RE: Sex kamukta मेरी बेकाबू जवानी
मैने उनकी जीभ को अपनी जीभ से खूब प्यार किया, में उनके मुहके अंदर हर जगह पे उनकी जीभ ले गयी. फिर उतने मे ही मम्मी की आवाज़ आई “ जया उठो 7 बज ने वाले है” मेने नींद मे से उठ ने के अंदाज मे कहा “ हा मम्मी मे उठ रही हू”. फिर मेने अंकल की ओर देखा वो मुस्कुरा रहे थे और कहा “ जया मेरी जान आज मे तुम्हे दोपहर तक बहुत बार चूमना चाहा ता हू” मेने शरमाते हुए कहा “ अंकल मेने आपको कभी रोका नही , आप मेरे साथ जो चाहे करिए” इतना बोलते ही अंकल मुझे बेड पे लिटा के मुझ पे टूट पड़े और मेरे पैरो से लेके माथे तक मुझे अपने होंठो से और हाथो से नोचने लगे. फिर अंकल ने मुझे उठा के मेरे बेड की बाजू वाली जगह पे ज़मीन पे बिठा दिया और खुद बेड के किनारे आके बैठ गये. उन्होने मेरे बालो मे हाथ डाल के मेरे सिर को उपर की ओर उठाया, जिस से मेरे बालो मे दर्द हो रहा था और मेरे चेहरे पे मेरी मायूसी दिखाई दे रही थी, अंकल मेरी आँखो मे आँख डालते हुए मुस्कुराए और मैने भी हल्की सी दर्द भरी हसी देदी वो अपने हाथो पे और ज़ोर दे ते हुए मेरे सिर को अपने लंड के ले जाने लगे और मेरे मुहके पास अपना लंड रख दिया, मेने उसे चूमना सुरू कर दिया और मैं हाथो को उनके लंड के पास ले जाने लगी तो अंकल ने मेरे हाथो को पकड़ लिया और बाजू मे रख दिया और बोले “ जया रानी आज सिर्फ़ अपने मूह से प्यार करो और लंड की टोपी को अपने मुहमे जितना हो सके उतना अंदर ले जाना” में अंकल की बात सुनके थोड़ा सा सोचने लगी कि चूमने तक तो ठीक था लेकिन मुहके अंदर ले जाना. मे लंड को उपर से नीचे चूम रही थी, अंकल ने मेरे बालो को और ज़ोर से पकड़ लिया और मेरे मुहमे अपना लंड डालने लगे. मुझे अजीब सा लग रहा था कि कैसे कोई सू सू वाला भाग मेरे मुहमे डाल सकता है, क्यूंकी मे सोच रही थी कही अंकल मेरे मुहमे सू सू ना कर्दे, में उनका लंड अपने मुहसे निकाल ने की कोशिस कर रही थी के अंकल ने कहा “ जया रानी मे तुम्हारे मुहमे सू सू नही करूँगा, ये तो जिस्म की प्यास मिटाने की एक क्रिया है, जया रानी लड़की के पूरे जिस्म को बहुत सारे तरीक़ो से प्यार किया जाता है, ये उसमे से एक है, कल मेने जब तुम्हारी चूत को चॅटा था और अपनी जीभ भी उसमे डाली थी तो हम दोनो को बहुत मज़ा आया था, वैसे ही लंड मुहमे लेने से हम दोनो को बहुत मज़ा आएगा, क्यूंकी तुम छोटी हो तो तुम्हे पता नही है, और तुम्ही कह रही थी तुम मेरी सारी बात मनोगी” मेने अंकल से माफी माँगते हुए कहा “ सॉरी अंकल अगली बार ऐसा नही होगा” तो उहोने कहा “ जया लेकिन अब तुम्हे मज़ा के साथ सज़ा भी मिलेगी “ और हम दोनो हंस दिए.उन्होने लंड को मेरे मुहमे डाल दिया और में उसे अपनी जीभ से चाटने लगी, लंड के चाटने की बजह से मेरा थूक निकल रहा था, वो अंकल के लंड की गर्मी से गरम हो रहा था मेने उसे बाहर निकाल ना चाहा लेकिन अंकल ने मेरे बालो के ज़रिए मेरे सिर को अपनी जाँघो के बिचमे और करीब ले जाते हुए उनका लंड थोड़ा और अंदर जाने लगा और वो मेरे गले तक पहुच गया, इसके साथ मुझे अपना थूक गले से नीचे उतार के पी जाना पड़ा. उधर अंकल का लंड भी गरम हो