RE: Sex kamukta मेरी बेकाबू जवानी
डेट: 25-जून-96 ठीक रात के 12 बजे थे, मैं बाथरूम मे जाके फ्रेश होके सीधे अपने पति जी के पास चली गयी. पति जी ने मुझे दरवाजे पे रिसीव किया और सीधा मुझे मास्टर बेडरूम मे ले के गये. मेने बेडरूम मे जाते ही कविता जी से आशीर्वाद लिया और अपने पति जी को हर तरीके से खुस रख ने की प्रार्थना की. पति जी ने मुझे पीछे से पकड़ लिया और मेरे बालो को आगे करके पीठ पे चूमने लगे. उनके हाथ मेरे स्तन पे थे और पति जी उसे बहुत जोरो से दबा रहे थे. मैं गिर ना जाउ इस लिए मेने पति जी के हाथो को पकड़ लिया और उन्हे अपने स्तन पे से दूर करने लगी. तभी पति जी ने एक झटके मे ही मुझे बालो से पकड़ के बेड पे धक्का दे दिया और दौड़ के मेरे उपर लेट के मेरी चूत मे अपना लंड डाल दिया और मुझे आधे घंटे तक चोद ते रहे, मैने ईक बार अपना पानी निकाल दिया था.
कुछ देर के बाद पति जी ने मुझे बेड से खड़ा किया और गोर से पूरे जिस्म को उपर से नीचे तक देखा. उन्होने कबार्ड मे से मेरे लिए एक लाल रंग का शर्ट और एक सफेद रंग का पयज़ामा निकाला. मेने उसे बिना ब्रा और चड्डी के पहन लिया. पति जी ने अपने हाथो को मेरी कमर पे रखा और एक हल्की सी किस दी और कहा “ जया रानी आज हम अपनी नयी गाड़ी मे घूमने जाएँगे, मैं तुम्हे सर्प्राइज़ देना चाहता था इस लिए तुम से आज पूरे दिन ठीक तरह से पेस नही आया. ये गाड़ी मेने सिर्फ़ तुम्हारे लिए ली है”. मेने बहुत खुस होके पति जी को गले लगा लिया और उनके होंठो को चूम लिया और कहा “ मैं बहुत खुस हू के सच मे मुझे इस दुनिया मे सब से ज़्यादा प्यार करते है, ना जाने मैं किस तरह से आपका सुक्रिया अदा करू”. पति ने कहा “ चलो गाड़ी के पास चलते है”. हम दोनो नीचे पार्किंग मे गाड़ी के पास गये. मेने देखा एक लंबी सी गाड़ी खड़ी है. पति जी ने ड्राइवर के बाजू वाली सीट का दरवाजा खोला और मुझे अंदर बैठ ने का इशारा किया और वो ड्राइवर की सीट पर बैठ गये और गाड़ी चल पड़ी.
गाड़ी मे हल्का सा इन्स्ट्रुमेंट सॉंग बज रहा था. पति जी गाड़ी चलाते हुए एक हाथ मेरे राइट स्तन पर रख के उसे दबाने लगे और मैं मन ही मन हल्का सा हंस रही थी. एक मोड़ पे पति जी ने गाड़ी को रोक दिया. पति जी ने गाड़ी मे से उतर के मेरी सीट के बाजू वाले दरवाजे को खोल के मुझे बाहर निकाला. मेने चारो तरफ देखा एक ये बड़ा जंगल जैसा लग रहा था. पति जी ने गाड़ी की डिकी मे से एक चदडार निकली और मुझे उसे के उपर लिटा दिया.
मेरे पैरो के पास आके उन्होने मुझे चूमना सुरू कर दिया और धीरे धीरे करके उपर तक आके मेरे कपड़े निकाल दिए. आज फिर से मेरी ज़िंदगी का ये नया अनुभव था के मैं खुले आसमान और खुली ज़मीन पर नंगी लेटी हू और मेरे सामने मेरे पति जी पूरे नंगे होकर मुझे देख रहे थे. फिर पति जी ने मेरी चूत और उनके लंड का संगम करा दिया और हम दोनो की चुदाई सुरू हो गयी. खुले आसमान मे होने की बजाह से ठंडी हवा चलने से मेरे पूरे जिस्म मे एक ठंडी लहर दौड़ रही थी. मेने आज पहली बार महसूस किया कि ठंडी हवा के कारण मेरे जिस्म के अंदर कुछ होने लगा और मेने पति जी को ज़ोर से पकड़ लिया. इस पर पति जी ने कहा “ जया रानी आज तुम्हे बहुत मज़ा आएगा क्यूंकी आज से तुम्हारे जिस्म की प्यास खुलनी सुरू हो गयी है, मैं कई दिनो से तुम्हे चोद रहा हू लेकिन आज जो तुमने मुझे दिल से पकड़ा इससे साबित होता है कि तुम्हारी जिस्म की प्यास की सुरुआत हो गयी है, इस बात पर मैं आज तुम्हे पूरी रात सोने नही दूँगा और खूब चोदुन्गा”. मेरे उपर लेटे हुए पति जी ने मुझे आधे घंटे तक चोदा. फिर मुझे अपनी उपर बिठा के मेरी कमर को पकड़ के मुझे उपर नीचे कर के मुझे चोद ने लगे.
