RE: Hindi Sex काले जादू की दुनिया
“पर आचार्य आप हमें कोई ऐसा हथियार नही देंगे जिस से हम त्रिकाल पर विजय प्राप्त कर सके...”
“बेटा भाई भाई का प्यार ही वो ऐसा हथियार है जो तुम दोनो को हर ख़तरे से दूर रखेगा....मैं यह बात जानता हू कि तुम अपने भाई करण को पसंद नही करते पर जिस राह पर तुम दोनो निकले हो वो बहुत कठिन है...जिसमे अगर तुम सब एक जुट होकर नही रहोगे तो कभी त्रिकाल को नही हरा पाओगे....मेरी एक बात याद रखना अर्जुन, त्रिकाल की नफ़रत की काट सिर्फ़ तुम तीनो भाई बहेन का प्रेम ही है...वो तुम दोनो को चाहे कितना भी नुकसान पहुचा सकता है पर तुम दोनो के प्रेम को कभी कम नही कर सकता...” आचार्य ने अर्जुन को आख़िरी बात समझाई जो अब उसके कानो मे गूँज रही थी.
तीनो आश्रम से बाहर निकल कर स्कॉर्पियो पर बैठ चुके थे.
“तुम्हे आचार्य के साथ ऐसा नही करना चाहिए था...” अर्जुन गाड़ी स्टार्ट करते हुए करण से बोला.
“मैं उस घटना के लिए बहुत शर्मिंदा हू...पर उस समय मुझे बहुत गुस्सा आ गया था...” करण पीछे की सीट से बोला.
“आप दोनो लोग छोड़ो इस बात को.....अब यह पता करो कि हम त्रिकाल का अड्डा ढूंढ़ेंगे कैसे...?” काजल ने बीच मे कहा.
इस बात का जवाब किसी के पास नही था. अर्जुन गाड़ी भगा ही रहा था कि उसके मोबाइल फोन की घंटी बज उठी.
गाड़ी को हाइवे के किनारे खड़ा करते हुए वो बाहर उतर गया पर जब उसने फोन देखा तो जो नंबर था उसे पढ़ कर उसकी भवें सिकुड गयी.
फोन पर एक महिला की रोने की आवाज़ आई, “अर्जुन बेटा सलमा दो रात से घर नही आई है....क्या तुम जानते हो कि वह कहाँ गयी है...”
अर्जुन यह सुन कर हैरान रह गया, उसे वो रात की वो घटना याद आ गयी जब सलमा उस से नाराज़ होकर आधी रात को अकेले उसके घर से चली गयी थी.
“ना....नही...आंटी वो तो मेरे घर से परसो रात को ही निकल गयी थी....उसे तो अब तक आपके पास होना चाहिए था...” अर्जुन थूक गटकते हुए बोला.
“पता नही बेटा....अब तक वो घर नही आई है...मुझे तो डर लग रहा है कि कही मेरी बच्ची के साथ कोई अनहोनी ना हो गयी हो..”
“आप फिकर मत करिए आंटी...अल्लाह पर भरोसा रखिए मैं उसको फोन करके देखता हू...” सलमा के गायब हो जाने की खबर सुनकर अर्जुन के हाथ पाँव फूलने लगे थे.
“ठीक है बेटा...अगर तुम हमारी मदद कर दो तो तुम्हारी बहुत मेहरबानी होगी...” सलमा की अम्मी फ़ातिमा ने कहा.
“अरे आंटी इसमे मेहरबानी की क्या बात है, पर क्या आपने पोलीस मे कंप्लेंट लिखवाई है...?”
“लिखवाई तो है बेटा....पर तुम तो यहाँ की पोलीस को जानते ही हो...हम जैसे ग़रीब लोगो की मदद कोई पोलीस वाला नही करना चाहता है...”
“मैं अभी पोलीस स्टेशन जा के देखता हू....बस आप अपना ख़याल रखिएगा..”
“अल्लाह तुम्हे रहमत बख्से बेटा.....” और फ़ातिमा ने फोन काट दिया.
गाड़ी के अंदर से काजल और करण, अर्जुन को परेशान देख कर खुद परेशान हो रहे थे.
अर्जुन ने तुरंत सलमा का नंबर डाइयल किया. पूरी घंटी बज के काट गयी पर किसी ने फोन नही उठाया. अर्जुन के माथे पर पसीना सॉफ बता रहा था कि सलमा के साथ ज़रूर कोई अनहोनी हो गयी है.
“हे भगवान कहीं सलमा का कोई आक्सिडेंट तो नही हो गया...” अर्जुन माथे पर के पसीना को सॉफ करते हुए बोला.
वो गाड़ी के अंदर आ गया तो काजल ने उस से पूछा, “क्या हुआ भैया....आप बहुत परेशान लग रहे हो..”
“अभी अभी सलमा की अम्मी का फोन आया था....” कहते हुए अर्जुन बीच मे रुक गया.
सलमा का नाम पहली बार सुनकर करण ने पूछा, “यह सलमा कौन है...???”
“अर्जुन भैया की गर्लफ्रेंड....” काजल ने बताया, जिसे सुन करण मुस्कुराए बिना नही रह सका.
“तो सलमा की अम्मी ने क्या कहा फोन पर...?” काजल ने अर्जुन से पूछा.
“सलमा परसो से घर नही आई है....जिस रात वो मेरे घर से गयी थी, उसके बाद वो अपने घर पहुचि ही नही.....हे भगवान यह कैसी कैसी मुसीबत आती जा रही है हम पर....”
“ओह्ह माइ गॉड.....यह क्या कह रहे हो अर्जुन भैया....” काजल को एक झटका सा लगा.
फिर अर्जुन ने सारी बात बता दी. पिच्छले कुछ दिनो से तीनो लोगो पर हैरानी के झटके पर झटके लगते जा रहे थे. कुछ दिन पहले एक आम जिंदगी जीने वाले यह तीन लोगो की जिंदगी अब बिल्कुल बदलने वाली थी.
“भैया अगर ऐसी बात है तो हमें पोलीस स्टेशन ज़रूर चलना चाहिए...” काजल चिंतित स्वर मे बोली.
“हाँ काजल हमें ज़रूर चलना चाहिए....क्यूकी अगर सलमा को कुछ भी हो गया तो मैं अपने आप को कभी माफ़ नही कर पाउन्गा..” अर्जुन ने सरपट गाड़ी मुंबई के दादर पोलीस स्टेशन की तरफ भगा दी.
टू बी कंटिन्यूड....
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