RE: Sex kamukta मेरी बेकाबू जवानी
गतान्क से आगे......
पति जी मेरे जिस्म के उपर गिर गये और मुझे पूरी तरह से दबा दिया. पति जी बहुत ज़ोर ज़ोर से साँसे ले रहे थे और मेरी और देख के कहा “ मेरी प्यारी रानी तुम्हारा तो पूरा जिस्म बहुत ठंडा है” मेने कहा “ हा पति जी मेरे जिस्म मे कभी पसीना नही आता चाहे मैं कोई भी काम कर लू”. पति जी ने कहा ” जया तुम्हारा जिस्म काफ़ी ठंडा है और मेरा जिस्म काफ़ी गरम है, जिसे मैं तुम्हे अपने जिस्म की गरमी से गरम कर सकु और तुम जब मैं पसीने से गरम हो जाऊ तो तुम मुझे ठंडा कर देना.” मेने कहा “ जेसा आप कहो पति जी, मेरा पूरा जिस्म आपका है, आप जब चाहे मेरे जिस्म को अपने जिस्म से लगा देना के वो कही ज़्यादा ठंडा ना हो जाए और मे ये हमेशा चाहूँगी कि आपका जिस्म कभी भी गरम ना रहे.” फिर पति जी मेरे उपर लेटे ही मुझे चूम रहे थे और मे भी उनके जिस्म मे हर जगह चूम रही थी. जब मेने समय देखा तो रात के 3 बजे थे. पति जी ने कहा “ पत्नी जी आज से तुम एक लड़की से औरत बन गयी हो, एक कली से फूल बन गयी हो और आज से तुम मेरे घर की पत्नी भी बन गयी हो, आज से तुम्हे घर का हर काम सीख के अपने पति जी के लिए चाइ, नाश्ता और खाना बनाना और घर मे बर्तन और झाड़ू पोछा भी तुम्हे ही करना है.” मेने कहा “ पति जी मे ये सब करूँगी बस आप मुझे हर दिन यूही प्यार करना और जिस्म की प्यास को कम मत करना.” हम दोनो उही थोड़ी देर सोते रहे और पति जी मुझे चूम रहे थे और मेरे बालो मे उंगलिया घुमा रहे थे, अचानक उनका ध्यान मेरे हाथो की मेहन्दी पर गया. पति जी ने कहा “ जया रानी तुम्हारे जिस्म की प्यास को बुझाने मे मेरा ध्यान इन हाथो की मेहंदी पे तो गया ही नही, तुम्हारी मेहंदी काफ़ी अच्छी है, मम्मी ने पूछा नही कि मेहन्दी क्यू लगा रही हो?”. मेने कहा “ पति जी मम्मी ने तो पूछा था लेकिन मेने कितने दिनो से मेहंदी नही लगाई थी तो उन्होने लगा दी. पति जी मम्मी ने आज मुझे शादी वाली मेहंदी लगाई है, उसमे मेने आप का नाम भी लिखवाया है, आपको मुझे बताना है के वो कहा पे लिखा है, अगर आपने बता दिया तो मे हमेशा का लिए आपको कोई भी शिकायत का मौका नही दूँगी”. पति जी ने मेरे लेफ्ट हाथ को देखने लगे और उसमे से उन्होने “आर” को ढूँढ के उसे चूम लिया, फिर राइट हाथ मे “एस” को ढूँढ के चूम लिया. मेने कभी सोचा नही था के वो इतनी जल्दी ढूँढ लेंगे, मे शरम के मारे अपनी नज़र को नीची करके मन ही मन मुस्करा रही थी. पति जी ने कहा “ जया मे सिर्फ़ तुम्हारे जिस्म से ही नही बल्कि तुम्हारे दिल को प्यार करता हू, जो आज मेने तुम्हारे हाथो मे मेरे नाम को ढूँढ के मेने बता दिया, जया मेने तुम्हे अपनी पत्नी बना के कोई ग़लती नही की, क्यूंकी एक पत्नी ही अपने पति का नाम अपने हाथ मे लिखावती है, आज से मेरा तन, मन और धन सब कुछ तुम्हारा है. जया कुछ ही दिनो मे हम कोर्ट मॅरेज भी कर लेंगे, ताकि हम दोनो को कोई अलग ना कर सके. आइ लव यू जया”. मेने भी उन्हे अपने जिस्म से लगाते हुए कहा “ आइ लव यू पति जी”.
