RE: Hindi Sex काले जादू की दुनिया
सलमा ने एक नज़र बगल मे लेटे हुए अर्जुन पर डाली, उसके मूह पर एक विजयी मुस्कान थी और मूह मे एक सिगरेट.
“अरे मेरी रानी, तुझे कुछ नही हुआ, ज़रा सा बस बेहोश हो गयी थी....और यह खून भी तुरंत रुक जाएगा...एक दो बार और चुदवा लोगि मुझसे तो चूत बिल्कुल खुल जाएगी और मेरे खड़े लंड को अपने अंदर अच्छे से अड्जस्ट कर लेगी...” अर्जुन आराम से सिगरेट का कश लगाते हुए बोला.
सलमा ने सोचा कि यह कितना गंदा आदमी है, जो उस से इतना प्यार करती है उसे यह वासना का पुजारी बेहोशी की हालत मे भी चोदता रहा. वो बिना कुछ बोले उठी, पर इतनी ताबड़तोड़ चुदाई के बाद उसके पैर जवाब दे गये और वो लड़खड़ा गयी.
अर्जुन आगे बढ़ कर उसे थामने वाला ही था कि सलमा ने उसे पहले ही रोक दिया. वो नही चाहती थी यह इंसान उसे अब एक भी बार और च्छुए.
बाहर अब तक काफ़ी रात हो गयी थी. सलमा चुप चाप अपने कपड़े समेटने लगी, उसकी आँखे लगातार आँसू टपका रही थी. उसने अपना सलवार कमीज़ उठाया और पहन ने लगी. ब्रा और पैंटी तो अर्जुन ने बेरहमी से फाड़ दी थी जो अब पहन ने लायक नही रह गयी थी.
बिना ब्रा पैंटी के कपड़े पहन ने से सलमा का सफेद सलवार चूत की जगह पे खून लगने से लाल हो गया था. उसने एक मोम के पुतले की तरह अपना दुपट्टा उठाया और घर से बाहर जाने लगी.
“अरे इतनी रात को बाहर क्यू जा रही है...आज मेरे यहाँ ही रुक जा...थोड़ी और मस्ती करते है...रात भर प्यार व्यार करेंगे...” अर्जुन मूह से सिगरेट निकालते हुए बोला.
सलमा लड़खड़ाते हुए अर्जुन के पास आई और अपनी पूरी ताक़त लगा कर अर्जुन के गालो पर ज़ोर का तमाचा लगा दिया. “तुमने आज मुझसे प्यार नही मेरा बलात्कार किया है...” सलमा ने बस इतना कहा और लड़खड़ाते कदमो से बाहर निकल गयी.
तमाचा पड़ने से अर्जुन सन्न रहा गया, पर आज ना जाने क्यू उसे बुरा नही लगा. वासना का भूत अब अर्जुन से उतर चुका था. उसके दिल मे कही ना कही ग्लानि का भाव था कि उसने सलमा के साथ जो किया वो ग़लत था. इस से पहले वो कयि लड़कियो को ठोक चुका था पर वो सब अर्जुन के दौलत की भूकि थी और खुद अपनी चूत मरवाने के लिए हमेशा तय्यार रहती थी. पर सलमा की बात कुछ और थी. भले ही वो ग़रीब परिवार की थी पर उसमे अर्जुन के लिए सच्चा प्यार था ना कि बाकी लड़कियो की तरह पैसो का लालच.
अर्जुन को अभी तक लग रहा था कि सलमा सेक्स एंजाय करेगी, उसने सलमा के संस्कारो को ठीक से समझा नही था. सलमा के लिए अपनी और अपने अब्बू अम्मी की इज़्ज़त ही सबकुछ थी जिसकी अभी अभी उसने धज्जिया उड़ा दी थी.
|