थोड़ी देर करने के बाद पति जी ने मुझे कहा “ जया अब तुम खुद ही उपर नीचे होना और मेरे लंड को अपनी चूत मे बाहर ना निकालो इसका ख़याल रखना”. मेने उनकी बात को मानते हुए अपने पैरो के सहारे कमर के उपर के भाग को उपर नीचे करने लगी. मुझे पता नही कैसा नशा सा च्छा रहा था, मेरे बाल मेरे कंधे से होके मेरे स्तन और सिर के आस पास हिल रहे थे. पति जी ने अपने दोनो हाथो से मेरे दोनो स्तन को पकड़ लिया और उन्हे हल्के हल्के से दबाने लगे. कई बार तो उन्होने मेरे स्तानो के निपल को अपने हाथो से मसल दिया, मेरे बदन मे एक झटका सा लगा और मेरी कमर ने एक झटके मे पति जी के लंड को और अंदर कर दिया. ऐसा ही चल रहा था कि पति जी मेरे स्तन को बहुत ज़ोर से दबाने लगे और मैं भी इसे सहन ना करते हुए अपनी कमर को और तेज़ी से उपर नीचे करने लगी. मेरी चूत ने दो पर पानी निकाल दिया था उसकी बजहा से पति जी का लंड भी गीला हो गया और वो अब और अंदर तक जाने लगा.
मेने अपनी आँखे हल्की सी खुली रखी थी और मैने देखा कि पति जी मुझे बहुत गहराई वाली नज़रो से देख रहे थे, मैं उनसे सीधे आँखे नही मिला पा रही थी. एक घंटे तक कभी पति जी मेरी कमर को पकड़ के उपर नीचे करते तो कभी मैं खुद अपनी कमर को उपर नीचे करती थी. पति जी को ऐसा लग रहा था कि उनका लंड अब पानी छोड़ देगा तो उन्होने मुझे अपने जिस्म से नीचे उतारा और मुझे चदडार पे लिटा दिया. वो मेरे सिर के पास आके बैठ गये ओए और उन्होने मेरे बालो को मेरे सिर के पीछे करते हुए उसे चदडार के उपर फेला दिया और खुद मेरे सिर के पीछे वाले भाग मे जाके बैठ गये. थोड़ी देर के बाद मेरे बालो के उपर एक गरम पानी गिरने का ऐएहसास हुवा. फिर पति जी ने मेरे बालो को एक साथ पकड़ के उस मे चम्पी करने लगे और कहा “ जया आज मेने तुम्हारे बालो मे अपने पानी से चम्पी की है, देखना अब तुम्हारे बाल और लंबे हो जाएँगे”.
पति जी ने मुझे खड़ा किया और हम दोनो एक दूसरे की बाँहो मे बाँहे डाल के जंगल मे घूमने लगे. चलते चलते पति जी कई बार मेरे स्तनो को दबा देते थे और मैं उनकी कमर मे हाथ डाल के उन्हे ज़ोर से पकड़ लेती थी. थोड़ी देर चलने के बाद मेने एक पेड़ देखा जोकि बहुत बड़ा था, पति जी मुझे उसके नीचे ले गये. पति जी ने मेरे होंठो को चूमना सुरू किया. पहले हल्के से किस करने के बाद उन्होने मेरी कमर मे हाथ डाल के मुझे उनकी ओर खिचा और साथ ही मे मेरे होंठो को भी ज़ोर से चूमने लगे. मेरे एक लेफ्ट पैर को पति जी ने हाथ से अपनी कमर के पीछे ले जाके रख दिया. मेने महसूस किया कि पति जी का लंड सीधा मेरी चूत के पास ही है.
पति जी ने अपने हाथो से मेरी चूत को खोला और अपना मोटा लंड उसे मे डाल दिया, खड़े खड़े चोदने से लंड भी मेरी चूत मे सीधा ही घुसा और ये पहली बार था जब लंड ने मेरी चूत मे अब तक का अंदर जाने का रेकॉर्ड तोड़ दिया. मैं काफ़ी सह रही थी और पति जी के बालो को नोच रही थी. इस पर पति जी अपने लंड को तेज़ी से अंदर बाहर कर ने लगे. कुछ देर ऐसे ही चलाने के बाद पति जी ने मेरे दूसरे पैर को भी अपनी कमर के पीछे जाके रख दिया. अब मैं पति जी की कमर के सहारे चुद रही थी, हालाँकि मेरी पीठ पेड़ से जुड़ी हुई थी इसलिए पति जी ने मुझे पेड़ के सहारे और तेज़ी से चोदा. मेरे साथ साथ पति जी ने भी पानी छोड़ दिया.
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