सुबह के 6 बजे, हम दोनो एक दूसरे को कस के पकड़ के नंगे सोए हुए थे. पति जी ने 6 बजे का अलार्म रखा था क्यूंकी मुझे कॉलेज जाना था. पति जी अलार्म बजते ही उठ गये और मेरे नंगे जिस्म को देखने लगे, पति जी ने हल्के से आवाज़ लगाई “ जया उठो कॉलेज नही जाना क्या?”. मेने सोने का बहाना करके पति जी को अपने जिस्म से लगा दिया, मेरा सिर उनकी छाती मे था, मेरे स्तन उनके पेट से लगे हुए थे, मेरा लेफ्ट हाथ उनके बदन पे था और रिघ्त हाथ से लंड को पकड़ लिया. पति जी को पता चल गया के जाग गयी हू और वो काफ़ी खुस हुए और कहा “ जया तुम मुझे ऐसे ही प्यार करती रहना”. फिर पति जी लंड को मेरी चूत मे डालके मुझे चोदने लगे, मेरी चूत रात की चुदाई के बाद हम दोनो के वीर्य से चिपक गयी थी इसलिए मुझे काफ़ी दर्द हो रहा था. फिर करीब 10 मिनट के बाद हम दोनो ने साथ मे ही वीर्य निकाला और पति जी मुझे बेरहमी से चूम के काट रहे थे. फिर हम दोनो नंगे ही बाथरूम मे गये, वाहा पर हम दोनो ने एक दूसरे को ब्रश करवाया, हम दोनो शवर के नीचे चले गये, पति जी ने शवर को चालू करके खुद को भीगा लिया और मुझे उनकी ओर खिच के पूरा भिगो दिया. मेने पति जी के जिस्म को पूरे साबुन से साफ कर दिया और पति जी ने मुझे. फिर हम दोनो एक दूसरे को रुमाल से पोछ के बेडरूम मे आ गये. हम दोनो बेड पे लेट गये और एक दूसरे को चूम ने लगे, पति जी ने कहा “ जया आज से तुम मेरी पत्नी हो, इस लिए आज से तुम्हारा ख्याल रखना मेरी ज़िमेदारी है. जया हम दोनो अभी घर जाके तुम्हारे मम्मी-पापा के पैर च्छू के आशीर्वाद ले आते है”. हम दोनो बेड पे से नंगे ही उठ के मेरे घर को चल पड़े. मेने देखा कि पति जी का पहनाया हुवा मगल्सुत्र मेरे गले मे लटक रहा था और मेरे चल ने से मेरे स्तन से लग रहा था. पति जी ने मेरे कंधे पे हाथ रखा और मेने उनकी कमर मे हाथ डाल दिया. मे जब अपने घर मे गयी तो मेने देखा के मम्मी-पापा अभी भी सो रहे है. मेने और मेरे पति जी मम्मी-पापा के पैरो के पास गये और उन्हे च्छू दिया. मम्मी-पापा के पैरो को छुते ही दोनो ही जाग गये, मैने तुरंत एक चादर से अपने जिस्म के उपर लप्पेट दिया और पति जी झुक के बेड के नीचे छिप गये. मम्मी ने कहा “ जया क्या हुवा?”, मेने कहा “मम्मी-पापा आज से मे एक नयी ज़िंदंगी सू रु करने जा रही हू, इस घर को मेने अपना मान लिया है (क्यूंकी राज अंकल की पत्नी बनने के साथ मे इस पूरे घर की मालकिन भी बन गयी थी और मेरे मम्मी-पापा अब अपनी ही बेटीके घर मे किराए पे रह रहे है), तो सुबह उठ के आपसे आशीर्वाद लेने आई हू”. वैसे तो मम्मी-पापा मुझे इतना प्यार नही करते लेकिन सुबह सुबह मेरे इस प्यार से उन्होने मुझे दिल से आशीर्वाद दिया. पापा ने कहा “ जया तुम्हारे जीवन मे कभी कोई दुख ना आए, तुम्हे हर वक़्त बस ख़ुसीया ही नसीब हो”. मम्मी ने कहा “ जया तुम्हारा जीवन ख़ुसीयो से भर जाए, तुम्हे अच्छा जीवन साथी मिले और तुम 100 बच्चो की मम्मी बन जाओ”. मम्मी – पापा, मे और पति जी इस बात पे हंस दिए. फिर मम्मी पापा सो गये, पति जी अपने घुटनो के बल पे चल के बाहर निकल गये और में डोर बंद करके बाहर चली आई.
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