RE: Hindi Sex काले जादू की दुनिया
यह दृश्य आचार्य और पायल दोनो की आँखो मे चुभ रहा था. तभी त्रिकाल ने फिर दहाडा, “अगर चाहते हो कि यह औरत जिंदा बच जाए तो इस लड़की को मंदिर से बाहर आने को कहो...”
इसे सुनकर पायल बहुत डर गयी, पर अपनी आँखो के सामने अपनी माँ की ऐसी दयनीए हालत उसे देखा ना गया और उसने अपने कदम मंदिर की चार दीवारी के बाहर पड़ने के लिए उठ गये.
“रूको बेटी...मंदिर के बाहर मत जाओ...यह दुष्ट पापी इस मंदिर के अंदर कभी नही आ सकता है.” आचार्य ने अपनी बेटी को रोकते हुए कहा.
त्रिकाल यह देख कर गुस्सा और भड़क गया. उसने मन्त्र पढ़ा और सुनीता देवी के सारे कपड़े गायब हो गये और वो सबके सामने नंगी हो गयी. आचार्य और पायल ने ऐसी घिनोनी हरकत देख कर अपनी आँखे बंद कर ली.
“वाह क्या माल है तेरी बीवी सत्य प्रकाश....इसे भोगने मे तो बड़ा ही आनंद आएगा...हा हा हा.” त्रिकाल ठहाके लगाते हुए बोला.
फिर त्रिकाल ने अपना बड़ा सा काला लबादा आगे से थोड़ा हटाया तो उसका विकराल लिंग बाहर आ गया. पायल समझ गयी कि उसकी माँ के साथ क्या होने वाला है इसलिए उसने अपने पिता का हाथ छुड़ा कर मंदिर की चार दीवारो से भाग कर त्रिकाल के सामने आ गयी. आचार्य यह सब ख़ौफ्फ भरी निगाहो से देखते रहे.
“ले दुष्ट मैं आ गयी हू...अब मेरी माँ को छोड़ दे...” भोली भाली पायल त्रिकाल की बातो मे आ गयी थी.
“हा..हा..हा..अरे ओ सत्य प्रकाश...क्या तूने अपनी इस चिकनी जवान लड़की को यही शिक्षा दी है कि मुझ जैसे कमीने शैतान पर इतनी जल्दी भरोसा कर ले...” त्रिकाल अपने लिंग को हाथो से सहलाता हुआ बोला.
आचार्य की तो मानो दुनिया ही बर्बाद हो गयी थी. उन्होने चिल्ला कर कहा, “त्रिकाल मैने तेरा क्या बिगाड़ा है जो तू मेरे परिवार के साथ ऐसा कर रहा है...”
“तूने उन दोनो लौन्डो को मेरी मौत का राज़ बता कर अपनी ज़िंदगी की सबसे बड़ी भूल कर दी है....अब यह त्रिकाल तेरी इन आँखो के सामने तेरी बीवी और बेटी को भोगेगा...हा..हा.हा.”
आचार्य को मानो दिन मे तारे दिखाई देने लगे. उन्होने भगवान से पूछा कि उनके पुण्य की सज़ा उन्हे और उनके परिवार को क्यू मिल रही है.
इधर पायल को एहसास हुआ कि अब वो कितनी बड़ी मुसीबत मे फस चुकी है. उसने सोचा कि भाग कर वापस मंदिर मे चली जाए लेकिन तभी त्रिकाल ने काला जादू कर के उसे वही रस्सी से बाँध दिया. आश्रम के बाकी सेवको का भी यही हाल था.
त्रिकाल अगले पल सुनीता देवी की चूत को अपने उंगलियो से सहलाने लगा. आचार्य अब टूट चुके थे. वह वही बैठ गये और किसी पुतले की तरह अपनी पत्नी की लूट ती हुई इज़्ज़त को देखने लगे.
त्रिकाल ने ज़बरदस्ती सुनीता देवी को वही लिटा दिया और उन्हे ज़बरदस्ती चौपाया बना कर उनकी चूत पर अपना हाथी जैसा काला लॉडा टिका दिया और एक करारा झटका मार कर सुनीता देवी की चूत के परखच्चे उड़ा दिया. लॉडा चूत फाड़ता हुआ सीधे बच्चेदानि से टकराया.
“नाआहहिईीईईईईई........” एक लंबी चीख मार कर सुनीता देवी वही ढेर हो गयी.
“अरे यह तो मर गयी.....मेरे लौडे का एक भी वार कुतिया झेल ना सकी...हा हा हा”
पायल यह सब दहशत भरी निगाहो से देख रही थी. इतने मोटे लौडे को सुनीता देवी झेल ना पाई और दर्द की वजह से मर गयी. उधर आचार्य को मानो लकवा मार गया हो वो बस पुतले की तरह अपनी पत्नी को मरता हुआ देख रहे थे. उनका जिस्म जवाब दे चुका था बस उनकी आँखो से आँसू लगतार बह रहे थे.
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