RE: Hindi Sex काले जादू की दुनिया
“कोई बात नही भैया...मैं तुम्हारी मदद करूँगी....मुझे उम्मीद है कि अगर वो तुम्हे सच्चा प्यार करती होगी तो तुम्हे ज़रूर माफ़ कर देगी...”
अपनी बहन की ऐसी बातें सुन कर अर्जुन उसके गले लग गया. भाई बहन का यह रिश्ता अनमोल था. अर्जुन को बहुत राहत मिल रही थी अपने दिल का बोझ अपनी बहन के सामने हल्का कर के. उसे पता था अगर काजल मदद करेगी तो वो सलमा से ज़रूर माफी माँग लेगा.
“अच्च्छा बताओ दूसरी बात क्या है....” काजल जल्दी से इस टॉपिक को बदलना चाह रही थी, अपने भाई के सामने ऐसी बातें सुनकर उसे थोड़ा अनकंफर्टबल फील हो रहा था.
“अगली बात बड़ी अजीब है...करीब दो महीनो से मुझे एक ही सपना आ रहा है..” अर्जुन बोला.
“क्या !!!...दिस ईज़ इंपॉसिबल एक ही सपना बार बार कैसे आ सकता है...और क्या आता है सपने मे...?” काजल के लिए यह दूसरा झटका था आज के लिए.
“अब कैसे आता है वो तो मुझे नही पता...पर किसका आता है वो मुझे पता है...”
“किसका....अब जल्दी बताओ..” काजल बोली.
“माँ का.......”
“व्हाट !!!.......” काजल को कुछ समझ मे नही आ रहा था.
“काजल लगभग हर रात मुझे यही सपना आता है कि मा मुझे पुकार रही है...लगता है जैसे वो कोई अंधेरी गुफा मे बंद है और किसी ने उसे बंदी बनाकर रखा हुआ है....वो कहती है कि सिर्फ़ मैं ही उसे वहाँ से निकाल सकता हू...”
“दिस ईज़ इंपॉसिबल...माँ की तो बारह साल पहले नदी मे गिरने से मौत हो गयी थी...फिर यह सब का क्या मतलब है...” काजल हैरान थी.
“पता नही...शायद मेरा दिमाग़ घूम गया है...लगता है किसी साइकिट्रिस्ट को दिखना पड़ेगा..”
“नही भैया मुझे तो लगता है कि हमारी माँ जिंदा है और वो तुम्हे अपनी मदद के लिए पुकार रही है...”
“व्हाट नॉनसेन्स काजल....यह कैसे हो सकता है...कोई सपनो के द्वारा किसी को कैसे पुकार सकता है....तुम भी अंधविश्वासी हो गयी हो क्या..”
काजल के जवाब देने से पहले ही बाहर गाड़ी की आवाज़ आई फिर उसका हॉर्न बजा. काजल को जिसकी तलाश थी शायद वो आ गया था. जैसे ही दरवाज़े की घंटी बजी काजल दौड़ कर दरवाज़ा खोलने चली गयी. अर्जुन को कुछ समझ मे नही आया और वो हैरानी से यह सब देखने लगा.
“हॅपी बर्तडे....कही मैं ज़्यादा लेट तो नही हो गया...” सामने से एक शक्स की आवाज़ आई.
काजल ने घड़ी मे देखा, 12 बजने मे अभी दस मिनिट बाकी थे जिसका मतलब था वो शक्स काजल के बर्तडे ख़तम होने से जस्ट पहले पहुच गया था.
“थॅंक यू करण भैया.....आइ लव यू...” कहते हुए काजल करण से सीने से लग गयी.
“वैसे जस्ट टाइम पे आए हो....पर इतनी देर क्यू लगा दी...” वो कारण के सीने पे मुक्के मारती हुई बोली.