रहा था और उन्होने उसे मेरे मुहसे बाहर निकालते हुए मेरे मुहपे अपना सारा सफेद गाढ़ा पानी गिरा दिया, मेने देखा कि वो गाढ़ा पानी अंकल की सू सू वाली जगह से निकल रहा था, क्यूंकी मेने छोटे बच्चो को सू सू करते हुए देखा था. मेरे होंठो, आँखो, नाक और गालो पे उनका पानी गिरा हुवा था. अंकल ने कहा “ जया इसे वीर्य कहते है, जो बच्चे पैदा करने के काम आता है, वो मे तुम्हे बाद मे बताउँगा.” फिर मेने कहा “ अंकल ये आपकी सू सू वाली जगहा से निकलता है, क्यूंकी मेरा पानी तो मेरी चूत मे से निकलता है” तो अंकल बोले “ जया ऐसे कई सारे जिस्म के भाग है जो एक आदमी को लड़की से अलग करते है”. मेने कुछ नही कहा और बाथरूम मे जाके मुहपे साबुन लगा के धोने लगी, वो पानी काफ़ी चिकना था जो मेरे चेहरे से निकल नही रहा था, दो तीन बार साबुन से धोने के बाद वो निकला. उधर मम्मी मुझे आवाज़ लगती हुई कहने लगी “ जया तुम ना धोके चाइ और नाश्ता कर लेना, मे अपने रिस्तेदार के यहा जा रही हू और तुम दोपहर को कॉलेज चली जाना, और हा तुम्हारे पापा भी बाहर जा रहे, तुम अभी आके दरवाजा अंदर से बंद कर लो, कही कोई अंजान आदमी अंदर ना आ जाए.” मेने अपने कपड़े पहनने चाहे लेकिन अंकल ने इशारे से कहा के रुमाल लपेट के चली जाओ. मे सिर्फ़ रुमाल अपने जिस्म पे डाल के मम्मी के पास चली गयी और मम्मी ने देखा कि मेरे बाल भीगे हुए थे तो वो समझ गयी के मे नहा कर निकली हू तो मुझे बाइ करके चली गयी और में दरवाजा बंद करके अंदर जा ने लगी. अंकल मेरे पीछे ही आगये थे और मेरे जिस्म से रुमाल खिच के मुझे मेरे ही घर मे नंगा कर दिया. मे भी अपना जिस्म छुपाने के लिए अंकल के पास जाके उनके जिस्म से लिपट गयी. अंकल मेरे बालो मे हाथ घुमा रहे थे और मेरे सिर को उपर करके मुझे चूमने लगे. फिर अंकल मुझे उठा के मेरे मम्मी पापा के बेडरूम मे ले गये और मुझे बेड पे लिटा दिया और खुद भी मेरे उपर लेट गये और मेरे जिस्म को बेरहमी से नोचने लगे. अंकल ने कहा “ जया ये वही बेड है जहा पे तुम्हारे जनम का राज़ छुपा है” और पागलो की तरह मुझे चूमने लगे और मेभी उन्हे साथ देने लगी और अंकल से पुछा “ अंकल ये आप क्या कहे रहे हो मुझे कुछ पता नही चल रहा “ अंकल ने कहा “ मैने तुम्हे बताया था कि जिस्म की प्यास से ही सब होता है , तुम अपने मम्मी पापा की जिस्म की प्यास की ही देन हो, इसलिए तुम्हारे जिस्म की प्यास काफ़ी बड़ी है जो सिर्फ़ मे ही बुझा सकता हू.” हम दोनो ने उस बेड पे जाके अपना पानी छोड़ दिया और बेड की चदडार को गीली कर दिया. फिर अंकल ने खड़े हो के मुझे मेरे बालो मे हाथ डाल के खिच ते हुए उनके जिस्म से लगा दिया और हम दोनो उस कमरे मे से निकल के किचन मे आगये. किचन मे आते ही अंकल मुझे अपने घुटनो के बल बैठा दिया और मैं समझ गयी कि अब उनका लंड मेरे मुहमे आने वाला है. अंकल ने मेरे बालो को पकड़ ते हुए मेरे मुहमे लंड डाल दिया और मैं उसे चूमने लगी. फिर कुछ देर बाद लंड को मेरे मुहमे अंदर बाहर करके वो रुक गये और उन्होने किचन मे जॅम की डिब्बी देख ली और वो लेके मेरे पास आए और उसमे से थोड़ा सा जॅम निकाल के अपने लंड पे लगा दिया.
