RE: Hindi Sex काले जादू की दुनिया
करण धड़कते दिल से धीरे धीरे उपर जाने लगा. उसके दिमाग़ मे हर तरह की बातें चल रही थी. अपनी माँ का सपना, आचार्य का मार्गदर्शन, त्रिकाल द्वारा सलमा का बलात्कार और हत्या, अपनी प्यारी बहन का त्रिकाल के चंगुल मे फस जाना और अब उसकी प्रेमिका की सगाई वो भी अगले ही दिन.
अपने ही ख़यालो मे खोया करण जब निशा के कमरे मे पहुचा तो निशा वहाँ नही थी. उसने देखा कि निशा की सेक्सी ब्लू साड़ी और उसकी मॅचिंग ब्लू ब्लाउस वही बिस्तर पर पड़ी थी. साथ ही मे काली रंग की रेशमी डिज़ाइनर ब्रा और बिल्कुल पतली सी एक मॅचिंग डिज़ाइनर पैंटी पड़ी थी.
करण ने जब सर घुमा के देखा तो बाथरूम का दरवाज़ा आधा खुला हुआ था और अंदर से शवर से पानी गिरने की आवाज़ आ रही थी. करण ने मुस्कुराते हुए निशा की ब्रा उठा ली और सूंघने लगा.
“उम्म्म्म.....वाह !!!..” करण ब्रा से आती निशा के पसीने की गंध सूंघ कर उत्तेजित हो गया. उसने तुरंत निशा की पैंटी भी उठा ली और चूत की जगह पर नाक लगाकर सूंघने लगा.
“वूव्व.....क्या गंध है...” करण एक गहरी साँस लेता हुआ अपने मन मे सोचने लगा.
पैंटी से आती निशा की पसीने और पेशाब की गंध से करण की नाक भर गयी जिसे सूंघ कर वो पागल सा हो गया. करण इस से ज़्यादा उत्तेजित आज तक कभी नही हुआ था और वो भी सिर्फ़ निशा की उतरी हुई ब्रा और पैंटी से.
एक जवान औरत के पसीने और पेशाब की गंध भी इतनी मादक हो सकती है आज करण ने जाना था. उसने तुरंत निशा की पैंटी को जहाँ वो उसकी चूत से चिपकी रहती है चूसने लगा. किसी पागल कुत्ते की तरह वो पैंटी को ही चाटने लगा. वो अपने जीभ पर निशा की पैंटी से निकली पसीना और पेशाब का गीलापन महसूस करने लगा.
करण इतना उत्तेजित हो गया कि उसका हल्लबि लॉडा उसके पॅंट मे ही खड़ा होने लगा. उसने देखा कि निशा की ब्लू ब्लाउज पर बगल आर्म्पाइट वाला हिस्सा गीला है. उसने ब्लाउस को उठाया और अपनी नाक के पास ले जाकर एक गहरी साँस लिया.
“अहह........कितनी मादक गंध आ रही है ब्लाउस से..” उसने मन मे सोचा. निशा की ब्लाउस से उठती तेज़ पसीने की गंध ने करण का सुध बुध सब छीन लिया था. उसे यह भी एहसास नही हुआ कि निशा उसे बाथरूम के दरवाज़े से देख रही है.
जब करण को होश आया तो उसने पाया कि उसके एक हाथ मे निशा की ब्रा और पैंटी है और दूसरे हाथ मे ब्लाउस जिसकी मादक गंध वो ले रहा था. उसने जब सर घुमा के देखा तो निशा दरवाज़े से सर बाहर निकाल के उसे देख रही थी और एक मादक मुस्कान हंस रही थी.
“मैं कपड़े और तौलिया लेना भूल गयी...क्या तुम मेरे वॉर्डरोब से मेरे कपड़े और तौलिया दे दोगे...” निशा ने यह बात इतनी मादकता से कही कि करण को लगा कि वो वही पॅंट मे ही झड जाएगा.
निशा का ऐसा सेक्सी रूप करण ने आज तक नही देखा था. जो निशा उसकी गर्लफ्रेंड होने के बावजूद उसे हाथ भी नही लगाने देती थी यह कहकर कि शादी के बाद ही वो सेक्स करेगी, आज खुद इतनी सेक्सी हरकते कर रही थी.
उसने करण को बहुत तडपाया था, जहा बाकी प्रेमी प्रेमिका शादी से पहले ही संभोग मे जुट जाते है वही निशा का कहना था कि वो अपनी परंपरा और संस्कार के मुताबिक अपने पति से ही शारीरिक संबंध बनाएगी. और इन सब मे बेचारा करण सिर्फ़ हिला के रह जाता था, पर वो निशा की बहुत इज़्ज़त भी करता था इसीलिए उसने अपनी वासना पर सिर्फ़ निशा के लिए काबू रखा और कभी भी निशा की मर्ज़ी के खिलाफ उसे हाथ नही लगाया.
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“सोच क्या रहे हो...मुझे मेरे कपड़े दो..” निशा की आवाज़ मे मादकता ही मादकता भरी थी.
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