Hindi sex मैं हूँ हसीना गजब की
06-25-2017, 12:57 PM,
#25
RE: Hindi sex मैं हूँ हसीना गजब की
गतान्क से आगे........................

उनके हाथ मेरे दोनो बूब्स को बुरी तरह मसल रहे थे. आईने मे
हमारा ये पोज़ बड़ा ही सेक्सी लग रहा था. उन्होने मेरे दोनो निपल्स
अपनी उंगलियों से पकड़ कर आईने की तरेफ खींचा. मेरे दोनो निपल्स
खींचाव के कारण लंबे लंबे हो गये थे. उनके मसल्ने के कारण
दोनो
बूब्स की रंगत सफेद से गुलाबी हो गयी थी. उनकी गर्म साँसे मैं
अपनी गर्देन पर इधर से उधर फिरते हुए महसूस कर रही थी. उनके
होंठ मेरी गर्देन के पीछे जहाँ से मेरे बॉल शुरू हो रहे हैं
वहाँ जा कर चिपक गये. फिर उन्हों ने मेरी गर्देन पर हल्के से
दाँत गड़ाए. उनके होंठ मेरी गर्देन पर घूमते हुए मेरे बाएँ कान तक
आए. वो मेरे लेफ्ट कान के उपर अपने होंठ
फिराने लगे. कान औरत का एक जबरदस्त एग्ज़ाइट्मेंट पॉइंट होता है.
मई उनकी हरकतों से उत्तेजित हो गयी. मैने अपने हाथों से अपनी
योनिको सख्ती से दाब रखा था. मेरे मुँह से उत्तेजना मे टूटे हुए शब्द
निकल रहे थे. मैने अपने होंठ को दन्तो मे दबा रखा था फिर भी
पता नही किस कोने से मेरे मुँह
से "आआआअहह… .म्‍म्म्ममममम… ..ऊऊऊओ" की आवाज़ें निकल रही थी.
फिर उसने कान पर अपनी जीभ फिराते हुए कान के निचले हिस्से को अपने
मुँह मे भर लिया और. हल्के हल्के से उसे दाँत से काटने लगे. मैने
उनके सिर को अपने हाथों से थाम रखा था. हुमारे बदन एक दूसरे से
सटे हुए संगीत की धुन पर इस तरह से थिरक रहे थे मानो दो
नही एक ही जिस्म हो. उन्हों ने मुझे अपनी ओर घुमाया और मेरे बूब्स
परअपने होंठ रख कर मेरे निपल्स को चूसने लगे. इसी तरह की
हरकतों की ख्वाहिश तो जब से मैने उन्हे पहली बार देखा तब से
मेरे मन मे थी. मुझे उनके साथ पॅरिस आने का निमंत्रण स्वीकार
करतेसमय ही पता था कि इस तौर मे हम दोनो के बीच किस तरह का
रिश्ताजन्म लेने वाला है. मैं उसके लिए शुरू से ही उतावली थी.मैने भी
उनको अपनी ओर से पूरा आनंद प्रदान करना चाहती थी. मैं भी उनकी
चूचियो पर झुक कर उनके छ्होटे छ्होटे निपल्स को अपने दाँतों से
कुरेदने लगी. मैने अपनी जीभ से उनके निपल्स को सहलाना शुरू
किया.
उत्तेजना से उनके निपल्स भी खड़े हो गये. मैं उनके
बालों से भरे सीने को सहला रही थी. मैने अपने दन्तो को उनके
सीने मे गाड़ा कर जगह जगह अपने दाँतों के निशान छ्चोड़ दिए.
मैने कुच्छ देर तक उनके निपल्स से खेलने के बाद अपने होंठ नीचे
की ओर ले जाते हुए उनकी नाभि मे अपनी जीभ घुसा दी. उसनकी नाभि को
अपनी जीभ से चाटने लगी. वो मेरे खुले बालों मे अपनी उंगलियाँ फिरा
रहे थे. फिर मैं घुटनो के बल उनके सामने बैठ गयी और उनके लिंग
को अपने हाथों मे लेकर निहारने लगी. मैने मुस्कुरा कर उनकी ओर
देखा. फिर मैने उसके लिंग के उपर से चाँदी को नीचे की ओर
खींचा.
उनके लिंग का गोल
मटोल टोपा बाहर निकल आया. मैने उसके टिप पर अपने होंठ लगा दिए.
एक छ्होटा सा किस लेकर अपने चेहरे के सामने उनके लिंग को सहलाने
लगी. उनके लिंग को अपने मुँह मे लेने की इच्च्छा तो हो रही थी लेकिन
मैं उनके द्वारा रिक्वेस्ट करने का इंतेज़ार कर रही थी. मैं उनके
सामनेये नही शो करना चाहती थी कि मैं पहले से ही कितना खेली खाई
हुई हूँ. "इसे मुँह मे लेकर प्यार करो. " "एम्म्म नही ये गंदा
है. "
मैने लिंग को अपने से दूर करने का अभिनय किया, "छि इससे तो
पेशाब भी किया जाता है. इसे मुँह मे कैसे लूँ? " " तूने अभी तक
पंकज के लिंग को मुँह मे नही लिया क्या? " " नही वो ऐसी गंदी
हरकतें नही करते हैं. " "ये गंदा नही होता है एक बार तो लेकर
देख. ठीक उसी तरह जैसे चोकोबार आइस्क्रीम को मुँह मे लेकर
चाटतीहो." मैने झिझकते हुए अपनी जीभ निकाल कर उनके लिंग के टोपे पर
फिराने लगी. मेरे
बाल खुले होने के कारण उनको देखने मे परेशानी हो रही थी.
इसलिए उन्हों ने मेरे बालों को पकड़ कर जुड़े के रूप मे बाँध दिया.
फिर मेरे चेहरे को पकड़ कर अपने लिंग को मेरी ओर ठेलने लगे. मैने
उनकी हरकत के समर्थन मे अपना मुँह खोल दिया. उनका लिंग आधा
अंदरजा कर मेरे गले के द्वार मे फँस गया.