मैने उनके लंड पे लगे जॅम को अपने जीभ से चाट के साफ कर दिया मुझे बहुत अच्छा लग रहा था, उन्होने थोड़ा और जॅम निकाल के लंड की टोपी पर लगा दिया और मुझे उसे अपने मुहमे लेके चूसने का इशारा किया. मेने लंड की टोपी लगे जाम को मेरे मुहके अंदर जीभ से चाटने लगी कि तभी अंकल के लंड से थोड़ा पानी निकला जोकि उस जॅम मे मिक्स हो गया और मेने उसे खा लिया. अंकल मेरे इस प्यार से बहुत खुस हो रहे थे. फिर हम जब आगे हॉल मे आए तो मेने अंकल से कहा “ अंकल कुछ खेलते है “ तो उन्होने कहा “ चलो पकड़ा पकड़ी खेलते है, जो जिसे पकड़ लेगा वो उसके जिस्म को पागलो की तरह नोच लेगा.” मेने कहा “ हा अंकल बहुत मज़ा आएगा, क्यूकी मैं तो जवान हू और बहुत तेज़ी से भाग लूँगी, और आप तो” मैं कहते हुए रुक गयी और हंस पड़ी. फिर हमने खेल चालू किया पहला दाव मेरा था सो मेने अंकल को जल्दी पकड़ के उनके पूरे जिस्म को अपने हाथो से सहला दिया. अब अंकल की बारी थी मुझे पकड़ ने की मैं जल्दी से भाग रही थी और अंकल मेरे पीछे धीरे धीरे भाग रहे थे. लेकिन अंकल चालाक थे मैं जब अपने कमरे मे जा पहोचि तो उन्होने मेरे रूम का दरवाजा बंद कर दिया और अपनी सारी शक्ति को मेरे पीछे लगा के मुझे पीछे से पकड़ लिया. फिर जो अंकल ने मेरे साथ किया वो मेरे लिए बहुत दर्द भरा था. अंकल ने मुझे पीछे से पकड़ के दीवाल से मेरे पीठ सटा के मुझे चूमने लगे और उन्होने मेरे बालो को दोनो हाथो से पीछे से पकड़ के ज़ोर से खिच ने लगे, वो मेरे उपर के होठ को ज़ोर से काट रहे थे, मुझे बहुत दर्द हो रहा था मेरी आँखो मे आसू आने वाले थे, फिर वो मेरे नीचे के होठ को काट ने लगे, मे पागलो की तरह छट पटा रही थी उनसे छूटने के लिए, मेरे दोनो होंठो को बहुत बुरी तरह से काट कर वो मुझे देख ने लगे और हल्की सी स्माइल कर रहे थे, मानो वो जीत गये हो. फिर उन्होने मुझे बेड के किनारे पे घुटनो बल बिठा के मेरा सिर गद्दे की ओर था मेरी पीठ उनकी ओर थी, वो मेरे पीछे आके मेरे बालो को सिर के उपर से करते हुए मेरी पीछे की गर्दन के नीचे को भाग को काटने लगे, मेरे जिस्म मे बहुत ज़ोर का दर्द हो रहा था, मेरे कोई भी दर्द की परवाह ना करते हुए उन्होने मुझे अपने दांतो से ज़ालिमो की तरह काट दिया. मेरी गर्दन के नीचे का भाग काफ़ी दर्द कर रहा था, उनके दांतो के निशान वाहा पड़ गये थे. मैं बहुत ज़ोरे से रो रही थी. उन्होने अपने आप को बेड के किनारे पे बैठाते हुए मुझे उनकी गोद मे बिठा दिया. मेरी आँखो से आ रहे आसू को वो अपने होंठो से पी रहे थे और मेरे बालो को सहला रहे थे. मुझे उनका मेरे उपर प्यार करने का तरीका बहुत अच्छा लग रहा था, पहले जखम दो और उसपे मलहम लगाओ. मेरी आँखो से आसू बंद ना हुए तब तक वो मुझे मेरे होंठो पर और मेरी आँखो को चूमते रहे. मेने आख़िर मे उन्हे चूम लिया और वो समझ गये की मेने उन्हे माफ़ कर दिया है. हम दोनो बेड पे लेट गये और अंकल ने मुझे कहा “ जया मैं ज़्यादा जोश मे आ गया था, मेने कभी नंगी लड़की को आइसे भागते नही देखा था और तुमने मुझे कमजोर समझा तो मुझे गुस्सा आ गया और मेने तुम्हे काट दिया” मेने कहा “ कुछ नही अंकल, मेने कहा था आप मेरे साथ कुछ भी कर सकते हो, आपने काट ने के बाद मुझे प्यार भी तो किया वही मेरे लिए बहुत है, वैसे भी मेरी जिस्म की प्यास बहुत ज़्यादा है ऐसा आप ने ही कहा था”. अंकल मेरी इस बात से काफ़ी संतुष्ट थे और मुझे धीरे धीरे चूमने लगे. अंकल मेरी चूत मे अपनी जीभ से अंदर बाहर कर रहे थे और हम दोनो ने एक साथ पानी छोड़ दिया और नंगे ही बेड पे लेट गये. अंकल मे मुझे अपनी ओर खिच ते हुए मेरा सिर अपनी छाती के उपर रख दिया, मैं उनकी छाती के बालो पर हाथ फेर रही थी, अंकल ने कहा “ जया कल सनडे है तो हम कल नही मिल पाएँगे” तो मेने कहा “ कुछ नही अंकल मे आज रात को आपके यहा आ जाउन्गी, क्यूंकी मेरे मम्मी पापा सनडे को देर से उठ ते है, तकरीबन 9 बजे के बाद, मैं आपके पास रात को 12 बजे आ जाउन्गि और सुबह 8 बजे चली जाउन्गि, और फिर पूरा सनडे हम अपने अपने घर मे सोते रहेंगे और फिर मंडे को सुबह 5 बजे मे आपके घर मे आ जाउन्गी, ठीक है “. अंकल ने मेरी बात को थोड़ा समझते हुए कहा “ ठीक है, लेकिन आज शाम को तुम अपने हाथो और पैरो मे मेहन्दी ज़रूर लगा ना” मेने कहा “ ठीक है, मैं कॉलेज से आते मम्मी के पास से अपने हाथो और पैरो पर मेहन्दी रचा दूँगी”.
क्रमशः........
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