“तू तो जानती है ना मैं कितना बिज़ी रहता हू...उपर से आज तेरे लिए यह अनमोल गिफ्ट ढूँढने मे कयि घंटे लग गये...उसी मे थोडा देर हो गया.” करण मुस्कुराता हुआ बोला और अपने सूटकेस से एक गिफ्ट चमकीले पेपर्स मे रॅप कर के काजल की हाथो मे थमा दिया.
“ना...ना...ना कोई एक्सक्यूस नही चलेगा....नही तो रक्षा बंधन के दिन मेरे पास भी टाइम की कमी हो जाएगी....हुह.” काजल की हाजिरजवाबी से करण मुस्कुराए बिना ना रहा सका.
“पर आप इतने देर से बाहर क्यू खड़े हो...अंदर आओ ना..” काजल कारण का हाथ पकड़ के अंदर खीचते हुए बोली.
“क्या अर्जुन है अंदर...?” कारण ने गंभीरता से पूछा.
“हम है....पर मैं आपको अब कही जाने नही दूँगी...आज रात आपको भी यही रुकना है मेरे घर मे...समझे आप..”
“नही मेरी प्यारी छोटी बहन....अर्जुन घर पर है....मेरा यहाँ रहना ना उसके लिए ठीक है और ना मेरे लिए...और वैसे भी तुझसे मिलने यहा आया था सो मिल लिया...अब मेरा चले जाना ही ठीक रहेगा…” कहते हुए करण मूड कर वापस जाने लगा.
काजल को यह बात ठीक नही लगी और उसने झट से अपने भैया का हाथ थाम कर रोक लिया, “क्या आप दोनो अपनी इस छोटी सी प्यारी बहन को उसके बर्तडे का असली तहफा नही दे सकते.....अगर आप दोनो आज रात यही पर मेरे साथ रुक जाओ और भले थोड़ी देर के लिए अपने गिले शिकवे भुला के मेरे साथ कुछ समय बिता लो...तो यही मेरे लिए सबसे कीमती तोहफा होगा..”
“ऐसा नही हो सकता काजल....” पीछे से कड़कती आवाज़ मे अर्जुन बोला, वो खड़े खड़े पीछे से दोनो की बातें सुन रहा था.
“अर्जुन भैया प्लीज़......आज तो कम से कम अपना अतीत भुला कर मेरे लिए ही सही आपस मे सुलह कर लो...” काजल गिडगिडाते हुए बोली.
“तुम नदी के दो किनारों को मिलने की बात कर रही हो काजल जो नामुमकिन है...”
अपने भाइयो का ऐसा बर्ताव देख कर काजल बिन रोए रह ना सकी, “तुम दोनो नदी के दो किनारे हो...पर यह नदी नफ़रत की है...जब यह नदी पतली होती जाएगी और अंत मे सूख जाएगी तब दोनो किनारे आपस मे मिल सकते है...और अगर तुम लोग मेरे साथ रहना ही नही चाहते तो ठीक है मैं ही चली जाती हू कही और...बस फिर लड़ते रहना आपस मे ज़िंदगी भर...हुह..”
अर्जुन और कारण के पास इसका कोई जवाब नही था. दोनो के सर शर्म से झुके हुए थे. काजल ने अपने आँसू पोछे और दरवाज़े की बाहर जाने लगी तो करण ने उसे रोक लिया, “मेरी प्यारी बहन...तू जो कहेगी मैं वो करने के लिए तय्यार हू....बस तू मुझसे नाराज़ मत होना..”
काजल ने अर्जुन की तरफ देखा तो उसने भी हाँ मे सर हिलाया जिसे देख कर काजल मस्ती मे झूम उठी और ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी, “मेरे दोनो भैया...इस वर्ल्ड के बेस्ट भैया है..”
दोनो करण और अर्जुन अपनी छोटी बहन की बातो पर मुस्कुराए बिना नही रह सके. करण अंदर आ गया और सोफे पर बैठ गया. सामने अर्जुन बैठा और बीच मे काजल. थोड़ी देर तक शांति फैली रही. कोई किसी से नही बोल रहा था.
टू बी कंटिन्यूड...
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