"बुसस्स और नही जाएगा." मैने कहना चाहा मगर मुँह से
बस, "उम्म्म्मम
उम्म्म्म" जैसी आवाज़ निकली. इसलिए मैने उनके लिंग को अपने मुँह मे
लिएलिए ही उन्हे इशारा किया. वो अपने लिंग को अब आगे पीछे करने लगे.
मैं उनके लिंग को अपने मुँह से चोद रही थी. साथ साथ उनके लिंग
पर अपनी जीभ भी फिरा रही थी. "पूरा ले. मज़ा नही आ रहा है.
पूरा अंदर जाए बिना मज़ा नही आएगा." उन्हों ने अपने लिंग को बाहर
खींचा. "इतना बड़ा लंड पूरा कैसे जाएगा. मेरा मुँह मेरी योनि
जैसा तो है नही की कितना भी लंबा और मोटा हो सब अंदर ले लेगा."
मैने कहा. उन्हों ने मुझे उठाया और बिस्तर पर ले जाकर लिटा दिया.
मैं पीठ के बल लेट गयी. अब उन्हों ने मेरे बदन को कंधों से
पकड़ कर बिस्तर से बाहर की तरफ खींचा. अब मेरा सिर बिस्तर से
नीचे लटकने लगा था. "हाँ ये ठीक है अब अपने सिर को बिस्तर से
नीचे लटकाते हुए अपने मुँह को खोल." मैने वैसा ही किया. इस
पोज़िशन मे मेरा मुँह और गले का च्छेद एक सीध मे हो गये थे.
ससुरजी अब मेरे मुँह मे अपने लिंग को डालते हुए मुझसे बोले, "एक ज़ोर
की साँस खींच अंदर." मैने वैसा ही किया. वो अपने लिंग को अंदर

थेल्ते चले गये. उनका मोटा लंड सरसरता हुया गले के अंदर
घुसताचला गया. पहले तो उबकाई जैसी आई. लेकिन उनका लिंग फँसा होने के
कारण कुच्छ नही हुआ. उनका लिंग अब पूरा अंदर घुस चुका था. उनके
लंड के नीचे लटकते दोनो गेंद अब मेरे नाक को दाब रहे थे. एक
सेकेंड इस अवस्था मे रख कर उन्हों ने वापस अपने लंड को बाहर
खींचा उनका लिंग जैसे ही गले को खाली किया मैने आवने फेनफ्डो मे
जमी हवाखाली की और वापस साँस लेकर उनके अगले धक्के का इंतेज़ार
करने लगी. उन्हों ने झुक कर मेरे दोनो स्तनो को अपनी मुट्ठी मे भर
लिया और उन्हे मसल्ते हुए वापस अपने लिंग को जड़ तक मेरे मुँह मे
थेल दिया. फिर एक के बाद एक धक्के मारने लगे. मैं अपनी सांसो को
उनके धाक्को के साथ अड्जस्ट कर ली थी. हर धक्के के साथ मेरे
स्तनो को वो बुरी तरह मसल्ते जा रहे थे. साथ साथ मेरे निपल्स
को भी उमेथ देते. जैसे ही वो मेरे निपल्स को पकड़ कर खींचते
मेरा पूरा बदन धनुष की तरह उपर की ओर उठ जाता. काफ़ी देर तक
यूँ ही मुख मे लेने के बाद उन्हों ने अपना लिंग बाहर निकाल लिया. और
ज़यादा देर चूसने से हो सकता है मुँह मे ही निकल जाता. उनका लिंग
मेरी थूक से गीला हो गया था और चमक रहा था.
उनके उठते ही मैं भी उठ बैठी. उन्हों ने मुझे बिस्तर से उतार कर
वापस अपनी आगोश मे ले लिया. मैने उनके सिर को अपने हाथों से थाम
कर उनकी होंठों पर अपने होंठ सख्ती से दाब दिए. मेरी जीभ उनके
मुँह मे घुस कर उनकी जीभ से खेलने लगी. मैने अपने पंजे उनके
पैरों के उपर रख कर अपनी एडी को उपर किया जिससे मेरा कद उनके
कदके कुच्छ हद तक बराबर हो जाए. फिर मैने अपने दोनो स्तनो को
हाथोंसे उठा कर उनके सीने पर इस तरह रखा कि उनके निपल्स को मेरे
निपल्स छूने लगे. उनके निपल्स भी मेरी हरकत से एक दम कड़े हो
गये थे. मेरे निपल्स तो पहले से ही उत्तेजना मे तन चुके थे.

