजू के गले मे डाल दी.
"संजू तुम सिगरेट भी पीते हो क्या" मैने पूछ लिया. मेरे भाई पहले सकपकाया लेकिन फिर बोला,"हाँ दीदी कभी कभी. लेकिन आपके सामने नही पीऊँगा. मुझे शरम आती है. अच्छा दीदी मैं सिगरेट पी कर आता हूँ तुम दोनो बातें करो ज़रा" संजू वहाँ से निकल पड़ा तो रह गयी मोना और मैं अकेली. मोना कुच्छ नशे मे थी और या फिर आक्टिंग कर रही थी. वो उठ कर मेरे पास आई और मुझ से लिपट गयी."दीदी, आपके कहने पर मैने वो सब किया जो आपने कहा था. अब आपकी बारी है मेरी बात मान लेने की. चलो अपने रूम मे. मैं बताती हूँ कि आपको क्या पहनना है. मंज़ूर?"
मैं भी नाटक करती हुई बोली,"मंज़ूर!!" मैं जान लेना चाहती थी कि मोना का क्या प्लान है. मेरे रूम मे आ कर उसने मेरा सूटकेस खोला और उस मे सफेद सिल्क की लेस वाली पॅंटी और ब्रा निकाली और बोली,"दीदी, ये है आज की रात के लिए आपकी ड्रेस. इस मे आप बहुत सेक्सी लगें गी, सच! इसमे आपकी चूत साफ नज़र आएगी और आपकी गांद आधी से अधिक नंगी रहे गी.
संजू बड़ी चुचि और बड़ी गांद का दीवाना है. देखते है कि अपनी बेहन के जिस्म को देख कर उसके लंड खड़ा होता है या नही. मेरा यकीन है कि शराब पी कर आदमी काफ़ी हद तक माशूक और बेहन मे फरक कम ही करता है खास तौर पर संजू जैसा मर्द. खैर आप ये पहन तो लो, प्लीज़!!"
मैं भी मोना का शुरू किया हुआ खेल खेलना चाहती थी. इस लिए अपने कपड़े उतार कर नंगी हो गयी. मोना ने जब मुझे नग्न रूप मे देखा तो उसने ज़ोर से विज़ल बजाई और मुस्कुरा कर बोली,"वाउ दीदी!!!! आप तो बहुत मस्त हो. आप जैसा जिस्म देख कर संजू तो क्या भगवान भी ईमान छ्चोड़ दे आपको चोदने के लिए. वाह दीदी, मुझे इस माखन जैसे जिस्म को स्पर्श तो करने दो!!! इस सीने के उठान को देखने दो!! इस गोरे पहाड़ पर काली चुचि को मसल देने दो. वाह दीदी क्या नितंभ हैं आपके, बिल्कुल मखमली पर्वत और आपकी नाभि से जाती हुई ये नदी जो इस मस्त त्रिकोने मे मिल जाती है. दीदी, सच कहती हूँ कि अगर आपके भैया से इश्क ना करती होती तो आप की हो के रह जाती. सच दीदी, इस सोने मे तराशे हुए जिस्म को चूम लेती और चूमती रह जाती सारी ज़िंदगी!!!!!!"
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