RE: raj sharma stories भाभी का दूध
भाभी – प्लीज़ ये मत करो
मैं –क्यों
भाभी – नहीं ये सही नहीं है, हम दोनो का रिश्ता…
मैं – अब हमारा रिश्ता प्यार का है प्यार में सब सही होता है, और आज से इसे कुच्छ भी नाम दे दो.
भाभी – नहीं पर प्लीज़ इसे मत डालो.बाकी जो करना हो करो.
मैं – जब जीभ जा सकती है,उंगली जा सकती है तो ये क्यों नहीं.
भाभी – नहीं, कुच्छ हो गया तो
मैं - मैं कॉंडम लगा लेता हूँ.
भाभी – पूरी तय्यारी से आए हो
मैं – (हंस दिया)
भाभी – नहीं कॉंडम मत लगाओ.अच्च्छा नहीं लगता
मैं – सच मेरे को भी अच्छा नहीं लगता.जब तक स्किन से स्किन टच ना हो तो क्या मतलब.
भाभी हंस दी मुझे ग्रीन सिग्नल मिल गया.मैने तुरंत भाभी के पैर फैलाए और और अपना सूपड़ा भाभी की चूत के ऊपर घिसने लगा.भाभी ने अपने दो हाथ पीछे कर तकिया पकड़ लिया.मैं समझ गया भाभी तय्यार हैं.मैने धीरे से लंड भाभी की चूत सरकाना चाहा पर भाभी की चूत तो एकदम टाइट थी जैसे किसी 18 साल की लड़की की.मैने थोड़ा ज़ोर लगा के अंदर डाला भाभी के मूह से आह निकल गई.मुझे भी ऐसा लगा मानो मेरा लंड जाकड़ गया हो.भाभी अंदर से गरम भट्टी हो रही थी.मैने भाभी के उपर आते हुए पूरा लंड भाभी की चूत के अंदर कर दिया,भाभी तड़प उठी मुझे अपनी बाहों में कस कर पकड़ा और मेरे होंठों को चूसने लगी.अब तक में और भाभी दोनो पसीने से नहा चुके थे.झटके देते समय दोनो की छातियो के बीच से फ़च फ़च की आवाज़ें आ रही थी.दोनो जन्नत में थे.मैं भाभी के ऊपर पूरा लेट गया और पूरी ताक़त से दोनो दूधों को पकड़ कर मिला दिया और दोनो निप्पालों को मूह में लेकर चूसने लगा.भाभी के हाथ मेरी पीठ पर थे और वो मुझे कस कर नोच रही थी.मैने झटके और तेज़ कर दिए फिर थोड़ी ही देर में दोनो झाड़ गये लेकिन भाभी फिर भी मुझे चूमती रही.मैने पूछा – अच्च्छा लगा
भाभी – बहुत, ये सब करने में इतना मज़ा आता है मुझे आज पता चला
मैं – सच आपको अच्च्छा लगा
भाभी – बहुत ज़्यादा (इतने में मैं थोड़ा हिला तो भाभी बोली) अभी बाहर मत आना
मैने भी अपने लंड को अंदर ही डाले रखा और भाभी के होंठ चूसने लगा.भाभी भी मेरा साथ देने लगी,अब भाभी भी थोड़ा खुल गयी थी उन्होने मेरा सिर पकड़ा और नीचे की तरफ धकेल दिया मैं समझ गया भाभी मुझे दूध पीने को बोल रही है मैने तुरंत दोनो हाथो से दूधों को मिलाया और फिर दोनो निप्पालों को मूह में डालकर एक साथ पीने लगा,भाभी के मूह से सिसकियाँ निकलने लगी.
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