मैनेअपने निपल्स से उनके निपल्स को शहलाना शुरू किया. उन्हों ने मेरे
नितंबों को सख्ती से पकड़ कर अपने लिंग पर खींचा. "म्‍म्म्मम
सीमीईीईईईईई म्‍म्म्मम. तुम बहुत सेक्सी हो. अब अफ़सोस हो रहा है कि

तुम्हे
इतने दीनो तक मैने च्छुआ क्यों नही. ओफफफफफफफफफफो तुम तो मुझ पागल
कर डालगी. आआआअहह हाआअँ आइसे हीईीईईईईई " वो अपने लिंग को
मेरी योनि के उपर रगड़ रहे थे. कुच्छ देर तक हम एक दूसरे के
बदन को रगड़ने के बाद उन्हों ने मुझे बिस्तर के पास ले जाकर मेरे
एक पैर को उठा कर बिस्तर के ऊपर रख दिया. अब घुटनो के बल
बैठने की उनकी बारी थी. वो मेरी टाँगों के पास बैठ कर मेरे
रेशमी झांतों पर अपनी जीभ फिराने लगे. मुझे अपनी योनि पर हल्के
रेशमी बॉल रखना बहुत अच्च्छा लगता है इसलिए अक्सर मेरी योनि
छ्होटे छ्होटे रेशमी बालों से घिरी रहती थी. शायद उन्हे भी वहाँ
बाल देखना पसंद था इसलिए राज जी अपने दाँतों से मेरी सिल्की
झांतों को पकड़ कर उन्हे हल्के हल्के से खींच रहे थे. फिर उनकी
जीभ मेरे टाँगों के जोड़ पर घूमने लगी. उनकी जीभ मेरे घुटने
परसे धीरे धीरे आगे बढ़ती हुई मेरे टाँगों के जोड़ तक पहुँची.
उन्हों ने अपनी जीभ से मेरी चूत को उपर से चाटना शुरू किया. वो
अपने हाथों से मेरी चूत की फांकों को अलग करके मेरी चूत के
भीतरअपनी जीभ डालना चाहते थे. " नही. ऐसे नही. " कहकर मैने उनके
हाथों को अपने बदन से हटा दिया और मैं खुद एक हाथ की उंगलियों
सेअपनी चूत को खोल कर दूसरे हाथ से उनके सिर को थाम कर अपनी योनि
से सटा दिया. "लो अब चॅटो इसे. " उनकी जीभ किसी छ्होटे लिंग की
तरह मेरे योनि के अंदर बाहर होने लगी. मैं बहुत उत्तेजित हो गयी
थी. मैं उनके बालों को अपनी मुट्ठी मे पकड़ कर उन्हे खींच रही
थी
मानो उन्हे उखाड़ ही देना चाहती हौं. दूसरे हाथों की उंगलियों से
मैने अपनी योनि को फैला रखा था और साथ साथ एक उंगली से अपनी
क्लीत्टोरिस को सहला रही थी. मैने सामने आईने मे देखा तो हम दोनो
कीअवस्था को देख कर और अपने उपर कंट्रोल नही कर पायी और मेरे
बदन से लावा बह निकाला. मैने सख्ती से दूसरे हाथो की मुट्ठी मे
उनके बालों को पकड़े हुए उनके सिर को अपनी योनि मे दाब रखा था.
उनकी जीभ मेरी योनि से बहते हुए अमृत धारा को अपने अंदर समा
लेने मे व्यस्त हो गयी. काफ़ी देर तक इसी तरह चूसने के बाद जब
मेरी बर्दस्त से बाहर हो गया तो मैने उनके सिर को अपनी चूत से
खींच कर अलग किया. उनके सिर के कई बाल टूट कर मेरी मुट्ठी मे
आगये थे. उनके होंठ और ठुड्डी मेरे वीर्य से चमक रहे थे. "ऊवू
राअज" अब मैं अपने संबोधन मे चेंज लाते हुए उन्हे उपर अपनी ओर
खींची.वो खड़े हो कर मुझ से लिपट गये. और मेरे होंठों पर
अपने होंठ रख कर मेरे होंठों को अपने मुँह मे खींच लिया और
उन्हे बुरी तरह चूसने लगे. मैं नही जानती थी कि उधर भी इतनी
ज़्यादा आग लगी हुई है. उन्हों ने अपनी जीभ मेरे मुँह मे डाल दी.
मुँह मे अजीब सा टेस्ट समा गया. मैने जिंदगी मे पहली बार अपने
वीर्य का स्वाद चखा. मैने उनके चेहरे पर लगे अपने वीर्य को
चाटकर सॉफ किया.
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