RE: Hindi Sex काले जादू की दुनिया
“तेरे सारे दोस्त चले गये क्या...” अर्जुन ने कहा जब उसने काजल को कमरे के अंदर आते हुए देखा.
“हाँ भैया...पार्टी ओवर...अब मैं एक 21 साल की बुढ़िया हो गयी हू...” काजल हंसते हुए बोली. वो दिखने मे बहुत ही क्यूट थी. उसका रंग गोरा था पर वो हल्की सी हेल्थि थी, शायद अर्जुन ने बचपन मे उसे बहुत ज़्यादा खाना खिला दिया था.
“इस हिसाब से तो मैं भी 24 साल का बुड्ढ़ा हो गया हू...” अर्जुन भी चटकारे लेते हुए बोला. पर आज उसकी हँसी थोड़ी फीकी नज़र आ रही थी जिसे काजल महसूस कर सकती थी.
“वैसे भैया कुछ तो है जो आप मुझे बताना नही चाहते....”
“कुछ नही है स्वीटी...बस काम थोड़ा टेन्षन है...अब रात बहुत हो गयी है तू अब अपने कमरे मे जा और सो जा...”
“नही भैया....मैं आपकी छोटी बहन हू...मैं अपने भैया को सबसे अच्छि तरह से जानती हू...कुछ तो हुआ है जिस से तुम्हारा चेहरा उतरा हुआ है...”
“अरे नही गुड़िया...कुछ नही हुआ है...थोड़ा थक गया था बस...”
“ठीक है जब तक नही बताओगे तब तक मैं ऐसे ही यहाँ बैठी रहूंगी और सोने नही जाउन्गि....हुह”
अर्जुन जानता था अपनी बहन के सामने उसकी एक नही चलने वाली. उसने गहरी साँस ली और कहा, “क्या बताऊ काजल...एक नही दो दो बात है जिनसे मैं बहुत परेशान हू...” बोलते हुए अर्जुन शराब का घूँट पीने लगा.
पहले तो काजल को अर्जुन का शराब पीना बिल्कुल अच्छा नही लगता था इसीलिए उसने हाथ आगे बढ़ा कर उसके हाथो से शराब से भरा ग्लास छीन लिया और बोली, “मेरे सामने आप शराब को हाथ भी नही लगाओगे....समझे...अब बताओ कॉन सी वो दोनो बातें है जो आपको परेशान कर रही है...”
शराब छिन जाने के बाद अर्जुन ने अपनी जेब से सिगरेट और एक लाइटर निकाल लिया और उसे जलाते हुए बोला, “अरे छोड़ ना यार...मैं तुझे यह सब बता के फालतू की टेन्षन नही देना चाहता....तू बस अपने पढ़ाई और कॉलेज पे ध्यान दे...”
काजल को अर्जुन का सिगरेट पीना भी नागवार गुजरा और उसने वो भी उसके मूह से छीन ली और घूर के अपने भाई की ओर देखने लगी.
अर्जुन जानता था कि अब काजल बिना बात जाने वहाँ से उठेगी नही. वो बिस्तर से उठा और बाहर खिड़की की ओर चल दिया. बाहर तेज़ बारिश हो रही थी. घर के अंदर तो पता ही नही चल रहा था कि बाहर का मौसम कैसा है.
“भैया कुछ बोलोगे भी या नही....” काजल भी उठ गयी और अपने भैया के पीछे खड़ी हो गयी.
“पहली बात जो बताने जा रहा हू पर उसे सुन कर तुम मुझसे नाराज़ मत होना...” अर्जुन ने बाहर देखते हू कहा.
“आप जानते हो भैया मैं आपके किसी बात से नाराज़ नही होती...अब जल्दी बताओ यह सस्पेनस से मेरे पेट मे दर्द होने लगा है...”
“तुम सलमा को जानती थी ना...?” अर्जुन ने काजल से पूछा.
“हाँ जानती थी....तुम लोग करीब 6 महीने से रिलेशन्षिप मे हो...मैं उस से मिल भी चुकी हू....शी ईज़ आ वेरी नाइस गर्ल...पहली बार तुम्हे कोई ढंग की लड़की मिली है नही तो पहले जो लड़किया थी उन्हे तुम मे कम और तुम्हारे पैसे मे ज़्यादा इंटेरेस्ट था..”
अर्जुन बोला “वो आज मेरे घर आई दो महीने बाद. मैं इतने दिनो से किसी लड़की के साथ नही था. मेरे अंदर का मर्द रह रह कर उफान मार रहा था. और जब वो आई तब वो सब उस बेचारी पर निकल गया...”
“मुझे कुछ समझ मे नही आ रहा है.....” काजल हैरानी से बोली.
“आज कामवासना मे अंधे हो कर मैने वो कर दिया जिसे ना करने का वादा मैने सलमा से किया था. उसके सारे जज़्बातो की धज्जिया उड़ा दी मैने. उसके मूह पर कालिख पोत दी है मैने.” कहते हुए अर्जुन का गला भारी हो गया.
अपने भाई के मूह से ऐसी बात सुनकर काजल को पता लग गया कि कुछ सीरीयस है नही तो उसका मुहफट भाई कभी ऐसी एमोशनल बातें नही करता था.
“क्या किया भैया आपने....?” काजल ने धीरे से पूछा.
“यह बोलो क्या नही किया मैने...सब कुछ तो कर चुका हू उसके साथ जो नही करना चाहिए था...” अर्जुन की आँखो से निकलते आँसू अब काजल भी देख सकती थी.
“बेचारी के साथ उसकी मर्ज़ी के बिना सेक्स किया है मैने...उस कुवारि लड़की के साथ बहुत बेदर्दी से पेश आया मैं...ना जाने मुझे उस समय क्या हो गया था कि मैं इंसान से जानवर बन गया. बेचारी बेहोश हो गयी फिर भी मैं उसके साथ करता रहा. बेचारी ने मोम के पुतले की तरह मुझे अपना जिस्म सौंप दिया और मैं उसे दर्द देता रहा पर वो एक शब्द नही बोली...आख़िर मुझसे प्यार करती थी वो...” और अर्जुन फफक फफक कर रोने लगा.
काजल यह सब सुनते ही लड़खड़ा गयी, मानो उसके पावं तले ज़मीन खिसक गयी हो. वो भौचक्की खड़ी सब सुन रही थी. वो अपने भाई को किसी देवता समान समझती थी. उसे पता था कि उसके भाई का पुरानी गर्लफ्रेंड्स के साथ जिस्मानी ताल्लुक़ात रहते थे लेकिन वो यह नही जानती थी कि अगर कोई लड़की मना कर दे तो उसका भाई उस लड़की के साथ ज़बरदस्ती भी कर सकता था.
“तुमने आज मुझसे प्यार नही मेरा बलात्कार किया है...यही बस एक शब्द उसने बोला और चली गयी....सच मे मैने उस से प्यार नही उसका बलात्कार किया है...मैं अपने किए पर बहुत बहुत शर्मिंदा हू...” और अर्जुन के पैर जवाब दे गये और वो वही फर्श पर बैठ के रोने लगा.
“क्या तुम उस से सच्चा प्यार नही करते थे...” काजल ने अपने भाई को उसके कंधो से पकड़ कर उठाया.
“शायद नही....तभी तो उसके जिस्म की भूक इतनी हो गयी थी मेरे अंदर कि मैं जानवर बन गया...” बोलते हुए अर्जुन काजल का सहारा लेते हुए बिस्तर पर बैठ गया.
“चलो कम से कम तुम्हे ग़लती का एहसास तो है....पर मुझे अभी तक विश्वास नही हो रहा कि मेरा भाई किसी लड़की के साथ ऐसा भी कर सकता....सोचो अगर ऐसा कोई मेरे साथ कर दे तो..”
“नही....नही....मेरी बहन मैं ऐसा कभी सोच भी नही सकता...मैं उस को जान से मार डालूँगा जो तेरे साथ ऐसा करने का सोचेगा भी...” अर्जुन का चेहरा गुस्से से तिलमिला उठा.
“सलमा भी किसी की बहन रही होगी....” काजल ने गहरी साँस लेते हुए कहा.
“मैं उस से माफी माँगने वाला था पर मेरी हिम्मत नही हुई....आख़िर किस मूह से माफी मांगू उस से....”
“कोई बात नही भैया...मैं तुम्हारी मदद करूँगी....मुझे उम्मीद है कि अगर वो तुम्हे सच्चा प्यार करती होगी तो तुम्हे ज़रूर माफ़ कर देगी...”
अपनी बहन की ऐसी बातें सुन कर अर्जुन उसके गले लग गया. भाई बहन का यह रिश्ता अनमोल था. अर्जुन को बहुत राहत मिल रही थी अपने दिल का बोझ अपनी बहन के सामने हल्का कर के. उसे पता था अगर काजल मदद करेगी तो वो सलमा से ज़रूर माफी माँग लेगा.
टू बी कंटिन्यूड...
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